- यहां लड़ाई जीत की नहीं, रिकार्ड की है
- बनारस की हर गली, नुक्कड़, चट्टी-चैराहों पर मोदी ही है बहस का मुद्दा
- नरेन्द्र मोदी की टीम चाहती है सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड बनाना, जबकि लोगबाग को एमपी नहीं प्रधानमंत्री चुनने का है गर्व
गंगा-जमुनी तहजीब व आध्यात्म यानी बाबा भोले की त्रिशूल व डमरु भी टिकी काशी में प्रवेश करते ही लगने लगता है यहां का नजारा दुसरे शहरों से वाकई अलग है। वेटिंग पीएम के नामांकन बाद गुरुवार को रोहनिया की सभा व बीएचयू लंका गेट से सिगरा स्थित भाजपा कार्यालय तक रोड-शों में नरमुंडों से पटी सड़के बया कर रही है यहां नमो-नमो की लहर है। पूरा काशी भगवा रंग से सराबोर हो उठा है। ’वोट फार मोदी’ लिखी केशरियां टोपी लगाएं बनारसी भी मोदी रंग में रमे दिख रहे है। यू तो 1952 से अब तक के हुए लोकसभा चुनावों दो-चार बार को छोड़ दें तो इसने हमेशा भगवा रंग को ही चुना। इस बार भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी है तो आप की तरफ से खुद अरविन्द केजरीवाल, कांग्रेस से अजय राय व सपा से कबीना मंत्री कैलाश चैरसिया मैदान में है। मोदी के उतरने से यह देश के हाट सीटों में शुमार है।
बीएचयू छात्र नीरज राय से चुनावी मुद्दे पर बात करनी चाही तो पलटकर जवाब मिला, ’यहां मुद्दा है हार-जीत का,’ मोदी चुनावी लहर में हो तो मुद्दे की क्या बात करना।’ विकास की चर्चा छेड़ी तो गोदौलिया लस्सी विक्रेता कांति भाई भड़क उठे। बोले शहर में घूम लो दिख जायेगा विकास। यहां जो कुछ हुआ है पं कमलापति त्रिपाठी के जमाने का। यहां नगर निगम, विधानसभा, लोकसभा तक पर भाजपा का ही कब्जा रहा, लेकिन काम होता नहीं दिखता। लोगों से नतीजे लेने की टोह ली तो एक बात साफ नजर आई कि अधिकांश लोग इसे राजा और रंक की लड़ाई मानते है। गर्मी की मार और आचार संहिता के बावजूद दुसरे क्षेत्रों से यहां अधिक सरगरमी दिखती है।
मोदी की प्रचार कमान संभालने वाले अमित शाह कहते है, हमें चिंता जीत की नहीं रिकार्ड बनाने की है। आप चुनाव प्रबंधन टीम के संजय सिंह कहते है उनका मुकाबला मोदी से है और साम्प्रदायिक शक्तियों को नेस्तनाबूद करने के लिए जनता का उन पर भरोसा है। जबकि मोदी को घेरने कोशिश में कांग्रेस ने अजय राय को टिकट दे तो दिया लेकिन उनकी माफिया गठजोड़ खासकर कृष्णानंद राय हत्या के मुख्य अभियुक्त मुख्तार अंसारी से हाथ मिलाने पर उन्हें बैकफुट पर ला दिया है। जबकि आप के अरविन्द केजरीवाल भ्रष्टाचार, हर आम आदमी की सरकार, विकास जैसे मुद्दों को लेकर मैदान में है। बिगड़ती कानून व्यवस्था, आए दिन हो रही व्यापारियों की हत्या, गुंडागर्दी व माफियागिरी से परेशान जनता का मोह सपा भंग होने के साथ सायकिल की हवा निकलती नजर आ रही है। सड़क से गलियों व घाटों तक पसरी गंदगी, गंगा में बहता नाला, जाम सीवर, दूषित पेयजलापूर्ति व अघोषित बिजली कटौती और प्रशासन की बेइंतहा असंवेदनशीलता से निजात मोदी में देख रही है। खासकर रोहनिया की सभा में विकास का वादा करने के साथ ही साड़ी, कालीन को उच्चस्तरीय मार्केट दिलाने के साथ बुनकरों के दर्द को भी उकेरते हुए पटरी पर लाने की बात कहीं तो जनता का विश्वास और पुख्ता हो गया। अब पूरे क्षेत्र में मोदी का अंडर करंट दिखने लगा है।
सुरेश गांधी
बनारस