जासूसी कांड की जांच के बहाने नरेंद्र मोदी की जड़ खोदने पर आमादा कांग्रेस के दो साझीदार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) ने रविवार को मामले की जांच के लिए आयोग गठित करने का विरोध करते हुए कहा है कि इसका समय उचित नहीं है। संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राकांपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "आयोग गठित करने का फैसला दिसंबर में लिया गया था। अब जब चुनाव परिणाम आने में महज 10 दिन रह गए हैं तो यह सही समय नहीं है।"
उन्होंने कहा, "आखिरी समय में एक जांच आयोग के गठन का मैं समर्थन नहीं कर सकता।"उन्होंने आगे कहा कि इस आशय का मंतव्य प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राकांपा प्रमुख शरद पवार के द्वारा पहुंचा दिया गया है। कांग्रेस के एक और सहयोगी नेकां ने भी आयोग के गठित करने के समय को लेकर आलोचना की है।
नेकां नेता और जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विट किया है, "यदि फैसला दिसंबर में लिया गया था तो उसे लागू किया जाना चाहिए था। पांच महीनों बाद किसी न्यायाधीश की नियुक्ति गलत बात है।"इस बीच मतभेद को देखते हुए कांग्रेस ने कहा है कि इस मुद्दे पर सहयोगियों के साथ बातचीत की जाएगी।