पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर वीडियो सामग्री की सबसे बड़ी वेबसाइट यूट्यूब पर लगा प्रतिबंध हटा लिया। मीडिया में आई एक रपट से यह जानकारी मिली। पाकिस्तानी समाचार पत्र 'डान'के वेब संस्करण पर प्रकाशित एक रपट के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की संसद सदस्य शाजिया मारी ने संसद के समक्ष एक प्रस्ताव पेश कर यूट्यूब पर लगा प्रतिबंध हटाए जाने की मांग की, जिसे पाकिस्तान के निचली सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
मारी ने कहा कि चूंकि वेबसाइट ने सभी विवादित वीडियो हटा लिए हैं, इसलिए उस पर लगा प्रतिबंध समाप्त होना चाहिए। पाकिस्तानी दूरसंचार प्राधिकरण ने काफी संख्या में "इस्लाम विरोधी वीडियो"प्रसारित करने पर सबसे पहले 22 फरवरी, 2008 को यूट्यूब को प्रतिबंधित किया था। यूट्यूब द्वारा ये सारे वीडियो हटाए जाने के बाद उस पर से 26 फरवरी, 2008 को प्रतिबंध हटा लिया गया था।
"ईश-निंदा"से संबंधित वीडियो के कारण इसे दोबारा प्रतिबंधित कर दिया गया, हालांकि ये वीडियो भी हटाए जाने के बाद 27 मई, 2010 को दोबारा प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया। इसके बाद 2012 में आई इस्लाम की निंदा करने वाली फिल्म 'इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स'का ट्रेलर वीडियो न हटाए जाने पर पाकिस्तान में तीसरी बार यूट्यूब को प्रतिबंधित कर दिया गया था। पाकिस्तान के अलाव यूट्यूब तुर्की, ईरान, सूडान और ताजिकिस्तान में भी प्रतिबंधित है।