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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (06 जून)

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पूरी तरह से फर्जी था 2009 में हुआ बहुचर्चित रणबीर एनकाउंटर
  • दिल्ली की एडीजे कोर्ट में सुनाई जाएगी सजा

uttrakhand news
देहरादून, 6 जून (निस)। शुक्रवार को दोहपर बाद पांच साल पुराने बहुचर्चित रणबीर एनकाउंटर मामले में आरोपी देहरादून के 18 पुलिसकर्मियों को दिल्ली की एडीजे कोर्ट ने दोषी करार दिया है। इन पर आरोप भी तय कर ‌दिए गए हैं और शनिवार को इस मामले में सजा सुनाई जाएगी। चर्चित मामले मे 18 पुलिसकर्मियों में से 17 को हत्या और साजिश करने के लिए व एक पुलिसकर्मी को सबूत मिटाने का दोषी करार दिया गया है। इनमें दो इस्पेक्टर और चार सब इस्पेक्टर सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। गौरतलब हो कि तीन जुलाई 2009 को आराघर चैकी प्रभारी जीडी भट्ट की सर्विस रिवाल्वर लूटने के आरोप में पुलिस ने इस दिन बाइक सवार रणबीर निवासी खेकड़ा, बागपत को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था। उसके दो साथी फरार बताए गए थे। अगले दिन रणबीर के परिजनों ने ग्रामीणों के साथ हंगामा किया था। पुलिस ने मारे गए युवक के परिजनों पर पोस्टमार्टम हाउस के बाहर लाठियां बरसाकर विरोध को दबाने का प्रयास किया था। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि रणबीर के शरीर पर चोट के 28 निशान थे, जबकि उसे 22 गोलियां मारी गई थी। घटना के बाद सरकार ने सीबीसीआईडी जांच के साथ आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या और दूसरी धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया था। बाद में जांच सीबीआई के सुपुर्द हो गई थी। रणबीर के पिता रवींद्र पाल ने सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर पूरे मामले के उत्तराखंड में चलने के चलते उनको न्याय उ मिलने का अंदेशा कोर्ट को बताया था इसके बाद इस माले की जांच जांच दिल्ली स्थानांतरित करा ली गयी थी। सभी 18 पुलिसकर्मी तब से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। दिल्ली की तीस हजारी स्थित एडीजे कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के बाद फैसला शुक्रवार (आज) तक के लिए सुरक्षित कर लिया था।  इस दौरान निचले कर्मियों में इस मामले में फंसे जवानों के प्रति सहानुभूति का माहौल रहा। जवानों का कहना था कि कुछ पुलिसकर्मियों ने तो सिर्फ अफसरों के कहने पर मुठभेड़ की लिखापढ़ी में अपना नाम शामिल करवा लिया था। सजा निर्धारित हो जाने के बाद राज्य पुलिस के सिपाहियों व दरोगाओं में अधिकारियों के प्रति रोष साफ देखा जा रहा है कि उन्होेने अपने आप को बचाने के चक्कर में कई पुलिसकर्मियों को इस मामले में फंसा दिया। इस चर्चित मामले मे लिप्त पुलिस कर्मी डालनवाला कोतवाली के तत्कालीन इंसपेक्टर एसके जायसवाल, आराघर चैकी इंचार्ज जीडी भट्ट, कांस्टेबल अजित सिंह, एसओजी प्रभारी नितिन चैहान, एसओ राजेश बिष्ट, उप निरीक्षक नीरज यादव, चंद्रमोहन, सौरभ नौटियाल, विकास बलूनी, सतवीर सिंह, चंद्रपाल, सुनील सैनी, नागेंद्र राठी, संजय रावत, इंद्रभान सिंह, मोहन सिंह राणा, जसपाल गुसाईं और मनोज कुमार वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल मे बंद हैं.

