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बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (05 मई)

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आर्थिक अनियमितता एवं लापरवाही, बरतने पर ककोड़ी की ए.एन.एम. रजनी गौतम निलंबित
balaghat news
अपनेर् कत्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरतने, आर्थिक अनियमितता करने एवं ग्रामीण जनता को स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ से वंचित रखने के कारण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. खोसला ने किरनापुर विकासखंड के उप स्वास्थ्य केन्द्र ककोड़ी की ए.एन.एम. श्रीमती रजनी गौतम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवघि में उनका मुख्यालय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिरसा मे रखा गया है।उप स्वास्थ्य केन्द्र ककोड़ी ए.एन.एम. श्रीमती रजनी गौतम के विरूध्द ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई थी कि वे अपने मुख्यालय में नहीं रहती है और पिछले दो-तीन माह से वे ग्राम में दिखाई नहीं दी है। शिकायत में कहा गया था कि ग्रामीणों को उनके द्वारा किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं दिलाया जा रहा है। ग्रामीणों की शिकायत पर खंड चिकित्सा अधिकारी किरनापुर ने 02 मई को ककोड़ी जाकर उप स्वास्थ्य केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण किया तो पाया कि उप स्वास्थ्य केन्द्र में ताला लगा हुआ है। ग्रामीणों के समक्ष ताला तोड़ा गया तो उप स्वास्थ्य केन्द्र में भारी गंदगी पाई गई और प्रतीत हो रहा था कि केन्द्र महीनों से नहीं खुला है।  खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा जांच में पाया गया कि शासन द्वारा उप स्वास्थ्य केन्द्र ककोड़ी को प्रदाय की राशि का ए.एन.एम. श्रीमती गौतम द्वारा अब तक कोई हिसाब नहीं दिया गया है। इससे प्रतीत होता है कि श्रीमती गौतम द्वारा उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्रदाय की गई राशि का दुरूपयोग कर आर्थिक अनियमितता की है। जांच में पाया गया कि श्रीमती गौतम द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है और गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व जांच भी नहीं की गई है। ए.एन.एम. श्रीमती रजनी गौतम अपनेर् कत्तव्यों के प्रति बरती जा रही गंभीर लापरवाही एवं उनके द्वारा की गई आर्थिक अनियमितता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। 

एकलव्य विद्यालय के भवन निर्माण कार्य में लापरवाही का मामला, कलेक्टर ने दिये ठेकेदार पर कार्यवाही के निर्देश
एकलव्य आदर्श विद्यालय उकवा के भवन निर्माण की अत्यंत धीमी प्रगति पर कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने असंतोष व्यक्त किया और निर्माण एजेंसी के अधिकारी गरेवाल को कड़ी फटकार लगाई। आज टी.एल. बैठक में कलेक्टर ने उकवा के एकलव्य विद्यालय के भवन की स्थिति की जानकारी ली तो पता चला की वर्ष 2012 में इस विद्यालय के भवन को मंजूरी प्रदान की गई थी। भवन के टेंडर की प्रक्रिया में ही लगभग एक साल लगा दिया गया। टेंडर होने के एक साल भी ठेकेदार अनिल ग्रोवर द्वारा भवन का कार्य अब तक पूर्ण नहीं किया गया है। भवन का कार्य छत स्तर पर आ गया है। एकलव्य विद्यालय के भवन की इस धीमी प्रगति पर कलेक्टर ने निर्माण एेंजेसी के अधिकारी को जमकर फटकार लगाई कि ऐसे ठेकेदार को यह काम क्यों दिया गया, जिसकी समय पर काम करने में कोई रूचि नहीं है। जब ठेकेदार काम नहीं कर रहा था उसे ब्लेक लिस्टेड क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कार्यपालन यंत्री श्री गरेवाल से सख्त लहजे में कहा कि उनके द्वारा ठेकेदार के विरूध्द क्या कार्यवाही की गई इसका रिकार्ड प्रस्तुत करें। अब ऐसे कोई काम नहीं चलेगा। सरकारी अधिकारी  की जिम्मेदारी ठेकेदार पर ऐहसान करने की नहीं है, बल्कि काम को समय पर पूरा कराने की है। 

