वाराणसी में नरेंद्र मोदी को रैली की इजाजत न मिलने पर गुरुवार को काफी बवाल हुआ। बीजेपी ने दिल्ली और वाराणसी में चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। अरुण जेटली और नरेंद्र मोदी के करीबी अमित शाह 11 बजे वाराणसी में लंका चौक पर धरने पर बैठे और 3 घंटे बाद यानी 2 बजे इन्होंने धरना खत्म किया। इस सब के बीच वाराणसी पूरी तरह से चुनावी अखाड़ा बनता दिखा।
अमित शाह, अरुण जेटली और अनंत कुमार ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के गेट पर धरना देकर डीएम प्रांजल यादव पर भेदभाव का आरोप लगाया और उन्हें हटाने की मांग की। धरने के दौरान अमित शाह ने कहा, 'बनारस के डीएम के बारे में हमने सुना है कि वह एसपी नेता रामगोपाल जी के रिश्तेदार हैं।'साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।इस दौरान लंका चौक पर बीजेपी-टीएमसी समर्थकों के बीच भिड़ंत भी हुई। तृणमूल कांग्रेस की कैंडिडेट इंदिरा तिवारी वहां प्रचार कर रहीं थीं और झड़प के बाद उन्होंने बीजेपी समर्थकों पर बदसलूकी का आरोप भी लगाया।
वाराणसी से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल ने मोदी पर गंगा आरती के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने ट्वीट कर मोदी से सवाल पूछा कि जब चुनाव आयोग उन्हें गंगा आरती की इजाजत दे चुका है तो फिर वह अकेले जाकर आरती क्यों नहीं कर लेते? केजरीवाल ने इसके साथ ही मोदी को काशी में जनता के सामने खुली बहस के लिए ललकारा। आपको बता दें कि बीजेपी ने गंगा आरती की इजाजत देर से मिलने के बाद इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया था। नरेंद्र मोदी ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर आरती में शामिल न हो पाने के लिए 'मां'गंगा से माफी मांगी थी और कहा कि उनके कार्यकर्ता मजबूर हैं, क्योंकि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है।
इस पूरे मामले पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि मोदी को एक कार्यक्रम की इजाजत नहीं देने में एसपी और बीजेपी की मिलीभगत है। मायवती ने कहा कि दोनों पार्टियों ने ऐसा सुनियोजित तरीके से बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए किया है।