मतगणना के मापदण्डों से अवगत हुए राजनैतिक दलो के प्रतिनिधि
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एम0बी0ओझा की अध्यक्षता में सोमवार को आहूत की गई जिला स्तरीय स्टेडिंग कमेटी की बैठक में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को मतगणना के मापदण्डों से भली-भांति अवगत कराया गया। कलेक्टेªट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई उक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, अपर कलेक्टर डाॅ0के0डी0त्रिपाठी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री रायसिंह नरवरिया, जिला पंचायत सीईओ श्री शशिभूषण सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री जयप्रकाश शर्मा समेत अन्य विभागों के अधिकारी एवं अभ्यर्थिगण, राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे। कलेक्टर श्री ओझा ने बताया कि संसदीय क्षेत्र विदिशा, सागर और विधानसभा उप निर्वाचन 144- विदिशा के लिए मतगणना कार्य 16 मई शुक्रवार की प्रातः आठ बजे से जिला मुख्यालय पर एसएसएल जैन काॅलेज में प्रारंभ होगा। बैठक में मतगणना अभिकर्ताआंे की भूमिका, मतगणना अभिकर्ताओं की नियुक्ति अर्हताएं, वोटिंग मशीनों का संक्षिप्त परिचय, मतगणना अभिकर्ताओं का मतगणनाा हाल में प्रवेश, मतगणना मेजों के अवरोध की व्यवस्था, गोपनीयता बनाए रखना, मतगणना अधिकारियों का रेण्डमाईजेशन, डाक मतपत्रों की मतगणना, पोलिंग स्टेशनों पर डाले गए मतों की मतगणना एवं विधानसभावार मतगणना चक्रों इत्यादि के संबंध में विस्तृृत जानकारी दी गई।
रिटोटलिंग
कलेक्टर श्री ओझा ने इस दौरान बतलाया कि वोटिंग मशीनों में रिकार्ड किए गए मतों की पुर्नगणना नही की जाएगी बल्कि अभ्यर्थी, अभिकर्ता की आपत्ति पर रिटोटलिंग कराने के निर्देश आयोग द्वारा जारी किए गए है इसके लिए उसी राउण्ड में आपत्ति दर्ज करानी होगी ताकि रिटोटलिंग का कार्य किया जा सकें।
मतगणना कक्षों का विवरण
एसएसएल जैन महाविद्यालय के प्रथम तल हाल नम्बर एक में विदिशा विधानसभा उप चुनाव की 14 टेबिल और एक डाक मतपत्र के लिए टेबिल लगाई जाएगी। विदिशा लोकसभा क्षेत्रांर्तगत प्रथम तल के हाल नम्बर दो में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-144 विदिशा के मतों की गणना हेतु 14 टेबिल नियत की गई है। इसी प्रकार प्रथम तल कक्ष क्रमांक-तीन ए विदिशा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-145 बासौदा की एक से सात टेबिल तक और कक्ष क्रमांक-तीन-बी में बासौदा विधानसभा क्षेत्र की मतगणना हेतु आठ से 14 तक की टेबिले नियत की गई है। सागर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-148 शमशाबाद के मतो की गणना हेतु प्रथम तल कक्ष क्रमांक-चार ए में एक से सात तक और कक्ष क्रमांक चार बी में आठ से 14 तक की टेबिले नियत की गई है। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 146 कुरवाई के मतो की गणना हेतु भूतल कक्ष क्रमांक तीन ए मेें एक से सात तक की टेबिले ओर कक्ष क्रमांक तीन बी में आठ से 14 तक की टेबिले नियत की गई है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-147 सिरोंज के मतो की गणना हेतु एसएसएल जैन काॅलेज महाविद्यालय के भूतल कक्ष क्रमांक-चार ए में एक से सात तक की टेबिले लगाई जाएगी वही भूतल पर ही स्थित कक्ष क्रमांक चार बी में आठ से 14 तक की टेबिले नियत की गई है। मतगणना के लिए प्रत्येक टेबिल पर क्रमशः गणना पर्यवेक्षक, गणना सहायक और भारत निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि के तौर पर केन्द्रीय शासन के कर्मचारी (माइक्रोआब्जर्वर) की नियुक्ति कम्प्यूटर रेण्डमाइजेशन के माध्यम से की जायेगी।
मतगणना अभिकर्ताओं की संख्या
