उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार से बदायूं कांड के आरोपियों को जल्द फांसी की सजा दिलाने की मांग की है। उन्होंने इस कांड की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के साथ ही प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग दोहराई है। मायावती ने लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले की सीबीआई को जांच जल्दी शुरू करने और जल्द रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहना चाहिए, ताकि दोषियों को फांसी और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
उन्होंने कहा कि बदायूं कांड इतना अमानवीय था कि इसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी खौफनाक और भयावह अपराध माना है। बसपा प्रमुख ने कहा कि मैनपुरी में तीन बहनें लापता हैं, बस्ती में एक युवती को जलाने की वारदात हुई है। आजमगढ़ में एक बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ। सपा के शासन में प्रदेश अपराधों का गढ़ बन गया है।
मायावती ने कहा कि प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे, तनाव, हत्या और दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों की बाढ़ सी आ गई है। बदायूं कांड की सीबीआई जांच कराने में सपा सरकार कोई पेच न फंसा दे, इसलिए वह बदायूं जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश को अपराध मुक्त कराने के लिए सपा सरकार का जाना नितांत जरूरी है। जब तक यह सरकार रहेगी समाज का कोई तबका सुरक्षित नहीं रहेगा।
इससे पहले मायावती ने अपनी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं स्वामी प्रसाद मौर्य और नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बदायूं कांड के पीड़ित परिवार से मिलने के लिए भेजा था। उन्होंने दावा किया कि उनके बदायूं जाने की घोषणा के बाद ही सपा सरकार ने दबाव में आकर सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति की। इससे पहले सपा सरकार कह रही थी कि पीड़ित परिवार जब लिखित में देगा, तभी सीबीआई जांच की संस्तुति की जाएगी।