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दी राज्य को नई दिषा

देहरादून, 6 जून,(निस)। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शिल्पी अरोड़ा ने कहा है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत की सरकार ने गैरसैण में विधान सभा सत्र आयोजित करने का जो निर्णय लिया है, वह ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि गैरसैण का यह सत्र प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि गैरसैण जैसे मुद्दे पर भाजपा का सोच समझकर बोलना चाहिए। यह जनभावनाओं से जुड़ा मुद्दा है और ऐसे मुद्दो को राजनीति से नही जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा बयान दिया गया है कि गैरसैण के नाम सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही है, तो उन्हें यह समझना चाहिए कि जो भी खर्च हो रहा है, वह सबके सामने है। उन्होंने कहा कि जनता को भी पता है कि सरकार ने जो निर्णय लिये है, उनके परिणाम आने वाले समय में मिलेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि गैरसैण किसी पार्टी विषय का मुद्दा नही है, बल्कि जनता और राज्य आन्दोलकारियों का मुद्दा है और इस मुद्दे पर पार्टी खड़ी है। उन्होंने कहा 9 जून 2014 से शुरू होने वाले विधान सत्र के दूरगामी परिणाम सामने आयेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा नेताओं को नसीहत दी है कि वे जनता में भ्रम न फैलाये। सरकार के हर निर्णय पर कमी निकालना ठीक नही है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नही है कि भाजपा नेता सरकार के हर निर्णय पर नकारात्मक बयान दे। सरकार जो भी निर्णय ले रही है, वह जनता के लिए है और इससे पर्वतीय क्षेत्र में विकास की बयार बहेगी। 

पर्यटकों की आमद से शहर में लग रहा जाम

देहरादून, 6 जून,(निस)। पहाड़ों की रानी मसूरी में खुषगवार मौसम का आनंद लेने बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से पूरे षहर में जाम लग रहा है। जिस कारण पर्यटकों को काफी परेषानी का सामना करना पड़ा। सीजन के पहले ही झटकेे में जाम ने पुलिस के हाथ पांव फुला दिए। वहीं एक बार फिर पार्किंग न होने का दंष पर्यटकों को झेलना पड़ा। पहाड़ों की रानी मसूरी में बड़ी संख्या में पर्यटकों ने मसूरी का रूख कर रहे हैं। लेकिन उनका आधा समय जाम में फंसे रहने के कारण खराब हो जाता है। जिस उत्साह से आपदा के बाद पर्यटक यहां आये उससे उन्हें निराष होना पड़ा रहा है। डीएम की बैठक में व्यवस्थाओं को सुचारू करने के निर्देष दिए गये थे। पुलिस को टैªफिक प्लान लागू करना था लेकिन वह कहीं नजर नहीं आ रहा है। किंक्रेग से गांधी चैक व वहां से जीरो प्वांइट तक जाम से पर्यटकों को घंटो जूझना पड़ाता है। लंढौर क्षेत्र में भी पर्यटकोें को मलिंगार की चढ़ाई में फंसने को मजबूर होना पड़ाता है। यहां तक कि मालरोड पर भी जाम लगता है।  पर्यटकों के आने से व्यापारियों के चेहरों पर रौनक लौट आई क्यों कि गत वर्श दैवीय आपदा के बाद से पर्यटक नहीं आ पा रहे थे जिसके कारण व्यापारियों को आर्थिक आपदा का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब पर्यटकों के आने से सीजन चलने की उम्मीद जगी है व पर्यटन से जुड़े होटल व्यवसायियों सहित रेस्टोरेंट, टैक्सी, रिक्षा, पटरी आदि सभी को इसका लाभ मिलेगा।