प्रत्येक टेबिल पर एक मतगणना अभिकर्ता, एक रिटर्निंग आफीसर की टेबिल पर इस प्रकार कुल 15 व्यक्तियों को मतगणना अभिकर्ता नियुक्त किया जा सकता है डाक मतपत्र की टेबिल लगने पर एक अभिकर्ता डाक मतपत्र हेतु भी नियुक्त किया जा सकता है।
बैठक व्यवस्था
मतगणना बैंच पर मतगणना अभिकर्ताओं की बैठक व्यवस्था प्राथमिकता क्रमानुसार होगी जिसमें सबसे पहले मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों के अभ्यर्थी फिर क्रमशः मान्यता प्राप्त राज्यीय दलों के अभ्यर्थी, अन्य राज्यों के मान्यता प्राप्त राज्यीय दलों के अभ्यर्थी जिन्हे निर्वाचन क्षेत्र में उनके आरक्षित प्रतीकों का उपयोग करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। रजिस्ट्रीकृृत गैर मान्यता प्राप्त दलों के अभ्यर्थी, स्वतंत्र अभ्यर्थी बैठेगें।
जिला एवं उपखण्डों के लिए सतर्कता समितियों का गठन
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अधिकारी श्री एम0बी0ओझा ने बंधक श्रमिक प्रथा (समाप्ति) अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जिला स्तरीय एवं उपखण्ड स्तरीय सतर्कता समितियां गठित कर आदेश जारी कर दिए है। जिला स्तरीय सतर्कता समिति के अध्यक्ष जिला दण्डाधिकारी स्वंय होगे इसके अलावा समिति में नौ सदस्यों को शामिल किया गया है। इसी प्रकार सातो उपखण्ड के लिए उपखण्ड स्तरीय एक-एक सतर्कता समिति गठित की गई है। समिति में स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) समिति के अध्यक्ष होंगे और समिति में नौ-नौ सदस्य नामांकित किए गए है।
बासौदा में सामूहिक विवाह सम्मेलन 19 को, पंजीयन कार्य हेतु अंतिम तिथि 15 मई
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना एवं मुख्यमंत्री निकाह योजना के तहत बासौदा जनपद पंचायत में 19 मई को सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया है कि विवाह, निकाह सम्मेलन हेतु आवेदन 15 मई तक जनपद पंचायत कार्यालय बासौदा में जमा किए जा सकते है। ग्रामीण क्षेत्र के पात्र हितग्राही अपने आवेदनों का पंजीयन पंचायत के माध्यम से अनिवार्यत 15 मई तक कराना सुनिश्चित करंें।
टीएल बैठक सम्पन्न
कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा की अध्यक्षता में टीएल बैठक, कलेक्टेªट सभाकक्ष में आज सम्पन्न हुई। उन्होंने बैठक के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन में विभागीय दिक्कते हो तो विभाग प्रमुख को अविलम्ब अर्द्धशासकीय पत्र के माध्यम से अवगत कराया जाएं। कलेक्टर श्री ओझा ने बताया कि 20 मई को सीएस के द्वारा मुख्यमंत्री की घोषणाओं की अद्यतन जानकारियां प्राप्ति के उद्धेश्य से विदिशा में बैठक आहूत की हैं। इससे पहले संबंधित विभागों के जिलाधिकारी समुचित तैयारियां कराना सुनिश्चित करें। बैठक मंे अपर कलेक्टर डाॅ0के0डी0त्रिपाठी, जिला पंचायत सीईओ श्री शशिभूषण सिंह समेत समस्त विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे।
मतगणना अभिकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण 12 मई को
कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा ने जिला स्तरीय स्टेडिंग कमेटी की बैठक के दौरान राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को बताया कि अभ्यर्थियों के द्वारा नियुक्त किए जाने वाले मतगणना अभिकर्ताओं के लिए गणना संबंधी प्रशिक्षण 12 मई को आयोजित किया गया है। यह प्रशिक्षण एसएटीआई के पाॅलिटेक्निक सभागृृह कक्ष में दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगा। उन्होंने संबंधितों से आग्रह किया कि वे मतगणना अभिकर्ताओं की नियुक्ति संबंधी पत्र 12 मई के पहले जिला निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