बालाघाट-बैहर रोड पर डायवर्सन का बोर्ड लगाने के निर्देश, अपनेर् कत्तव्यों का पालन करें
कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने एम.पी.आर.डी.सी. के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे बालाघाट-बैहर रोड निर्माण के लिए परिवर्तित किये गये मार्ग स्थल पर डायवर्सन का बोर्ड लगावायें। बोर्ड भी सड़क पर इस प्रकार लगाये जायें कि यात्रियों एवं वाहन चालकों को दूर से ही दिखाई दें। डायसर्वन के बोर्ड के अभाव में सड़क पर दुर्घटना होने पर सड़क विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जायेगा और उनके ऊपर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।  आज टी.एल. बैठक में कलेक्टर श्री किरण गोपाल ने सड़क विकास प्राधिकरण के जिला प्रबंधक श्री दीपक आड़े से पूछा कि बालाघाट से बैहर तक सड़क निर्माण में कितने स्थानों पर पुल-पुलियों का निर्माण किया जा रहा है और कितने स्थानों पर परिवर्तित मार्ग(डायवर्सन) का बोर्ड लगाया गया है। श्री आड़े ने यह तो बता दिया कि बालाघाट-बैहर मार्ग पर 14 पुल-पुलियों का ठेकेदार द्वारा निर्माण किया जा रहा है और उनके लिए डायवर्सन बनाया गया है। लेकिन वे यह नहीं बता पाये कि ठेकेदार द्वारा कितने स्थानों पर डायवर्सन के बोर्ड लगाये गये है। कलेक्टर ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और सड़क विकास प्राधिकारियों को जमकर फटकार लगाई कि वे ठेकेदार के काम की सही निगरानी नहीं कर रहें है और लगता है कि वे इस सड़क के कार्य को देखने भी नहीं जाते है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं दो बार इस सड़क से गुजर चुका हूं। इस सड़क पर मुश्किल से चार स्थानों पर डायसर्वन के बोर्ड लगे है और जो बोर्ड लगाये गये है भी ऐसी जगह पर लगाये गये है कि वाहन चालकों को ठीक से दिखाई नहीं देते है। इससे दुर्घटना होने का अंदेशा रहता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे ठेकेदार के सामने साष्टांग दंडवत होने की बजाय नियमों के अनुसार कार्य करवायें और अपनेर् कत्तव्यों का पालन करें। 

बिरसा जनपद के 12 पंचायत सचिवों का वेतन काटने के आदेश, 10 मई तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश
ग्राम पंचायत सचिवों की पाक्षिक समीक्षा बैठक में उपस्थित नहीं होने पर जनपद पंचायत बिरसा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री धनंजय मिश्रा ने 12 ग्राम पंचायतों के सचिवों का एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिये है। इन सचिवों को 10 मई तक अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा गया है। समय सीमा में संतोष जनक जवाब नहीं मिलने पर इन सचिवों की सेवायें समाप्त करने की कार्यवाही की जायेगी। ग्रामीण विकास कार्यों एवं हितग्राही मूलक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए 03 मई 2014 को जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री धनंजय मिश्रा द्वारा ग्राम पंचायतों के सचिवों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में बी.आर.जी.एफ., पंच परमेश्वर, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना, इंदिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, श्रमिकों के पंजीयन, विभिन्न पेंशन व बीमा योजनाओं एवं राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में सभी सचिवों को सख्त हिदायत दी गई कि सभी योजनाओं के लक्ष्यों की पूर्ति समय सीमा में होना चाहिए। किसी भी योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। समीक्षा बैठक में ग्राम पंचायत भंडारपुर के सचिव श्यामलाल पंचतिलक, भीमलाट के सचिव रामप्रसाद मरकाम, भूतना के सचिव रफीक खान, जगला सचिव राजेन्द्र धुर्वे, जमुनिया सचिव धीरनसिंह उईके, कचनारी सचिव बलवंत कावरे, लालपुर सचिव राजूसिंह उईके, पंडरिया सचिव रामचंद यादव, रघोली सचिव गजेलाल पंचतिलक, रेलवाही सचिव माखनलाल बिसेन, सुंदरवाही सचिव छत्तरसिंह मेरावी तथा टिंगीपुर के सचिव दशरथ लाल ठाकरे अनुपस्थित थे। जिसके कारण इन ग्राम पंचायतों में ग्रामीण विकास योजनाओं एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा नहीं की जा सकी। समीक्षा बैठक में 12 पंचायतों के इन सचिवों की अनुपस्थिति पर कड़ा रूख अपनाते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मिश्रा ने उनका एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिये है। इसके साथ ही इन सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न इस लापरवाही के लिए उनकी सेवायें समाप्त कर दी जायें। इन सचिवों को 10 मई तक अपना स्पष्टीकरण पेश करने कहा गया है। समय सीमा में संतोष जनक जवाब प्राप्त नहीं होने पर इन सचिवों की सेवायें समाप्त करने की कार्यवाही की जायेगी। 