भारतीय संस्कृति में पाँच ‘ग’ का महत्त्वपूर्ण स्थान: डॉ पण्ड्या

देहरादून, 6 जून,(निस)। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में गंगा दशहरा के पावन अवसर पर तीन दिन तक चलने वाले कार्यक्रम की शुरुआत गौ-संवर्धन एवं गौ के पंचगव्य के चिकित्सकीय आधारभूतों की जानकारी के साथ हुआ। इससे पूर्व गौ के आदि उपासक श्रीकृष्ण एवं ज्ञानगंगा को जन-जन तक पहुँचाने वाले युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य के चित्रों पर दीप प्रज्वलन कार्यक्रम से शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गौ, गंगा, गीता, गायत्री व गुरु का महत्त्वपूर्ण स्थान है। ये सभी ने मानव मात्र का सदा उपकार ही किया है और असंख्यों को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करते हुए प्रतिष्ठित किया है। उन्होंने कहा कि गौ वंश की हो रही हत्या आर्थिक व धार्मिक दोनों ही दृष्टिओं में राष्ट्र व समाज के लिए हानिकारक है। जहाँ-जहाँ गायों की हत्या हो रही है, वहाँ-वहाँ आतंक, भूकंप जैसी विनाशकारी घटनाएँ ज्यादा हो रही हैं। डॉ पण्ड्या ने गौ माता को आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बताते हुए गौ पालन पर जोर दिया। कामधेनु गौ संस्थान देवलापार के वरिष्ठ प्रतिनिधि सुनील मानसिंहका ने कहा कि इस समय गाय की म्ब् प्रजातियाँ हैं, इनमें से कई लुप्त हो जा रही हैं। उन्होंने देशी गाय के पालन एवं उसके दूध से विभिन्न प्रकार की बीमारियों में लाभदायक होने की बात कही। श्री मानसिंहका ने गौ उत्पाद को अपने व्यावहारिक जीवन में उतारने पर जोर दिया। गौ संरक्षण में अपने जीवन समर्पित करने वाले सेंधवा मप्र के श्री मेवालाल पाटीदार ने गौ के विभिन्न गुणों के सैद्धांतिक पक्षों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गाय की सेवा से पाप नष्ट होते हैं। गो मूत्र, गोबर, गौ दुग्ध, गौदधि, गौ घृत यह सभी श्रेयस्कर है। गौओं को सहलाने से शरीर में एक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है। कुलाधिपति डॉ. पण्ड्या ने सुनील मानसिंहका व मेवालाल पाटीदार को उनके गौ संरक्षण पर अग्रणी योगदान के लिए विशेष प्रशस्ति पत्र, युगऋषि द्वारा रचित युगसाहित्य एवं उपवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। इससे पूर्व संगीत विभाग के भाइयों ने गौ संरक्षण पर भावभरी संगीत प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन रचनात्मक प्रकोष्ठ के प्रभारी केदार प्रसाद दुबे ने किया। श्री दुबे ने बताया कि गंगा दशहरा के पावन अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय इस कार्यक्रम का प्रथम दिन गौ माता को समर्पित रहा। इस अवसर पर श्री कालीचरण शर्मा, देसंविवि के ग्राम प्रबंधन प्रकोष्ठ के के.एस.त्यागी, डी.पी.सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया।  

रावत के नेतृत्व में पर्वतीय जिलों का होगा विकास: नेगी

देहरादून, 6 जून,(निस)। गैरसंेण में 9 जून से 11 जून तक आयोजित तीन दिवसीय विधानसभा के विशेष सत्र से जहां राज्य के पर्वतीय जनपदों के विकास कि एक नई पटकथा राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत के अगुवाई वाली सरकार द्वारा लिखी जायेगी, साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के सर्वागींण विकास के लिये पूरा रोड मैप तैयार कर लिया गया है, जिसमें पर्वतीय व तराई क्षेत्रों की भौगोलिक स्थितियों को मध्य नजर रखते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है। यहां जारी बयान में उत्तराखण्ड युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि जिस तरह राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा सभी चुनौतियों का सामना करते हुए विपरित परिस्थितियों में उत्तराखण्ड में चार धाम यात्रा पुनः शुरू करायी गयी तथा एक माह से भी कम अवघि के समय में डेढ लाख श्रद्वालुओं ने अलग-अलग धामों में उपस्थिति दर्ज करायी जो अपने आप में रावत सरकार की राज्य के विकास को पुनः पटरी पर लाने के लिये उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है, सरकार के इस निर्णय को राज्य के सभी वर्गो ने सराहा है तथा जनता ने सरकार के इस निर्णय की भरपूर प्रशंसा की है, क्योकि चार धाम यात्रा उत्तराखण्ड के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिससे राज्य में यात्रा के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है। श्री नेगी ने कहा कि हरीश रावत की अगुवाई में सरकार द्वारा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय, इसके लिए भी राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को भी कडें निर्देश दिये गये है, साथ ही मुख्यमंत्री की कार्य प्रणाली से प्रेरित होकर कही सचिव स्तर के अधिकारी जो देहरादून से बाहर नही जा पाते थे वे आज लगातार पर्वतीय क्षेत्रों के दौरे कर मुख्यमंत्री को जमीनी वास्तविक स्थिति से रूबरू करा रहे है, जिसके उपरान्त प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा राज्य कैबिनेट की पांच बैठकें देहरादून से बाहर आयोजित करने का निर्णय लिया गया, जिसे पर्वतीय जनपदों के विकास के लिए एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।

