आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्य प्रचारक नरेंद्र मोदी से पूछा कि जब निर्वाचन आयोग ने उन्हें गंगा आरती की इजाजत दे दी है, तो फिर वह इसे क्यों मुद्दा बना रहे हैं। मोदी को गंगा आरती की इजाजत देने वाली निर्वाचन आयोग की चिट्ठी को दिखाते हुए केजरीवाल ने कहा, "धार्मिक कार्य करने के लिए निर्वाचन आयोग की अनुमति की जरूरत नहीं थी। निर्वाचन आयोग की अनुमति की जरूरत सिर्फ राजनीतिक गतिविधियों में होती है।"
केजरीवाल ने कहा, "मोदी क्यों नहीं आरती करते? क्यों इसे राजनीतिक रूप दे रहे हैं?" मोदी पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनकी मंशा साफ होनी चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि गंगा नदी के किनारे स्थित मंदिरों में प्रवेश से उन्हें किसी ने नहीं रोका। उन्होंने कहा, "मैं अपनी पत्नी के साथ गुरुवार को दोबारा मंदिर जाऊंगा।" निर्वाचन आयोग ने मोदी को वाराणसी में रैली की अनुमति नहीं दी है, जिसके खिलाफ भाजपा कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) नेता एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह गंगा आरती के मुद्दे का बेवजह राजनीतिकरण कर रहे हैं। देवरिया जिले के सलेमपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा, "मोदी की गंगा आरती राजनीतिक थी तभी तो प्रशासन की अनुमति के बाद भी वह इस कार्यक्रम को रद्द करके बेवजह प्रशासन को कठघरे में खड़ा रहे हैं।"
अखिलेश ने कहा, "मोदी और भाजपा के लोग नौटंकी करके वाराणसी का माहौल खराब कर रहे हैं। जनता सब देख रही है। सांप्रदायिकता फैलाकर सत्ता पाने की कोशिश कर रही भाजपा को वाराणसी के लोग 12 मई को चुनाव में सबक सिखाएंगे।"
गौरतलब है कि वाराणसी जिला प्रशासन ने मोदी को दसाश्वमेध घाट पर गंगा आरती और रोहनिया में जनसभा करने की अनुमति दे दी थी। लेकिन शहर के बेनियाबाग मैदान में रैली को अनुमति नहीं देने के मामले में भाजपा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा और जिलाधिकारी प्रांजल यादव पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाए जाने की मांग की।
भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली और अमित शाह विरोध जताने के लिए गुरुवार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सामने धरना दे रहे हैं।