मतगणना दिवस को प्रेक्षक के समक्ष स्ट्रांग रूम खोला जायेगा
सीहोर 9 मई 2014, लोकसभा निर्वाचन 2014 के मद्देनजर सीहोर में 16 मई 2014 को मतगणना संपन्न होगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कवीन्द्र कियावत ने मतगणना से संबंधित प्रभारी अधिकारियों को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नवीन निर्देषों का पालन सुनिष्चित कराये जाने की हिदायत दी है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशानुसार मतगणना परिसर में आयोग द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति के अलावा कोई अन्य व्यक्ति प्रवेष नहीं कर सकेगा । आयोग ने स्पष्ट निर्देष दिये हैं कि केन्द्र शासन, राज्य शासन के वर्तमान मंत्री, वर्तमान सांसद, विधायक, विधान परिषद के सदस्य, नगर निगम के मेयर, नगर पालिका, जिला परिषद, पंचायत के अध्यक्ष किसी भी अभ्यर्थी के मतगणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं करेंगे। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतगणना प्रक्रिया सुचारू व निष्पक्ष रूप से संपादित करने के लिये प्रभारी अधिकारियों को निर्देषित किया कि वे मतगणना संबंधी स्टाफ की नियुक्ति कर 12 मई तक उन्हें प्रषिक्षण उपलब्ध करा दें। डाक मत पत्रों की गिनती के संबंध में संबंधित अधिकारी स्वयं ट्रेनिंग देंवे। प्रत्येक मतगणना कक्ष में संबंधित ए.आर.ओ. टेबिल के पीछे राउण्डवार गणना का डिस्प्ले बोर्ड प्रदर्षित होगा। मतगणना के दिन प्रातः 7 बजे मतगणना स्थल में स्थापित स्ट्रांग रूम को प्रेक्षक के समक्ष खोला जाना है, इस हेतु सभी ए.आर.ओ. अपने स्तर से अभ्यर्थी व उसके निर्वाचन अभिकर्ता को सूचित कर दें कि वे भी स्ट्रांग रूम खुलने के समय उपस्थित रहें । आयोग द्वारा मतगणना के संबंध में जारी नवीन निर्देषों का पालन सुनिष्चित कराने के निर्देष दिये । आयोग द्वारा जारी निर्देषों में उल्लेख किया गया है कि काउन्टिंग स्टाॅफ की व्यवस्था की जावे । काउन्टिंग स्टाॅफ का रेण्डमाईजेषन प्रथम, द्वितीय, तृतीय रेण्डमाईजेषन व व्हीडियोग्राफी माईक्रो आब्जरवर की व्यवस्था सुनिष्चित की जाये। आयोग के निर्देष के अनुसार काउन्टिंग एजेन्ट्स की नियुक्ति निर्धारित फार्म नम्बर-18 में आवेदन लेकर ही की जावे। काउन्टिंग एजेन्ट्स को फोटो आई कार्ड तथा बैजेज देने तथा काउन्टिंग की व्यवस्था की पूरी जानकारी उन्हें दी जावे। काउन्टिंग एजेन्ट्स को प्रषिक्षण भी दिया जावे । काउन्टिंग हाल में प्रवेष करने के लिए जो अधिकृत पदाधिकारी है उनके अलावा अन्य कोई प्रवेष न करे यह सुनिष्चित करें। गणना परिसर में अभ्यर्थियों के काउन्टिंग एजेन्ट्स तथा काउन्टिंग टेबिल की व्यवस्था आयोग के निर्देषानुसार सुनिष्चित की जावे। सिक्यूरिटी कर्मियों तथा गणना कर्मियों इत्यादि का प्रषिक्षण समय पर सुनिष्चित कर लें । आयोग के निर्देष के अनुसार राउन्डवाईज गणना की जानकारी कम्प्यूटर में फीड कराने के लिए कम्प्यूटर की टेबिल भी आयोग के निर्देषानुसार आर.ओ. की टेबिल के साथ ही लगाई जाना है। आयोग के निर्देष के अनुसार राउन्डवाईज गणना का परिणाम डिस्प्ले करने के लिए ब्लैक बोर्ड/व्हाईट बोर्ड इत्यादि की व्यवस्था सुनिष्चित करें। राउन्ड वाईज गणना प्रदर्षित करने के लिए अभ्यर्थियों का नाम तथा राउन्ड का प्लान कर पूर्व से बोर्ड पर अंकित करें जिससे प्रेक्षक द्वारा राउन्डवाईज रिजल्ट सत्यापित करने पर उसे ब्लैक बोर्ड पर नियत स्थान पर अंकित करें। गणना परिसर में पर्याप्त पार्किग की व्यवस्था, फायर फायटिंग की व्यवस्था, निर्वाध विद्युत सप्लाई की व्यवस्था, जनरेटर/इन्वरर्टर की व्यवस्था, ट्वाईलेट तथा सुरक्षा की पूरी व्यवस्था सुनिष्चित की जावे। गणना स्थल पर आफिसियल कम्यूनिकेषन रूम, मीडिया सेंटर, पब्लिक कम्यूनिकेषन रूम की व्यवस्था आयोग के निर्देषानुसार सुनिष्चित की जाए। प्रत्येक घटना के कार्यवाही की व्हीडियोग्राफी कराये जाने की व्यवस्था करें तथा समय घटना, तिथिवार व्यवस्थित रूप से आयोग के निर्देषानुसार सी.डी.सुरक्षित रखी जावे।
गहरी जुताई से बढ़ता है फसलों का उत्पादन, कीट-बीमारी में आती है कमी
सीहोर, 9 मई 2014, ग्रीष्मकाल के दौरान खेतों में गहरी जुताई करने से किसानों को फायदा होता है। एक ओर फसलों के उत्पादन में वृद्धि होती है, वहीं दूसरी ओर कीट-बीमारी और खरपतवार में कमी आती है। राज्य शासन द्वारा ग्रीष्मकाल में खेतों की गहरी जुताई को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा बताया कि हलधर योजनांतर्गत किसानों को लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत या 2000 रू. प्रति हेक्टेयर का अनुदान कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। सामान्य वर्ग के लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम दो हेक्टेयर की सीमा तक तथा अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के कृषकों अधिकतम 4 हेक्टेयर तक का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। गहरी जुताई का कार्य मिट्टी पलटने वाले प्लाऊ से, कृषक के स्वतरू के ट्रेक्टर, किराये के ट्रेक्टर अथवा कस्टम हायरिंग केंद्र के ट्रेक्टर एवं प्लाऊ का उपयोग किया जा सकता है। कल्टीवेटर की जुताई पर अनुदान देय नहीं होगा। गहरी जुताई करने से आगामी फसल में कीट, बीमारी एवं खरपतवारों के प्रकोप में काफी कमी आती है। मृदा में जल का संरक्षण होने से उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है । गहरी जुताई 2 से 3 वर्ष में आवश्यक रूप से कराना चाहिए। कृषि विभाग ने किसानों से अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक कृषक ग्रीष्मकाल में गहरी जुताई कर शासन की योजना का लाभ उठायें। योजना का लाभ लेने के लिए अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी अथवा विकासखंड स्तर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।