बिहार में जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही जनता दल (युनाइटेड) में घमासान मच गया। जद (यू) के अंदर विरोध के स्वर मुखर हो गए। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जद (यू) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने प्रवक्ता पद छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी में वैसे विश्वासघाती लोगों को सम्मानित किया गया है जिसने नीतीश कुमार को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ा। उन्होंने टेलीफोन पर अपना विरोध जताते हुए कहा, "पार्टी कठिन परिस्थिति के दौर से गुजर रही है। ऐसे में विश्वासघाती को सम्मान और अपनों को दुत्कारा जा रहा है।"नीरज अभी बिहार से बाहर हैं।
इधर, पार्टी के विधायक ज्ञानेंद्र ज्ञानू ने भी मंत्रिमंडल में दलबदलुओं को तरजीह देने से नाराज हो गए हैं। उन्होंने इशारों ही इशारों में राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि ऐसे लोगों को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है जिसने पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को हराने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी।
उन्होंने कहा, "मंत्रिमंडल में ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया है जो शपथ ग्रहण समारोह में शपथपत्र भी ठीक से नहीं पढ़ पाए। यह शायद देश में पहला मामला है जब बिना शपथपत्र पढ़े ही मंत्री मान लिया गया।"ज्ञात हो कि मंत्री बनी बीमा भारती शपथपत्र ठीक से नहीं पढ़ पाईं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अलग होने के बाद से ही मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो रहा था। माना जा रहा था कि पार्टी में विद्रोह के कारण ही मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किया जा रहा था। बहरहाल, कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल के विस्तार पर विरोध के स्वर और मुखर हो सकते हैं।