बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 12 दिनों पुरानी अपनी सरकार के मंत्रिमंडल का सोमवार को विस्तार किया। राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल डी.वाई. पाटील ने 14 नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ बिहार में मांझी मंत्रिमंडल में मंत्रियों की कुल संख्या 31 हो गई है। मांझी मंत्रिमंडल का यह पहला विस्तार है। मंत्री पद के शपथ लेने वालों में राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, बैजनाथ सहनी, बीमा भारती, विनोद प्रसाद यादव, रंजू गीता, मनोज कुमार सिंह, नौशाद आलम, महाचंद्र प्रसाद सिंह, श्रवण कुमार, जय कुमार सिंह और रामधनी सिंह शामिल हैं।
इनके अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से जनता दल (युनाइटेड) में शामिल हुए सम्राट चौधरी, जावेद इकबाल अंसारी और राम लखन राम 'रमण'को भी मंत्री बनाया गया है। मंत्रियों के नामों को लेकर देर रात तक जनता दल (युनाइटेड) के वरिष्ठ नेताआंे के बीच विचार-विमर्श होता रहा। लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार ने नैतिकता के आधार पर 17 मई को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नीतीश को विधायक दल के नेता चुनने के लिए अधिकृत किया गया। नीतीश ने ही मुख्यमंत्री पद के लिए जीतन राम मांझी का नाम तय किया था।
मांझी सहित उनके नेतृत्व वाली 18 सदस्यीय नई सरकार ने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। मांझी की नेतृत्व वाली सरकार ने विधानसभा में 23 मई को राजद और कांग्रेस के सहयोग से विश्वास मत हासिल किया था। जद (यू) सूत्रों के अनुसार, अगले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस मंत्रिमंडल में पार्टी नेताओं को स्थान दिया गया है।
पिछले वर्ष 16 जून को भाजपा से जद (यू) के अलग हो जाने के बाद नीतीश मंत्रिमंडल से भाजपा के 11 मंत्री बाहर हो गए थे। इसके बाद से ही भाजपा ने जद (यू) ने पार्टी में बिखराव के डर से मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं करने का आरोप लगाती रही है। नीतीश के उत्तराधिकारी मांझी ने अपने मंत्रियों की नई टीम में भी कोई फेरबदल नहीं किया था। पहले चरण में शपथ लेने वाले सभी मंत्रियों के विभाग भी पूर्ववत रहने दिए थे।