जुर्म की दुनिया से तौबा कर तिहाड़ जेल के 66 कैदी अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करने जा रहे हैं। एक सकारात्मक कवायद के तहत तिहाड़ जेल प्रशासन ने विभिन्न निजी कंपनियों की मदद से इन कैदियों के जीवनयापन के लिए रोजगार मुहैया कराया है। कैदियों को रोजगार मुहैया कराने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने मंगलवार को जेल परिसर में 31 कंपनियों को आमंत्रित किया था। जेल संख्या तीन में हुए कैंपस प्लेसमेंट में तिहाड़ के 66 कैदियों ने भाग लिया।
कैदियों के हुनर और क्षमता को देखने के बाद आमंत्रित कंपनियों ने सभी प्रतिभागी कैदियों को आकर्षक पैकेज में रोजगार मुहैया कराने पर हामी भर दी है। तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद इन सभी 66 कैदियों को आमंत्रित कंपनियां रोजगार मुहैया करा देंगी। कैंपस प्लेसमेंट में भाग लेने वाले सभी कैदी अगले छह माह के भीतर तिहाड़ जेल से रिहा होने वाले हैं। कंपनियों ने सभी चयनित कैदियों को ऑफर लेटर मुहैया करा दिए हैं।
तिहाड़ जेल के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कैंपस प्लेसमेंट में सर्वाधिक पैकेज पर रोजगार पाने वाले कैदी का नाम राजू पासवान है। राजू को ताजमहल फूड्स नामक कंपनी ने 4.20 लाख रुपए प्रति वर्ष के पैकेज में नौकरी पर रखा है। 35 हजार रुपए प्रति माह की नौकरी पाने वाले राजू कुछ समय पहले तिहाड़ जेल से रिहा हो चुके हैं।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने तिहाड़ जेल में रहते हुए प्राथमिक से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाले राजू पासवान को विशेष रूप से आमंत्रित किया था। राजू पासवान को लेकर ताज महल फूड्स के निदेशक सुकेश कुमार त्यागी का कहना है कि राजू की ईमानदारी, उनकी लगन और योग्यता को देखते हुए नौकरी पर रखने का फैसला किया गया है।
राजू पासवान के बाद दूसरा आकर्षक पैकेज पाने वाले कैदी का नाम मोबिन खान रहीम है। छठवीं तक शिक्षा रखने वाले मोबिन खान को 3.60 लाख रुपए प्रतिवर्ष के पैकेज पर नौकरी मिली है। मोबिन खान को 30 हजार रुपए प्रति माह पर ताज महल ग्रुप ने रोजगार उपलब्ध कराया है। इसके अलावा एमएससी की डिग्री हासिल कर चुके उत्तम कुमार को 2.40 लाख रुपए प्रति वर्ष का पैकेज मिला है। कैंपस प्लेसमेंट में सबसे न्यूनतम वेतन पर रोजगार पाने वाले कैदियों को 96 हजार रुपए वार्षिक का पैकेज दिया गया है।
तिहाड़ जेल की महानिदेशक बिमला मेहरा के अनुसार तिहाड़ जेल जल्द ही महिला कैदियों के लिए भी कैंपस प्लेसमेंट आयोजित करेगा। महिला कैदियों के प्लेसमेंट के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन प्रयासरत है। तिहाड़ जेल प्रशासन की हमेशा से कोशिश रही है कि जुर्म की सजा भुगतने आए कैदियों का पुनर्वास किया जाए। जिससे जेल से रिहा होने के बाद वे समाज की मुख्य धारा में जुड़ते हुए सकारात्मक सहयोग दे सकें। साथ ही अपने जीवनयापन के लिए बेहतर रोजगार हासिल कर सकें। जेल परिसर में होने वाली विभिन्न गतिविधियां और कैंपस प्लेसमेंट इन्हीं कोशिशों में एक है।