कन्या शिक्षा परिसर में प्रवेश के लिए 35 छात्राओं की चयन सूची जारी
अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्राओं को शिक्षा की बेहतर सुविधायें सुलभ कराने के मकसद से आदिवासी विकास विभाग द्वारा शिक्षा सत्र 2014-15 से जिला मुख्यालय बालाघाट में कन्या शिक्षा परिसर प्रारंभ किया जा रहा है। इस शिक्षण संस्था की कक्षा 6 में प्रवेश के लिए 35 बालिकाओं का चयन कर लिया गया है। कन्या शिक्षा परिसर की प्राचार्य रोज मेरी मघी ने बताया कि बालिकाओं के कक्षा में प्रवेश के लिए डिप्टी कलेक्टर ओ.पी. सनोडिया की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। इस समिति द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच के बाद अनुसूचित जनजाति वर्ग की 28, अनुसूचित जाति वर्ग की 5 तथा अन्य वर्ग की दो बालिकाओं का चयन किया गया है। इसके अलावा चयन के लिए प्रतिक्षा सूची भी बनाई गई है। कन्या शिक्षा परिसर में प्रवेश के लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग में कुमारी संध्या, प्रतिभा, सोनिका, निरोग, कविता, नेहा, सरोज, लीना, दिव्या, मेघा पिता मेहर, भूमिका, ख्याति, गीतन, इंदू, सुषमा, सुकवारो, दीक्षा, लीसा, आरती, शिवानी, रागिनी, चाहत, धानेश्वरी, सरस्व्ती, माधुरी, रिया, कामिनी एवं मेघा पिता गणेश का चयन किया गया है। इस वर्ग में प्रतिक्षा सूची में पूनम, पायल, करूणा, आमनी एवं शुभा का नाम रखा गया है। अनुसूचित जाति वर्ग में कुमारी रेणु, प्रज्ञा, वैष्णवी, पायल व साक्षी का चयन किया गया है तथा कुमारी शीतल का नाम प्रतिक्षा सूची में रखा गया है। अन्य वर्ग में कुमारी संध्या एवं पायल का चयन किया गया है तथा कुमारी प्राची का नाम प्रतिक्षा सूची में रखा गया है। 

आदिवासी विकास विभाग का कार्यालय नवीन कलेक्ट्रेट भवन में हुआ शिफ्ट
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास का कार्यालय पुराने कलेक्ट्रेट भवन से 5 मई 2014 को नवीन कलेक्ट्रेट भवन में शिफ्ट कर दिया गया है। इस कार्यालय के अंतर्गत आने वाले आदिवासी वित्त विकास निगम एवं पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के कार्यालय भी नवीन कलेक्ट्रेट भवन में स्थानांतरित कर दिये गये है। 05 मई को सहायक आयुक्त श्री सत्येन्द्र मरकाम की अगुआई में पूजा अर्चना कर नवीन कलेक्ट्रेट भवन में आदिवासी विकास विभाग के कार्यालय का विधिवत शुभारंभ किया गया। उल्लेखनीय है कि नवीन कलेक्ट्रेट भवन में कलेक्टर कार्यालय की सभी शाखाओं के साथ जनसम्पर्क कार्यालय एवं आपूर्ति विभाग के कार्यालय पूर्व में ही शिफ्ट किये जा चुके है। 

मतगणना के दिन 16 मई को रहेगा ड्राय-डे
16 मई को होने वाली मतगणना के दौरान कानून एवं शांति-व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की अनुशंसा पर राज्य शासन ने 16 मई को शुष्क दिवस (ड्राय-डे) घोषित किया है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की गई है। 16 मई को बालाघाट जिले में शुष्क दिवस रहेगा और इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये है। मतगणना दिवस पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 155-ग के तहत शराब का विक्रय नहीं किया जायेगा। मदिरा की दुकानें, होटल-रेस्टोरेंट, क्लब एवं अन्य सेलिंग प्वाइंट में 16 मई को शराब-बिक्री की अनुमति नहीं होगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर को पत्र लिखकर आबकारी कानून को सख्ती से लागू करवाये जाने के निर्देश दिये हैं। निर्देश में कहा गया है कि मतगणना दिवस पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कार्रवाई की जाये। ड्राय-डे पर नियम तोड़े जाने पर दोषी व्यक्ति को 6 माह तक के कारावास एवं दो हजार  पये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया जायेगा।

