भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जाने के प्रत्युत्तर में मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी.एस. संपत ने गुरुवार को कहा कि भाजपा के मुख्य प्रचारक नरेंद्र मोदी को वाराणसी के एक खास इलाके में सुरक्षा कारणों से रैली करने की अनुमति नहीं दी गई। भाजपा ने वाराणसी में संवेदनशील माने जाने वाले बेनियाबाग इलाके में बैठक और जनसभा करने की अनुमति मांगी थी। जिला प्रशासन ने इलाके में एक समुदाय विशेष की बहुलता को ध्यान में रखते हुए भाजपा को रोका।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संपत ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग 'सभी आरोपों और निष्पक्षता न बरते जाने संबंधी बयानों'को खारिज करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा के मुख्य प्रचारक मोदी को 'गंगा पूजन'करने और वाराणसी के एक होटल में बैठक करने की अनुमति दी गई है। विवाद का मुख्य कारण पार्टी की बेनियाबाग में प्रस्तावित रैली को अनुमति नहीं दिया जाना था। संपत ने कहा कि जिला दंडाधिकारी और सक्षम स्थानीय अधिकारियों ने 'सुरक्षा आधार पर तर्कसंगत परामर्श'के बाद भाजपा को अनुमति नहीं दी।
संपत ने कहा, "यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुरक्षा की दृष्टि से उठाया गया कदम विवाद का विषय बन गया। आयोग स्वाभाविक रूप से अधिकारियों से परामर्श के बाद कोई कदम उठाता है और स्थानीय प्रशासन के मन्तव्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।"उन्होंने कहा, "मैं नहीं मानता कि इस मामले में आयोग से कोई चूक हुई है..हमने हमेशा संविधान के अनुरूप काम किया है।"बेनियाबाग में रैली करने से रोके जाने के विरोध में वाराणसी और नई दिल्ली में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।
जिला प्रशासन द्वारा बुधवार की शाम एक रैली को अनुमति दिए जाने के बाद गुरुवार को वाराणसी पहुंचने से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय और जिला दंडाधिकारी के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।