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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (09 मई)

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उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा निराशा के माहौल में प्रारम्भ

char dham yatraa
देहरादून, 9 मई । उत्तराखण्ड की विश्वविख्यात चारधाम यात्रा का  शुभारम्भ हुए आठ दिन बीत गये हैं परन्तु प्रशासन की ओर से यात्रा को लेकर कोई गम्भीरता नजर नहीं आ रही है। जिससे कई दशकों से यात्रा को ढोने वाले वाहन स्वामियों व अन्य व्यवसायियों में अपनी रोजी रोटी को लेकर निराशा का माहौल बना है। ज्ञात रहे कि दो मई को प्रारम्भ हुई चार धामों की यात्रा पर अभी तक ऋषिकेश स्थित संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति के तहत मात्र ग्यारह छोटे वाहन ही चार धाम के लिए रवाना हुए जबकि विगत वर्षों तक आठ दिनों में लगभग 200 से अधिक छोटे बड़े वाहन रवाना होते रहे हैं। यहां यह भी बताते चलें कि अभी तक संयुक्त रोटेशन को बनाये जाने के लिए प्रशासन भी कोई गम्भीर नजर नहीं आ रहा है। जबकि विगत वर्षों तक चारों धामों की यात्रा कराने वाले वाहन स्वामियों का संयुक्त रोटेशन के नाम से गठन होता रहा है। परन्तु दो वर्ष पूर्व कान्टैªक्ट कैरिज के अन्तर्गत चलने वाली वाहनों के स्वामियों द्वारा उच्च न्यायालय में अपने वाहनों को चलाये जाने को लेकर लगाई गई गुहार के बाद प्रशासन ने रोटेशन व्यवस्था को समाप्त कर दिया था। तभी से यह व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाई है और अव्यवस्थाओं के बीच गत वर्ष भी यात्रा चलाई गई, जिसका परिणाम प्रशासन को प्राकृतिक आपदा के दौरान इसलिए भुगतना पड़ा क्योंकि प्रशासन के पास चारों धामों की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का पंजीकरण न होने के कारण कोई आंकडा नहीं है। जिससे राज्य सरकार की केदारनाथ में हुई हजारों लोगों की अकाल मौत के बाद किरकिरी तो हुई ही साथ ही अभी तक भी केदारघाटी से लाशों का नहीं निकाला जा सका है। परिणामस्वरूप इस वर्ष प्रारम्भ हुई यात्रा में केदारबाबा के दर्शन करने वाले यात्रियों को लाशों के उपर से गुजरकर अपनी यात्रा पूर्ण करनी होगी। यहां यह भी बताते चलें कि राज्य सरकार द्वारा यात्रा को लेकर किये गये तमाम व्यवस्थाओ के दावे भी सड़कों के साथ पेयजल, साफ सफाई, व शौचालय तक का भी समयावधि में निर्माण न किये जाने के खोखले साबित हुए हैं। भाजपा के राज्य सभा सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता तरूण विजय ने चारों धामों की यात्रा को लेकर व्यवस्था सम्बंधी उठाये गये सवालों  को लेकर सरकार को कटघडे में खडा करने का प्रयास किया है। प्राकृतिक आपदा के दौरान पिछले दिनों सरकार की किरकिरी होने के बाद इस बार हालांकि राज्य सरकार ने चारों धाम जाने वाले यात्रियों का लेखा जोखा रखने हेतु बायोमैट्रिक प्रणाली के माध्यम से यात्रियों का पंजीकरण किये जाने की व्यवस्था की है, परन्तु जहां पर उक्त रजिस्टेªशन किया जा रहा है, वहां यात्रियांे ंके लिए न तो धूप से बचने के लिए छांव की व्यवस्था की गई है और न ही किसी तरह के ठंडे पानी पीने के लिए पेयजल की। पंजीकरण कार्यालय से मिले आंकडो के अनुसार अभी तक उक्त व्यवस्था के तहत 7 हजार यात्रियों का ही पंजीकरण किया गया है। जिसमें अधिकांशतः यात्री बिहार, राजस्थान, गुजरात, आन्ध्रप्रदेश, मध्य प्रदेश के हैं। उधर उक्त व्यवस्था को लेकर यात्रा के दौरान चांदी काटने वाले उन ट्रैवल एजेंटों में हड़कंप मचा हुआ है। जो कि बसों को लेकर एडवांस बुकिंग कर बसों की किल्लत बनाकर यात्रियों को ठगते रहे हैं जो कि बायोमैट्रिक प्रणाली के अन्तर्गत यात्रियों को स्वयं पंजीकरण कार्यालय पहुंचकर दशो उगलियांे के निशान व आंखो के चिन्ह भी दर्शाने होगें। यह व्यवस्था दलालों को रास नहीं आ रही है। जिन्होने इसे हटाये जाने के लिए भी अधिकारियों से सम्पर्क साधा है। इतना ही नहीं बिना सिस्टम के प्रारम्भ की गई यात्रा को लेकर परिवहन स्वामियों मे भी रोष है। जिनका मानना है कि प्रशासन द्वारा वाहनेा के संचालन हेतु नौ कम्पनियेां के वाहनो की लाटरी तो डाली गई है परन्तु उक्त व्यवस्था को संचालित करेन के लिए अभी तक न तो कर्मचारी रखे गये है और न ही कोई व्यवस्था बनाई गई है। कुल मिलाकर इस वर्ष यात्रा भगवान भरोसे ही है। 