जैन मुनि प्रगल्भ सागर 29 दिन की पैदल यात्रा कर बद्रीनाथ से पहुंचे देहरादून

देहरादून, 6 जून,(निस)। देश के प्रख्यात जैन संत प्रगल्भ सागर 29 दिनों की पैदल यात्रा कर बद्रीनाथ धाम से आज यहां देहरादून पहंुचे। उन्होंने बताया कि वे पिछले माह ऋषिकेश के रास्ते पैदल मार्ग से बाबा बदरीनाथ के दर्शन करने गए थे और वहां दर्शन करने के बाद पैदल ही देहरादून वापस आए। उन्होंने बताया कि उन्हें इस दौरान लगातार 29 दिन चलना पड़ा। इस दौरान  उन्होंने बदरीनाथ के रास्तों और वहां के हालात का भी जायजा लिया और उसके बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जैन परंपरा के अनुसार जैन संत प्रायः पैदल ही यात्रा करते है इसे जैन धर्म में पद विहार के नाम से जाना जाता है। इस पद विहार में संत देश का भ्रमण करते है और समाज का बारीकी से अध्ययन भी करते है। उन्होंने बताया कि हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है और पैदल चल कर इसे जानना,समझना एक बेहतरीन अनुभव होता है। बदरीनाथ के रास्तों के बारे में बताते कहा कि रास्ते अभी भी काफी खराब है और वहां वाहन से जाना बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ धाम के रास्ते अभी भी गत वर्ष की आपदा की मार से बेहाल है। जैन संत ने कहा कि हालांकि रास्ते बहुत दुरूह है लेकिन वहां के लोग बहुत ही सरल और मददगार किस्म के है और वे यात्रियों की खूब मदद करते है। अपने बारे में जानकारी देेते हुए उन्होंने कहा कि मेरा जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले में 1960 में हुआ। प्राथमिक शिक्षा उज्जैन में हुई और उसके बाद मेरा मन सांसारिक बंधनो से उबने लगा और मैने संयास की राह पकड़ ली। उन्होंने कहा कि  वे अब तक देश के 24 से अधिक राज्यों का पैदल भ्रमण कर चुके है और यह यात्रा निरंतर जारी है। उन्होंने इलाहाबाद के महाकुंभ में आयोजित धर्म संसद में अपनी सहभागिता का उल्लेख करते हुए बताया कि भारतीय धर्मो के संरक्षण के लिए ऐसी संसदो का आयोजन बेहद प्रशंसनीय है। 
उन्होंने कहा कि जैन धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है और यह सत्य व अहिंसा के प्रचार प्रसार का कार्य कर मानवता के उच्चतम मानदंडो को स्थापित करने के लिए सतत प्रयत्नशील है। जैन धर्म में आए कमियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि परिवर्तन संसार का नियम है और समय के साथ परिवर्तन होना जरूरी भी है इसलिए जैन धर्म में भी कमियों को दूर करने की आपश्यकता है। उन्होंने कहा कि जैन दार्शनिक और चिंतक इन बातों पर प्रायः विचार भी करते रहते है। अपनी आगामी योजनाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को पूरे देश में देवभूमि के रूप में पहचाना जाता है। हरिद्वार को देश की धार्मिक राजधानी होने का गौरव प्राप्त है इसे देखते हुए और भक्तों की मांग को ध्यान में रखते हुए मैने आगामी गुरूपूर्णिमा से लेकर दीपावली तक होने वाले विशेष आयोजन चातुर्मास को इस बार हरिद्वार में करने का फैसला किया है। उन्होंने का कि चातुर्मास के दौरान विशेष प्रवचन,स्वाध्याय और आहार होता है। 

