मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का अधिक से अधिक निपटारा हो- डाॅ0 सुनहरे
- मीडिऐशन जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन
सीधी 17 मई 2014 न्यायालयीन प्रकरणों की जटिलता के कारण अधिकांश मामलों में ज्यादा समय एवं धन का व्यय होता है । जिससे निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार समस्त जिलों में मीडिऐशन योजना के माध्यम से प्रकरणों के निपटारे के लिए सकारात्मक पहल की गई है। जिससे पक्षकारों को सस्ता एवं सहूलियत से न्याय मिल सकेगा। इस आशय के विचार आज विशेष न्यायाधीश डाॅ0 जे.सी.सुनहरे ने जिला न्यायालय परिसर में स्थित जिला न्याय सदन में आयोजित मीडिऐशन जागरूकता शिविर के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। इस अवसर पर अतिरिक्त एवं जिला सत्र न्यायाधीश श्री पी.एल.दिनकर, सी.जे.एम.श्री विष्णु सोनी, न्यायाधीश श्री मनोज तिवारी, श्री राजीव सिंह, न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती संगीता यादव, रजिस्ट्रार एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजेश यादव, न्यायाधीश श्री आशीष कुमार केसरवानी, श्री अंजय सिंह, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री मुनीन्द्र द्विवेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री लालमणि सिंह, श्री बृजेन्द्र सिंह, अधिवक्तागण एवं पक्षकारगण उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री सुनहरे ने कहा कि पक्षकारों के जागरूकता से ही त्वरित न्याय प्रक्रिया में सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। आपसी विवादों के निपटारे के लिए मध्यस्थता अधिनियम के तहत सभी को आगे आकर इस दिशा में सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा मीडिऐशन योजनांतर्गत आने वाले प्रकरणों को फोरम/संस्था में स्थानांतरित कर न्याय प्रक्रिया के परिणाम को पक्षकार के हाथों में दे दिया जाता है। आपसी समझौते के आधार पर लिये गए निर्णय स्थाई होते हैं। उन्होंने बताया कि पारिवारिक संबंधी मामलों के निपटारे से प्रगाढ़ता और अधिक बढ़ जाती है। परिसम्मपत्तियों के आपसी मामलों को सुलह के माध्यम से सुलझाये जा सकते हैं। उन्हेांने मीडिएशन योजना के बारे में बताया कि इससे समय की बचत तथा अपव्यय को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि पक्षकारों को जागरूक किया जाए तथा इस दिशा में सकारात्मक परिणाम हेतु सभी वर्गों एवं न्यायालयीन कर्मियों को भी आगे आना चाहिए। ए.डी.जे.श्री पी.एल.दिनकर ने कहा कि मीडिऐशन योजनांतर्गत सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जागरूकता संबंधी प्रशिक्षण संबंधितों द्वारा लिया गया है। इस दिशा में निश्चित ही बेहतर कार्य किए जाकर सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। ए.डी.जे.श्री मनोज तिवारी ने कहा कि उन्होंने मीडिऐशन जागरूकता का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। जिले में जागरूकता की दिशा में सभी आवश्यक पहल की जाएगी। तहसील एवं ब्लाक स्तर पर जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री मुनीन्द्र द्विवेदी ने कहा कि मीडिऐशन जागरूकता महत्वाकांक्षी योजना है। इससे लंबित प्रकरणों में कमी आएगी । उन्होंने कहा कि न्यायालयों में ऐसे प्रकरणों की सूची तैयार की जाए। जिससे इस दिशा में आगे बढ़ा जा सके। वरिष्ठ अधिवक्ता श्री लालमणि सिंह ने मीडिऐशन जागरूकता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि इसके उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमें समन्वित प्रयास करने होंगे तभी सफलता प्राप्त हो सकेगी। प्रकरणों के समाधान प्रणाली का लाभ पक्षकारों को मिले ऐसे प्रयास किए जाएं। उन्होंने फांस, फांसले और फैसला की व्याख्या करते हुए इस दिशा में किए जाने वाले ठोस प्रयासों पर बल दिया। श्री बृजेन्द्र सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता ने भी मीडिऐशन जागरूकता पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री राजेश यादव ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए कहा कि मीडिऐशन जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यही है कि पक्षकारों को बताया कि आपसी समझौते एवं मध्यस्थता से प्रकरणों का अधिक से अधिक निराकरण कराये जाने की पहल की जाए। जिससे उनके समय एवं व्यय होने वाली राशि की बर्बादी से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि इस दिशा में और अधिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन ग्रामीण अंचलों किया जाएगा जिससे अधिक से अधिक लोगों इसकी जानकारी हो सके तथा सार्थक परिणाम सामने आ सकें।
कार्यक्रम की शुरूआत मातृ वंदना से हुई
कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जलित कर की गई । इस अवसर पर सामाजिक न्याय विभाग के कलाकार श्री सुरेन्द्र शुक्ला द्वारा सुमधुर आवाज में मातृ वंदना प्रस्तुत की गई।