लोगों के लिए हाईटेंशन की लाईन बनी जी का जंजाल 

देहरादून, 9 मई (निस)। हरिद्वार देहरादून मार्ग पर स्थित लाल तप्पड़ क्षेत्र में दर्जनों घरों के ऊपर से जा रही हाईटेंशन की लाईन को लेकर लोगों के जीवन को खतरा उत्पन्न हो गया हैं। जिसके चलते कई बार करंट की चपेट मे भी आने का डर बना रहता हैं जिससे लेागों मे भय का वातारण बना है। जिसे हटाए जाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के तमाम आला अफसरों सहित जनप्रतिनिधियों के यहां भी दस्तक दीे हैं। लेकिन परिणाम शून्य ही रहा। क्षेत्र के विख्यात लूनावाला गुरूद्वारे के संरक्षक स. गुरमेल सिंह ने बताया कि उक्त हाईटेंशन की लाईन को हटाये जाने के लिए ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के कई अफसरों को ज्ञापन दिया। यह लाईनें घरों के निर्माण के बाद लगाई गई हैं। गुरूद्वारे के प्रधान ओमकार सिंह का कहना था कि उक्त मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी गंभीरता दिखाई परन्तु प्रदेश मे कांग्रेस की सरकार होने के कारण कार्यवाही नहीं हो सकी हैं। लेकिन अब निशंक ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए लोगों के लिए जी का जंजाल बनीं लाईनों को हटाने का आश्वासन दिया है। उक्त लाईन को हटाये जाने केा लेकर विद्युत विभाग से मिलने वाले ग्रामीणों मे बलदेव सिंह, गुरमेल सिंह, ओंमकार सिंह सहित काफी लोग थे।

अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति की मौत, डाक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

ऋषिकेश/देहरादून 9 मई (निस)। सरकारी अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति की बृहस्पतिवार को मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सकांे पर देखरेख और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। इस दौरान अस्पताल में भर्ती साकणीधार बस हादसे के घायलों का हालचाल जानने आए स्वाथ्य मंत्री को भी परिजनों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा। किसी तरह समझा बुझाकर आक्रोशित परिजनों को शांत किया गया। संजय कुमार वर्मा 42वर्ष पुत्र मोतीराम निवासी शांतिनगर का राजकीय चिकित्सालय में हाइड्रोसील का आपरेशन हुआ था। आपरेशन के बाद वर्मा अस्पताल के पुरूष वार्ड में भर्ती थे। बताया जा रहा है कि उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। जिस पर परिजनों ने उपचार में कोताही का आरोप लगाते हुए बवाल काटा। तभी ट्रामा सेंटर में साकणीधार बस हादसे के घायलांे का हालचाल जानने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी को परिजनों ने घेर लिया। आरोप लगाया कि सुबह तबियत बिगडने पर चिकित्सक को बुलाया लेकिन एक घंटे बाद चिकित्सक पहुंचे तब तक मरीज की मौत हो चुकी थी। मामले मंे स्वास्थ्य मंत्री ने कार्यवाहक सीएमएस एसडी सकलानी से जवाब तलब किया। सीएमएस ने परिजनों को शांत कराने का प्रयास किया आक्रोशित परिजन खरी खोटी सुनाते हुए चले गए।