डाक-मत पत्र गणना टेबिल पर हो सकेगी एक एजेन्ट की नियुक्ति
आगामी 16 मई को होने वाली मतगणना के संबंध में मतगणना केन्द्र में डाक-मत पत्र गणना टेबिल पर प्रत्येक उम्मीदवार को एक एजेन्ट नियुक्त करने की अनुमति होगी। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिये हैं कि अधिक संख्या में डाक-मत पत्र होने और मतगणना कार्य में शीघ्रता लाये जाने की आवश्यकता को देखते हुए अतिरिक्त टेबिल लगाना हो तो उसकी पूर्व सूचना उम्मीदवारों को दी जाना चाहिए। आयोग ने कहा है कि डाक-मत पत्रों की मतगणना की प्रक्रिया विशेष रूप से प्रपत्र-13 'अ'की घोषणा के अनुसार पर्यवेक्षक बहुत निकट से निरीक्षण करेगा। परिणाम घोषणा के बाद पर्यवेक्षक अपना प्रतिवेदन देते समय डाक-मत पत्रों की गणना में अपनाई गई प्रक्रिया का विस्तृत विवरण देगा। इसमें मतगणना में प्राप्त मत पत्रों, निरस्त डाक-मत पत्र, डाक-मत पत्रों की गणना के लिए लगाई गई टेबिल की संख्या तथा डाक-मत पत्रों की गणना में लगे कुल समय का उल्लेख होगा। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देशों में कहा है कि किसी भी डाक-मत पत्र को इसलिए निरस्त न किया जाए कि प्रपत्र-13 'अ'पर सील नहीं लग पाई जबकि अभि-प्रमाणित करने वाले अधिकारी ने अपने नाम व पद नाम का विवरण दे दिया हो। किसी भी डाक मत पत्र को केवल इसलिए भी निरस्त न किया जाए‍ कि उसके बाहरी आवरण 'ब' (प्रपत्र-13 स) पर भेजने वाले निर्वाचक के हस्ताक्षर नहीं है।

मतगणना एजेन्ट को तय स्थान के अलावा अन्य स्थान पर जाने की अनुमति नहीं होगी
भारत निर्वाचन आयोग ने 16 मई को होने वाली लोकसभा चुनाव की मतगणना में राजनैतिक दलों और उम्मीदवार के मतगणना एजेन्टों के प्रवेश और बैठने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किये हैं। निर्वाचन आयोग ने मतगणना एजेन्टों के मतगणना केन्द्र में बैठने के प्रबंध के संबंध में निर्देश दिये हैं। आयोग ने कहा है कि वरीयता क्रम के अनुसार एजेन्ट के बैठने की व्यवस्था की जाए। मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दल, मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय राजनैतिक दल और अन्य प्रदेशों के मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल (जिन्हें मध्यप्रदेश में चुनाव-चिन्ह इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है,) पंजीकृत मान्यता विहीन राजनैतिक दल के उम्मीदवारों और निर्दलीय उम्मीदवारों के मतगणना एजेन्ट को क्रम से प्राथमिकता दी जाएगी। मतगणना एजेन्टों को आवंटित सीटों के स्थान पर ही बैठने की अनुमति होगी। एजेन्ट अपने निर्धारित स्थान के अलावा काउंटिंग हॉल में अन्य जगह नहीं आ-जा सकेंगे। मतगणना केन्द्र में केवल अधिकृत व्यक्ति को ही प्रवेश दिया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी को मतगणना के तीन दिन पहले उम्मीदवारों से प्रपत्र-18 में मतगणना एजेन्टों की सूची दो प्रति में प्राप्त करने के लिए कहा गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी किसी कारण से नियुक्त एजेन्ट को प्रपत्र-19 के द्वारा निरस्त या बदल सकेंगे।

