अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के दौरान साल 2011 में आत्मदाह करने वाले दिनेश यादव के नाबालिग बेटों ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मदद की गुहार लगाई है। दिनेश के बड़े बेटे गुड्ड (14) ने कहा है, "केजरीवाल चाचा, मेरे पिता ने जनलोकपाल विधेयक की मांग वाले आपके आंदोलन के लिए बलिदान दिया था। हम बेहद गरीबी में रह रहे हैं और जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, हमारी मदद करें।" दिनेश पटना से 40 किलोमीटर दूर सरफुद्दीनपुर गांव का निवासी था।
गुड्डु ने कहा है, "मेरे पिता की मौत हो गई, हमारे पास मजदूरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा और पढ़ाई छूट गई।"दिनेश की पत्नी मलमटिया देवी ने कहा, "अब हमारी आस दिल्ली सरकार से जुड़ी हुई है। हमारे पास दिल्ली जाने के लिए पैसे नहीं है। अब केजरीवाल को हमारी मदद करनी चाहिए।"दिनेश के परिवार में उसके माता-पिता, पत्नी और गुड्ड सहित पांच बच्चे पूजा कुमारी (12), भारती कुमारी (10), सोहिल (8) और अमर (4) हैं।
दिनेश के भाई बृजमोहन यादव ने बताया कि विभिन्न दलों के राजनीतिज्ञों ने भाई की मौत के बाद घर का दौरा किया और मदद का वादा किया, लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिली है। उन्होंने कहा, "उन्होंने सड़क का नाम उनके नाम पर रखने, उनकी आदमकद मूर्ति लगाने और उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा का वादा किया था। लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।"अन्ना के समर्थन में नारेबाजी करने के दौरान 23 अगस्त, 2011 के दिन दिनेश ने दिल्ली के राजघाट में खुद को आग लगा लिया था। वह 70-80 फीसदी जल गया था और 29 अगस्त को अस्तपाल में उसने दम तोड़ दिया था।