मसूरी, नैनीताल व रानीखेत में वाईफाई जोन बनेगाः मुख्यमंत्री

देहरादून,6 जून,(निस)।मसूरी, नैनीताल व रानीखेत में वाईफाई जोन शुरू किया जाएगा। स्थानीय नगर निकायों व राज्य सरकार को पार्टनर के रूप में काम करना होगा। हमें थोड़ा सा और इनोवेटिव होना होगा। सरकार के साथ स्थानीय जनता की सहभागिता भी जरूरी है। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मसूरी के म्यूनिसिपल पोस्ट ग्रेजुएट कालेज के स्वर्ण जयंति समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। मसूरी में आडिटाॅरियम की स्वीकृति देते हुए सीएम ने एमडीडीए को मसूरी के वैभव व पर्वतीय आर्किटेक्चर को महत्ता देने के निर्देश दिए। मसूरी मे पटरीवालों के लिए वेंडिग जोन बनाने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 वर्ष पूर्ण होना किसी भी संस्था के लिए महत्वपूर्ण अवसर होता है। बदलते हुए समय की चुनौतियों के साथ आगे जाना प्रगति की फिलोसोफी है। निरंतर प्रयास करना चाहिए कि अतीत के अनुभवों से सीखकर परिमार्जन लाएं। मेनेजमेंट संस्थान या प्रशिक्षण संस्थान खोलने के लिए राज्य सरकार सहयोग करेगी। इसके लिए राज्य सरकार, कालेज व मसूरी स्थित होटल व्यवसायी त्रिपक्षीय पार्टनरशिप में काम कर सकते हैं। बाजार की मांग के अनुसार संसाधन लगाकर संस्थानों को विकसित करने की जरूरत है। सीएम ने अपने गैंगटाॅक भ्रमण का उल्लेख करते हुए कहा कि गैगटाॅक से सीखने की आवश्यकता है कि पर्यटन मे क्या किया जा सकता है। वहां के हर घर में फूलों की क्यारी देखने को मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संचय पर भी विशेष ध्यान देना होगा। नगर पालिका मसूरी इस पर कार्ययोजना बनाए। इसमें सरकार भी सहयोग करेगी। बिजली के लिए सोलर लाईट पर बल देना होगा। मसूरी का अपना महत्व है। बिजली, पानी, पार्किंग के लिए राज्य सरकार नगरपालिका की पार्टनरशिप में काम करेगी। इंफा्रस्टक्चर सरकार विकसित करेगी परंतु उसके रखरखाव की जिम्मेवारी नगर पालिका ले। सीएम ने वीसी एमडीडीए को इसके लिए कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। लो कास्ट हाउसिंग के कन्सेप्ट को सभी जगह अपनाने जा रहे हैं। मसूरी में इसकी नितांत आवश्यकता है। एमडीडीए इसके लिए मसूरी में  भूगर्भीय सर्वेक्षण करवा ले। झड़ीपानी, भट्टाफाल व अन्य मसूरी स्थित स्थलों को विकसित करेंगे। छोटे छोटे टूरिस्ट सेटैलाइट केंद्र बनाने होगे। टिहरी झील को नए पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित कर रहे है। इसमें ग्रामीण पर्यटन को भी जोड़ रहे हैं। चार धाम यात्रा को इस वर्ष प्रारम्भ करने का एकमात्र कारण यही है कि पर्यटन हमारी अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। अगले एक दो वर्षों में पर्यटन अपने पुराने वैभव में आ जाएगा। हमें सड़कों के चैड़ीकरण की आवश्यकता हैं। जेपी बैंड से झड़ीबैंड सड़क को भी चैड़ा करेंगे। देहरादून-मसूरी को फोरलेन बनाने की कोशिश करेंगे। कालेज के प्राचार्य डा.सुधीर गैरोला ने कालेज के इतिहास व गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में कालेज के पूर्व छात्रों को सम्मानित किया गया। केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, राष्ट्रपति विशष्ट पदक प्राप्त मनोरंजन त्रिपाठी , आईपीएस अनिल रतूड़ी, आईएएस दीपक रावत, एबी माथुर, संगीतकार व गायक चंद्रलेखा त्रिपाठी, कामनवेल्थ में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले मुकेश रावत प्रीमेडिकल में उत्तराखण्ड में प्रथम स्थान प्राप्त अभिषेक गुप्ता, अनुज तायाजी, गणेश शैली, आभा शैली जयकिशन शाह, सुरेंद्र पुंडीर, गोपाल भारद्वाज, अरूण सैनन, रजत अग्रवाल, विनोद थपलियाल, डा.आरएच शुक्ला, जयप्रकाश उत्तराखण्डी, अरविंद गोसाई, कुलदीप , रामीदेवी, उमेश भारती, विरेंद्र पंवार, अनुज गुप्ता सहित विभिन्न विभूतियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, प्रीतम सिंह पंवार, दिनेश धनै, नगर पालिका चैयरमेन मनमोहन सिंह मल्ल, अध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, एमडीडीए उपाध्यक्ष आर मीनाक्षी सुन्दरम, सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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