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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (13 मई)

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अब सितम्बर में आयोजित होगा ‘विश्व संस्कृत सम्मेलन’ 

देहरादून, 13 मई,(निस)।  राजभवन में विश्व संस्कृत सम्मेलन (वल्र्ड संस्कृत कांफ्रैस) का आयोजन अब 26, 27 तथा 28 सितम्बर, 2014 को होगा। पूर्व में जुलाई प्रथम सप्ताह में प्रस्तावित इस सम्मेलन की तिथि में परिवर्तन का निर्णय राज्यपाल डा0 अज़ीज़ कुरैशी की अध्यक्षता में राजभवन में संपन्न तृतीय बैठक में लिया गया। राज्यपाल ने बैठक में उपस्थित कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय सहित सभी अधिकारियों से कहा कि सम्मेलन के समय को इसलिए आगे बढ़ाया जा रहा है ताकि आयोजन की तैयारियों के लिए पर्याप्त समय मिल सके और यह सम्मेलन इस भाषा के संर्वद्धन, उपयोगिता एवं सर्वग्राहृयता के लिए ‘मील का पत्थर’ साबित होे।  बैठक में राज्यपाल ने यह भी कहा कि ‘‘ज्ञान-विज्ञान की दृष्टि से संस्कृत विश्व की सबसे समृद्ध व श्रेष्ठ भाषा है। देहरादून में प्रस्तावित इस विश्वस्तरीय संस्कृत सम्मेलन के आयोजन का मकसद संस्कृत भाषा को आमजन की भाषा बनाने पर केन्द्रित करना होगा। इसके लिए देश-विदेश से ऐसे राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय प्रगतिशील संस्कृत विद्धानों को कांफ्रैस में आमंत्रित किया जाये जो ज्ञान-विज्ञान से परिपूर्ण इस भाषा की समृद्धता को कम्प्यूटर के इस युग में व्यावहारिक स्वरूप में प्रस्तुत करके इसकी बहुपयोगिता तथा महत्व को सिद्ध करने में सहायक हों।’’ उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत को विकसित करने तथा उसे जनसामान्य की भाषा बनाने के प्रयास तभी सफल होंगे जब उसे आधुनिक स्वरूप में प्रस्तुत किया जायेगा। बैठक में राज्यपाल ने कहा कि सम्मेलन के आयोजन से पूर्व कुछ ऐसी विशिष्ट पाठ्य एवं शिक्षण सामग्री प्रकाशित की जाए जो संस्कृत भाषा के बुनियादी ज्ञानवर्द्धन में सहायक होने के साथ ही भारतीय संस्कृति की झलक भी प्रस्तुत कर सके। इस अवसर पर एक स्मारिका भी प्रकाशित हो जिसमें संस्कृत विद्धानों के ऐसे लेख शामिल किए जाए जो हमारी युवा पीढ़ी में संस्कृत भाषा-ज्ञान के प्रति रूचि जागृत कर सके। आयोजन की विस्तृत रूप-रेखा पर विचार-विमर्श के दौरान राज्यपाल की अपेक्षानुसार आयोजन समिति का गठन किया गया। प्रमुख सचिव संस्कृत शिक्षा को अध्यक्ष, कुलपति उ0, संस्कृत विश्वविद्यालय को उपाध्यक्ष, सचिव संस्कृति, सचिव पर्यटन, सचिव वित्त विभाग उ.शा., उपाध्यक्ष संस्कृत अकादमी हरिद्वार, अपर सचिव राज्यपाल तथा अपर सचिव संस्कृत शिक्षा को इस समिति का सदस्य बनाया गया है। आयोजन की सफलता के लिए अन्य समितियों के शीघ्र गठन कर ठोस कार्य योजना तैयार करने एवं उसे यथासमय सुनिश्चित/क्रियान्वित करने के निर्देश भी राज्यपाल द्वारा दिए गए। राज्यपाल स्वयं आयोजन की तैयारियों की समीक्षा समय-समय पर करते रहेंगे। संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए दृढ़ संकल्पित राज्यपाल ने राज्य मंे संस्कृत की अवहेलना पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा घोषित होने के बावजूद भी संस्कृत भाषा की सर्वग्राहृयता एवं महत्व स्थापित करने के लिए किसी भी स्तर से अब तक गंभीर प्रयास नहीं किए गए हैं जो उन्हें स्वीकार्य नहीं है। बैठक में सचिव राज्यपाल श्री अरूण ढौंडियाल, कुलपति उत्तराखंड संस्कृत वि0वि हरिद्वार प्रो महावीर अग्रवाल, अपर सचिव राज्यपाल डा0 निधि पाण्डेय, अपर सचिव संस्कृत शिक्षा विनोद प्रसाद रतूड़ी, अपर सचिव वित्त एल.एन.पंत, निदेशक संस्कृत शिक्षा आर.के.कुवंर, उपसचिव संस्कृत शिक्षा आर0पी.बहुगुणा, वित्त नियंत्रक राजभवन पूनम सोबती, परिसहाय मेजर पी.पी.राय चैधरी एवं डा0 योगेन्द्र सिंह रावत अनुसचिव राजभवन घनश्याम शर्मा, कम्प्ट्रोलर राजभवन प्रमोद चमोली, सहायक निदेशक सूचना राजभवन श्रीमती हन्सी ब्रजवासी उपस्थित थे।  
बर्फबारी होने से बद्री-केदार की यात्रा रोकी, हेमकुण्ड सड़क निर्माण में लगे 60 से अधिक मजदूर फंसे