कथा में भगवान द्वारा गोवर्धन पर्वत धारण की लीला ने दर्षकों को मंत्रमुग्ध किया
- भगवान श्री षिव ने किए षिषु श्रीकृष्ण के दर्षन और सुदामा चरित्र की लीला भी मनमोहक रही
विदिषा-5 मई 2014/स्थानीय मेघदूत टाॅकीज में पांचवे दिन जारी श्रीमद् भागवत कथा में भागवताचार्य पं. रविकृष्ण शास्त्री ने पूतना बध की कथा सुनाते हुए कहा कि जब उसकी अंत्येष्ठि की गई तो उसके शरीर से चंदन की सुगन्ध आ रही थी, क्योंकि उसका उद्धार स्वयं भगवान के कर-कमलों द्वारा हुआ था। भगवान श्री कृष्ण के प्राकट्य की कथा विगत दिवस ही हुई, परिणामस्वरूप नवजात षिषु श्री कृष्ण के दर्षन करने पहुंचने में भगवान श्री षिवषंकर ने विलम्ब नहीं किया और आज भगवान श्री षिव कथास्थल पहुंच गए। आज की कथा में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत धारण करने की लीला का मंचन भी हुआ। कथा के मुख्य यजमान धर्मेन्द्र सक्सेना (धन्नू भैया) के सुपुत्र प्रथम सक्सेना ने इस लीला में श्रीकृष्ण का स्वरूप धारण कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इसी प्रकार अजीत सिंह सिकरवार के सुपुत्र सागर सिकरवार ने बलरामजी की भूमिका का प्रभावी निर्वाह किया। चंगु-मंगु शर्मा ने सुदामा चरित्र की लीला को अत्याकर्षक बना दिया। वहीं राधारानी बनी काव्या ने अपनी सहेलियों खुषी और अपूर्वा के साथ लीला चित्रण में चार चांद लगा दिए। इस अवसर पर पं. सुनील दुबे गढ़ी, पं. सुनील शर्मा तथा पं. राहुल आचार्य ने श्रीमद् भागवत का मूलपाठ किया। आज की कथा की एक और भी विषेषता रही, वह यह कि विदिषावासी प्रवचनकर्ता पं. अंकितकृष्ण शास्त्री भी कथा में उपस्थित हो गए और उन्होंने भी प्रवचन किया। भागवताचार्य पं. रविकृष्ण शास्त्री ने महर्षि शुकदेवजी द्वारा राजा परीक्षित की शंका के समाधान का स्मरण कराते हुए कहा कि पिछले जन्म में पूतना राजा बली की पुत्री रतनमाला थी और राजा बली ने जब भगवान को अपने पास बुलाया था तब रतनमाला ने मन ही मन कामना की थी कि इतने सुन्दर भगवान उसके जीवन में आएं और उसका कल्याण करें। भगवान ने उसकी उसी मनोकामना की पूर्ति करते हुए उसे परम मोक्ष्य प्रदान किया था, जिससे उस राक्षसी की मृत देह से चंदन की सुगन्ध निकल रही थी। उन्होंने कहा कि वृंदावन में भगवान अपने मंदिर में बांके नामक एक भक्त से आंखों-आंखों में बात करते रहते थे। इसकी जानकारी पुजारी को भी नहीं थी। एक दिन भगवान बांके के साथ चल दिए। संध्याकाल में जब पुजारी को भोग लगाते समय भगवान मंदिर में नहीं मिले तो वह उन्हें ढूंढ़ने निकल पड़ा। पुजारी को भगवान यमुना किनारे बांके के साथ मिले पुजारी ने जब उनसे मंदिर चलने की प्रार्थना की तो भगवान ने कहा कि अब तो मैं वहीं रहूंगा जहां बांके चाहेगा। इस पर बांके ने कहा कि मैं भी अकेला हूं, मंदिर ही चलते हैं और तब से वृंदावन में वे बांके बिहारीलाल के नाम से बांके भक्त के साथ रहते हैं। पं. शास्त्रीजी ने कहा कि हम सनातन धर्मी लोग पत्थर में भी भगवान के दर्षन करते हैं। भक्त प्रहलाद की प्रार्थना पर भगवान पत्थर से प्रकट हुए। भावना अच्छी हो, भक्तिपूर्ण हो तो पत्थर में भी भगवान के दर्षन होते हैं। कंस द्वारा भेजे गए बवंडर राक्षस को पत्थर में ही भगवान की अनुभूति हुई थी। उन्होंने कहा कि स्वामी करपात्री जी महाराज कहते थे आपके पापों को कोई नहीं काट सकता। महाराजा दषरथ को भगवान पुत्र के रूप में प्राप्त हुए, फिर भी दषरथजी के पाप नहीं कटे। हाँ, भक्ति, वंदना, आराधना से अवष्य पापों का क्षय हो सकता है। गौमाता की सेवा भी पापों से मुक्ति दिलाती है। आज षष्ठम दिवस 6 मई को रास पंचाध्यायी, कंसोद्धार, उद्धव बृजगमन, द्वारिका निर्माण, रूकमणी मंगल की कथा होगी।