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वाराणसी में नरेंद्र मोदी को रैली करने की अनुमति न मिलने से उपजे विवाद के बीच ही आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार को वाराणसी में खुली बहस के लिए आमंत्रित किया। केजरीवाल ने आज सुबह ट्वीट किया कि मैं श्रीमान मोदी को एक सार्वजनिक मंच पर खुली बहस के लिए आमंत्रित करता हूं। काशी के लोगों को हम दोनों से ही सीधे सवाल पूछने दीजिए। समय और स्थान उनकी (मोदी की) पसंद का हो। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी गंगा आरती प्रार्थना के जरिए राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तर प्रदेश की इस महत्वपूर्ण सीट से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
केजरीवाल ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लिखा, मोदी जी को गंगा आरती की अनुमति दी गई लेकिन आरती करने के बजाय वे राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश में जुटे हैं। यह दुखद है। निर्वाचन आयोग द्वारा मोदी को इस संदर्भ में दी गई आधिकारिक अनुमति को टि्वटर पर पोस्ट करते हुए केजरीवाल ने पूछा कि वे क्यों सिर्फ जाकर आरती नहीं कर लेते इसके राजनीतिकरण की क्या जरूरत है।
अपने इस हमले को भाजपा द्वारा मोदी के लिए आज वाराणसी में गंगा आरती की अनुमति मांगे जाने पर ही केंद्रित रखते हुए केजरीवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग की अनुमति की जरूरत राजनैतिक गतिविधियों के लिए होती है, प्रार्थनाएं करने के लिए नहीं। अगर आपको केवल आरती और पूजन करना हो तो निर्वाचन आयोग की अनुमति नहीं चाहिए होती। आपको निर्वाचन आयोग की अनुमति राजनैतिक गतिविधियों के लिए चाहिए होती है।
केजरीवाल ने कहा कि मैं एक दिन अकेला गया और वहां आरती की। मुझे किसी ने नहीं रोका। मैं दोबारा आज अपनी पत्नी के साथ वहां जाऊंगा और आरती करूंगा। नीयत साफ होनी चाहिए। भाजपा के शीर्ष नेताओं की इस पवित्र शहर में उपस्थिति की ओर इशारा करते हुए केजरीवाल ने दावा किया कि यह उनमें घबराहट का प्रतीक है। अपने ट्वीटस की सीरीज में उन्होंने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेता काशी में आए हैं। यह उनकी घबराहट को दर्शाता है। क्या वे मोदी जी को हार से बचा पाएंगे।