लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति पर मामले में दृष्टांतों पर विचार करने के बाद ही फैसला लिया जा सकेगा। लोकसभा अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को यह टिप्पणी की। 545 सदस्यों वाले सदन में मुख्य विपक्षी पार्टी 44 पर ही सिमट कर रह गई। नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए कांग्रेस पात्र है या नहीं इस बारे में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है।
लोकसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में मान्यता के लिए किसी भी पार्टी के पास 543 निर्वाचित सदस्यों का 10 प्रतिशत अर्थात 54 सदस्यों का होना अनिवार्य है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस सप्ताह के शुरू में मल्लिकार्जुन खड़गे को नामित किया क्योंकि राहुल गांधी नेतृत्व करने के प्रति अनिच्छुक हैं।
16वीं लोकसभा के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद महाजन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम फैसला लेंगे। इस बारे में दृष्टांतों पर विचार करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।"इस पद पर निर्विरोध चुनने के लिए लोकसभा सदस्यों को धन्यवाद देते हुए महाजन ने कहा, "मैं समझती हूं कि यह बहुत बड़ी जिम्मेवारी है।"
उन्होंने कहा, "मैं सभी को अवसर सुनिश्चित करूंगी और चाहती हूं कि संसद की क्षमता में वृद्धि हो। गुणवत्तापूर्ण चर्चा भी महत्वपूर्ण है। हम नए सांसदों के लिए प्रशिक्षण का भी आयोजन करने का प्रयास करेंगे।"