साम्प्रदायिक ताकतें गुजरात से मुजफ्फरनगर होते हुए काशी पहुंच चुकी हैं। काशी को दूसरी आयोध्या बनाने की कोशिश को परास्त करना होगा। यह बात भाकपा माले के राज्य सचिव बृजबिहारी ने शनिवार को यहां कही। बृजबिहारी यहां प्रेस क्लब में 'लोकसभा चुनाव 2014 चुनौतियां और विकल्प'नामक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर वरिष्ठ कानूनविद् अवतार सिंह बहार ने कहा कि फासीवादी ताकतों को रोकने लिए पूंजीवाद के पैरोकारों की हर कोशिश को परास्त करना होगा। इन ताकतों को रोकने के लिए नवउदारवादी नीतियों के पैरोकार क्षेत्रीय दल के नेता ही इसका विकल्प बन सकते हैं।
देश की नीतियों को विकल्प देने के लिए जनप्रतिरोध को संगठित होना होगा। उन्होंने कहा कि मैं इन ताकतों से निपटने के लिए अपनी किताब के माध्यम से पहले ही अवगत करा चुका हूं। लेकिन अब जन आन्दोलनों को एक मंच पर आना होगा।
सुप्रसिद्ध लेखक मुद्राराक्षस ने कहा कि साम्प्रदायिक ताकतों की हर घेरेबंदी को तोड़ना होगा। व्यवस्था परिवर्तन का नारा आज लोगों को गुमराह करने का हथकंडा बना दिया गया है। लालच और अंधी प्रतियोगिता ने गरीबों को तबाह किया ही है, खाते-पीते मध्यम वर्ग के जीवन का भी सुख चैन छीन लिया है।