लोकसभा चुनाव के आठवें चरण के मतदान के तहत बिहार में सोमवार शाम चुनाव प्रचार थम गया। इस चरण में बुधवार को सात संसदीय क्षेत्रों सारण, हाजीपुर, उजियारपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और महाराजगंज क्षेत्रों में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस चरण में 10 महिला उम्मीदवारों सहित कुल 118 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें कई ऐसे राजनीतिक दिग्गज भी हैं, जिनके लिए इस चुनाव का परिणाम उनकी सियासत भविष्य को तय करेगा। आठवें चरण में जिन प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद होने वाला है, उन प्रमुख राजनीतिक हस्तियों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद की पत्नी व बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी जहां पहली बार लोकसभा चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रही हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज राजीव प्रताप रूड़ी उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
राजद से अलग होकर भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में खम ठोंक रहे लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री रामसुंदर दास, प्रभुनाथ सिंह का राजनीतिक भविष्य भी मतदाता इस चरण के मतदान में तय करेंगे। सारण सीट सबसे अधिक चर्चा का विषय बनी हुई है, जहां से राबड़ी देवी अपने पति लालू की संसदीय सियासत को संभालने की कोशिश कर रही हैं, वहीं उन्हें भाजपा के दिग्गज रूड़ी से कड़ी टक्कर मिल रही है। बिहार की सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के सलीम परवेज यहां के मुकाबले को त्रिकोणात्मक करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
इस चरण में हाजीपुर सीट पर भी सभी की निगाहें हैं। यहां से लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान जहां 10वीं बार चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं, वहीं जद (यू) ने निवर्तमान सांसद रामसुंदर दास को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने संजीव टोनी को चुनाव मैदान में उतारकर यहां का मुकाबला दिलचस्प बना दिया है। बिहार की उजियारपुर सीट पर इस चुनाव में मुकाबला कांटे का है। भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के नित्यानंद राय जहां अपनी जबरदस्त उपस्थिति दर्ज कराई है, वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के रामदेव वर्मा अपने कैडर वोटों के सहारे चुनावी अखाड़े में खम ठोक रहे हैं। जद (यू) की अश्वमेघ देवी एक बार फिर इस सीट पर कब्जा करने को बेकरार हैं, वहीं राजद ने आलोक मेहता को यहां से चुनावी मैदान में उतार कर मुकाबला संघर्षपूर्ण बना दिया है।
महाराजगंज संसदीय क्षेत्र की बात करें तो राजद के कद्दावर नेता और निर्वतमान सांसद प्रभुनाथ सिंह जहां पांचवीं पारी खेलने को बेताब हैं, वहीं भाजपा के उम्माीदवार और पूर्व मंत्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और जद (यू) प्रत्याशी मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह उनकी राह में न केवल रोड़ा अटका रहे हैं, बल्कि अपनी-अपनी पार्टी की झोली में यह सीट डालने का प्रयास कर रहे हैं। मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र से इस चुनाव में 29 प्रत्याशी चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं। अपने पिता और पूर्व सांसद जयनारायण निशाद की सियासी विरासत बचाने में जुटे भाजपा प्रत्याशी अजय निशाद को कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह और जद (यू) के विजेन्द्र चौधरी से कड़ी टक्कर मिल रही है।
सीतामढ़ी क्षेत्र में इस चुनाव में त्रिकोणात्मक संघर्ष के आसार हैं। मुख्य मुकाबला जद (यू), राजद और रालोसपा के बीच है। जद (यू) उम्मीदवार अर्जुन राय को राजद के सीताराम यादव और रालोसपा के रामकुमार शर्मा से कड़ी टक्कर मिल रही है। अर्जुन राय जहां दूसरी बार सांसद बनने का सपना देख रहे हैं, वहीं सीताराम दो बार सांसद रह चुके हैं। आठवें चरण में शिवहर सीट पर भी रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। शिवहर में चतुष्कोणीय संघर्ष के आसार दिख रहे हैं, परंतु सभी दल अपने जीत का दवा भी कर रहे हैं।
तीसरी बार सांसद बनने के लिए भाजपा की उम्मीदवार रमा देवी जहां कड़ी मेहनत कर रही हैं, वहीं पूर्व सांसद राजद के अनावरूल हक और राज्य के मंत्री तथा जद (यू) उम्मीदवार शाहिद अली खां उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इस मुकाबले में दो बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके आनंद मोहन की पत्नी और समाजवादी पार्टी (सपा) की टिकट पर चुनाव लड़ रही लवली आनंद ने सभी दलों के राजनीतिक गणित को गड़बड़ा दिया है।
मतदान को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे, वहीं राजद के लालू प्रसाद, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास किया। इस चरण के लिए भाजपा के नरेन्द्र मोदी, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज ने भी रैलियां की।