देहरादून, 13 मई,(निस)। बद्रीनाथ केदारनाथ में पिछले चार दिनों से हो रही मूसलाधार वर्षा व बर्फबारी के कारण गुप्तकाशी से किसी भी यात्री को केदारनाथ व हनुमान चट्टी से आगे हुए भूस्खलन के कारण किसी भी यात्री को मार्ग बन्द होे जाने पर आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है तो वहीं गोबिन्द घाट से हेमकुण्ड साहिब के बीच भारी बर्फबारी के चलते सड़क निर्माण कार्यों में लगे 60 से अधिक सेना के जवान व मजदूर रास्ते में फंस गये हैं। जिन्हे हेमकुण्डसाहिब गुरूद्वारे में ही रहने के लिए निर्देशित किया गया है तथा ऋषिकेश में चारों धामों के यात्रियों की सुविधा हेतु खोले गये बायोमैट्रिक पंजीकरण कार्यालय की खिड़कियां भी आगामी आदेश तक बन्द कर दी गई हैं। यहां बताते चलें कि विगत शनिवार से हो रही भारी वर्षा व बर्फबारी के कारण मार्ग बन्द होने से दोनों धामों की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को रोक दिया गया है। यात्रा प्रशासन के अधिकारी एके श्रीवास्तव ने बताया कि बद्रीनाथ-केदारनाथ में चार से पांच फीट बर्फबारी व बर्षा होने के कारण यात्रा मार्ग पूरी तरह बन्द हो गये हैं। यहां तक की केदारनाथ में चलने वाली हवाई पवनहंस को भी फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। श्रीवास्तव ने बताया कि बर्फबारी के कारण सोनप्रयाग में भी यात्रियों को रोका गया है तथा केदारनाथ बाबा के दर्शन करने गये सभी यात्रियों को केदारनाथ को खाली कराए जाने के साथ सिर्फ वहां अब बद्री-केदार मन्दिर समिति व सुरक्षा में लगे कुछ कर्मचारी ही रह गये हैं। जिनके द्वारा आगामी सूचना दिये जाने पर ही यात्रियों को अब दर्शन के लिए भेजा जाएगा। क्योंकि केदारनाथ जाने वाला पैदल मार्ग भी बन्द हो गया है। चमोली के जिलाधिकारी के अनुसार बद्रीनाथ में भी रामबगड से आगे वर्षा के कारण हुए भूस्खलन से लामबगड में रास्ता पूरी तरह अवरूद्ध हो चुका है तो वहीं गोबिन्द घाट के हेमकुण्ड जाने वाले यात्री यात्रा मार्ग को सेना की मदद से खोल दिया गया है। ऋषिकेश के संयुक्त रोटेशन बस स्टैण्ड पर किये जा रहे पंजीकरण कार्यालय में रविवार से बद्रीनाथ-केदारनाथ का रजिस्टेªशन न होने के कारण उनकी खिड़कियां भी आगामी आदेश तक के लिए बन्द कर दी गई हैं। जिससे बस स्टैण्ड पर तो मायूसी छा गई है तथा यात्रा पर जाने वाले कुछ यात्रियों ने तो धर्मशालाओं में डेरा डाल दिया है तथा कुछ ने अपने घरों के लिए वापसी शुरू कर दी है। उधर सोमवार को यात्रा प्रशासन कार्यालय ने संयुक्त रोटेशन से जुडे़ परिवहन व्यवसायियों की बैठक में यात्रा को लेकर चली माथा पच्ची के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया जासका है। जिससे परिवहन व्यवसायियों में भी यात्रा के प्रति नाराजगी जताई गई है। 