10-11 मई को राजभवन में आयोजित होगी ‘के.ए.अब्बास’ शताब्दी

देहरादून,09 मई,(निस)।  जाने माने लेखक, पत्रकार तथा फिल्म निर्माता ख्वाजा अहमद अब्बास की जन्म शताब्दी 10 एवं 11 मई को राजभवन के प्रेक्षागृह में मनाई जायेगी। उत्तराखंड के राज्यपाल डा0 अज़ीज़ कुरैशी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। यह कार्यक्रम ‘के.ए.अब्बास शबाब्दी समिति’ द्वारा आयोजित किया जा रहा है। जिसके द्वारा दिल्ली, हैदराबाद तथा अलीगढ़ में पहले ही कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके हैं। देहरादून में इस कार्यक्रम के संयोजन का दायित्व राज्यपाल के सांस्कृतिक सलाहकार श्री आलोक बी.लाल (रिडायर्ड आई.पी.एस)को सौंपा गया है। 10 मई की सायं 4.00 बजे राज्यपाल कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। 11 मई को कार्यक्रम दो सत्रों में होगा। प्रातः 10.30 से 1.30 तक का प्रथम सत्र लेखक ‘अब्बास’ को समर्पित होगा जिसके तहत ‘नई धरती नया इंसानः लेखक अब्बास’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई है। भोजनावकाश के बाद 3.00 से 6.00 बजे तक के द्वितीय सत्र की संगोष्ठी के लिए ‘जागते रहोः अब्बास और सिनेमा’ विषय चुना गया है जिसके अन्तर्गत सिनेमा की दुनिया में अब्बास के योगदान पर चर्चा होगी। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में कई प्रख्यात विद्धान, थियेटर और सिनेमा से जुडी कई नामचीन हस्तियाँ शामिल होंगी। जिनमें योजना आयोग की सदस्य डाॅ0 सईदा हमीद, कला और संस्कृति के क्षेत्र में विशेषाधिकार रखने वाले श्री अशोक बाजपेयी, संसद सदस्य श्री डी,पी त्रिपाठी, डाॅ0 प्रमोद लाल, डाॅ0 रश्मि दोराईस्वामी, श्री सुबोध लाल, डाॅ0 यूसुफ सईद और डाॅ0 हेमेंद्र चंदोलिया प्रमुख हैं। इस आयोजन के प्रति देहरादून के बुद्धिजीवियों में गहरी रूचि पैदा हुई है। विद्धान, कवि, लेखक और पत्रकार पहले से ही इस कार्यक्रम के प्रति अपना रूझान प्रकट कर चुके हैं। राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी, मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी समारोह से जुडे हैं। ख्वाजा अहमद अब्बास का जन्म 07 जून, 1914 को हुआ था। उर्दू, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में गहरी पकड रखने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी, के.ए.अब्बास एक प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, उपन्यासकार, पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे। उन्होंने ‘सात हिंदुस्तानी’ और ‘दो बूंद पानी’ जैसी कई महत्वपूर्ण फिल्मों का निर्माण किया। राष्ट्रीय एकता पर बनी इन दोनों ही फिल्मों ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। वे पत्रकार के रूप मंे भी बहुत प्रसिद्ध थे। उनके ‘लास्ट पेज’, काॅलम को भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में सबसे लम्बे समय तक चलने वाले स्तंभों (काॅलम) में से एक होने का गौरव प्राप्त है। अब्बास एक विपुल लेखक थे। उन्होंने अंग्रेजी, हिन्दी और उर्दू में 73 से अधिक पुस्तकें लिखी। अब्बास को उर्दू लघु कहानी का एक प्रमुख प्रकाश स्तभ माना जाता था। उनकी काल्पनिक रचना ‘इन्कलाब’ को भारतीय साहित्य में एक विशेष स्थान प्राप्त है। 

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