डाक-मत पत्र के संबंध में निर्देश, एक टेबल पर अधिकतम 500 डाक-मत पत्र की गिनती होगी
16 मई को होने वाली मतगणना में डाक-मत पत्रों की गिनती के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि मतगणना से एक दिन पहले जिला निर्वाचन अधिकारी प्रेक्षक से मुलाकात कर सुविधा केन्द्रों और हाथों-हाथ प्राप्त डाक-मत पत्रों की संख्या से अवगत करवायेंगे। 16 मई को मतगणना शुरू होने के पहले प्राप्त डाक-मत पत्रों की संख्या से भी अवगत करवाया जायेगा। आयोग ने कहा है कि एक राउण्ड में एक टेबल पर 500 से अधिक डाक-मत पत्र की गिनती न की जाये। डाक-मत पत्रों की गणना के लिये मतगणना हाल में उपलब्ध स्थान के हिसाब से टेबिल लगाई जाये। टेबिल की संख्या 4 से अधिक न हों। डाक-मत पत्रों की गणना के लिये प्रत्येक टेबिल पर एक ए.आर.ओ. को उपस्थित होना चाहिए। प्रत्येक मतगणना टेबल पर एक मतगणना पर्यवेक्षक, दो मतगणना सहायक रहेंगे। मतगणना पर्यवेक्षक तथा मतगणना सहायक राजपत्रित अधिकारी होना चाहिए। प्रत्येक मतगणना टेबल पर एक अतिरिक्त माइक्रो आब्जर्वर को तैनात किया जाए। माइक्रो आब्जर्वर केन्द्र सरकार अथवा केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम के अधिकारी होना चाहिए। डाक-मत पत्रों की गिनती के समय हर पहलू पर ध्यान दिया जाये। जिन डाक-मत पत्र को निरस्त किया जाए, उनकी जानकारी प्रपत्र-13 'अ''में त्रुटि के कारण सहित उल्लेखित होना चाहिए।

मंत्रीगण के अलावा सांसद, विधायक, मेयर भी नहीं बन सकेंगे काउंटिंग एजेन्ट
भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि 16 मई को होने वाली मतगणना में केन्द्र अथवा राज्य के मंत्रीगण के अलावा सांसद, विधायक, नगर निगम के महापौर, नगर पालिका/जिला परिषद/पंचायत/यूनियन आदि के अध्यक्षों को मतगणना अभिकर्ता (काउंटिंग एजेन्ट) नियुक्त नहीं किया जा सकेगा। चाहे उनको सुरक्षा कवच मिला हो अथवा न मिला हो। आयोग का उद्देश्य सबको समान अवसर प्रदान कर स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न करवाना तथा चुनाव को अनुचित प्रभाव से बचाना है। आयोग ने यह निर्देश पुडुचेरी के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा चाहे गये स्पष्टीकरण के संबंध में दिया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने आयोग से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था कि क्या किसी विधायक या राज्य सभा सांसद को सुरक्षा कवच के बिना चुनाव अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता अथवा मतगणना अभिकर्ता नियुक्त किया जा सकता है। आयोग के पूर्व के निर्णय के अनुसार केन्द्र या राज्य के मंत्रियों समेत ऐसे सभी सांसद, विधायक या अन्य व्यक्ति जिन्हें राज्य या केन्द्र सरकारों द्वारा हथियारबन्द सुरक्षा कवच मुहैया करवाया गया है, वे सुरक्षा कवच के कारण मतगणना अभिकर्ता नियुक्त नहीं हो सकेंगे। चुनाव में कोई भी हथियारबन्द सुरक्षा हासिल व्यक्ति किसी भी उम्मीदवार का किसी भी रूप में एजेन्ट नहीं बन सकेगा, क्योंकि उनको लेकर कोई भी अवांछित घटना चुनाव प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। सांसद, विधायक या अन्य जन-प्रतिनिधियों को इसलिए भी अभिकर्ता नियुक्त नहीं किया जा सकता क्योंकि सभी उम्मीदवारों को निर्वाचन में बराबर के अवसर प्रदान किये जाने हैं। बाद के निर्देशों में आयोग ने नगर निगम के मेयर, नगर पालिका, जिला परिषद, पंचायत, यूनियन आदि के अध्यक्षों को एजेन्ट नियुक्त नहीं किये जाने के निर्देश दिये थे। इसके पीछे यह कारण था कि उनसे संबंधित संस्थाओं के कर्मचारी बड़ी संख्या में चुनाव डयूटी पर तैनात होते हैं, जो प्रभावित हो सकते हैं।

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