यात्रा प्रशासन ने ऋषिकेश को ही चारों धामों का केन्द्र किया घोषित

char dham yatra
देहरादून, 13 मई,(निस)। यात्रा पर्यटन विभाग व सरकार द्वारा चारों धामों की यात्रा को लेकर संयुक्त रोटेशन व्यवस्था के तहत यात्रा को चलाने के लिए ऋषिकेश को ही केन्द्र के रूप में संचालित करेगा। जिसके चलते अब हरिद्वार से वाहन सीधे यात्रा पर संचालित नहीं सकेंगे। सेवा नियमावली की अनुमति के लिए शासन को कुछ प्रमुख बिंदु भेजे जाएगें ताकि रोटेशन व्यवस्था बनाने में सरकार की जिम्मेदारी निश्चित हो सके। यात्रा प्रशासन के अध्यक्ष और एसडीएम संतोष कुमार पांडेय ने रोटेशन के अधीन नौ निजी परिवहन कंपिनयों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चारधाम यात्रा के लिए गठित ज्वाइंट रोटेशन व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर चर्चा की। उन्होने बताया कि रोटेशन का गठन सुगम यात्रा तीर्थयात्रियांे से मनमाना किराया वसूलने की शिकायत और हरिद्वार से रोटेशन से बाहर संचालित स्टे प्राप्त वाहनों पर अकुंश लगाने के लिए किया गया हैं यदि कोई मनमानी करता है तो उसके खिलाफ नियमानुसारसख्त कार्यवाही की जाएगी। ज्वाइंट रोटेशन से ही चारधाम यात्रा सुचारू होगी। एसडीएम ने कंपनी पदाधिकारियों को आपसी मतभेद दूर कर रोटेशन व्यवस्था के तहत वाहन संचालित करने की हिदायत दी। समिति सचिव और एआरटीओ शैलेश तिवारी ने बताया कि रोटेशन भंग नहीं हुआ है। निजी परिवहन कंपनियो की नाराजगी दूर कर ली गई है। वाहन फिर से रोटेशन सिस्टम से संचालित होने लगेंगे। इस मौके पर एआरटीओ प्रवर्तन आंनद कुमार जायसवाल कोतवाल अर्जुन सिंह रावत उत्तराखण्ड परिवहन महासंघ अध्यक्ष संजय शास्त्री यातायात पर्यटन सहकारी संघ के संचालक अलेल सिह भंडारी आंनद प्रसाद बिजल्वाण दाताराम रतूडी टीजीएमओ सचिव हिम्मत सिंह रावत रूपकंुड अध्यक्ष भूपाल सिंह नेगी प्यारेलाल जुगलाण विनोद भटट डीसी सकलानी एचएस कैंतुरा आदि मौजूद थे। 

गांव में निकला अजगर, ग्रामीणों में हड़कंप

देहरादून, 13 मई,(निस)। गत दिवस खांडगांव क्षेत्र मंे अजगर निकलने से स्थानीय लोगांे मंे हडकंप मच गया। सूचना पर खाली हाथ पहुंची पार्क की टीम ने अजगर को पकड़ने में हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में स्थानीय युवक रिजवान और प्रहलाद ने हिम्मत जुटाकर अजगर पकड़ा और पार्क कर्मियो के सुपुर्द किया, इसके बाद उसे समीपवर्ती जंगल मंे छोड दिया गया हैं। वन विभाग के मुताबिक अजगर की लंबाई 12 फीट के आसपास थी। बताया कि अजगर को पार्क की सीमा में सत्यनारायण मंदिर के समीप छोड दिया गया। 

अर्द्धकुम्भ की तैयारियों को लेकर डीएम ने ली विभिन्न विभागों की बैठक

देहरादून, 13 मई,(निस)। 2016 में होने वाले अर्द्धकुम्भ मेले की तैयारियों के दृष्टिगत जिलाधिकारी टिहरी ने विभिन्न विभागांे की बैठक में कुंभ के दृष्टिगत क्षेत्र मंे होने वाले स्थायी-अस्थायी कार्यों के संबंध में जानकारी ली और उन्हे तीन दिन में कार्यों का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। डीएम युगल किशोर पंत ने निकाय के फ्रीडम फाइटर भगवान दास मुल्तानी सभागार में हुई बैठक मंे विभिन्न विभागों द्वारा पूर्व में कुंभ मेलाधिकारी हरिद्वार को भेजे गए प्रस्तावों पर चर्चा की। साथ ही आधिकारियों से आवश्यक संशोधन के साथ दोबारा प्रस्ताव उपजिलाधिकारी नरेन्द्रनगर को सौंपने को कहा। बताया गया कि इसके बाद सभी प्रस्तावांे की समीक्षा की जाएगी। बैठक में एसडीएम मनीष कुमार पीडब्लूडी नरेन्द्रनगर के अधिशासी अभिंयता मो. आरिफ खान सिंचाई विभाग के ईई कमल सिंह ऊर्जा निगम के एसडीओ सौरभ चमोली जलकल अभियंता तरूण शर्मा, जल निगम के एई योगेन्द्र सिंह नगर पंचायत के ईओ सुनील कुमार मौजूद थे। 

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