प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संसद के दोनों सदनों को दागी सदस्यों से मुक्ति दिलाने की जरूरत है और सांसदों के खिलाफ सभी मामलों में फैसला एक वर्ष के भीतर आना चाहिए। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए मोदी ने कहा, "हमें दोनों सदनों को बेदाग बनाने की जरूरत है। कुछ सदस्यों के खिलाफ एफआईआर है। न्यायिक तंत्र को उनके मामलों की सुनवाई त्वरित करनी चाहिए और एक वर्ष के भीतर फैसला आना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "कई सदस्यों के खिलाफ राजनीतिक कारणों से मामले दर्ज हैं। जो दागी हैं उन्हें जाना चाहिए और जो निर्दोष हैं उन्हें बेदाग साबित किया जाना चाहिए। हमें दुनिया से यह बताने की जरूरत है कि हमारी संसद में कोई दागदार नहीं है।"उन्होंने कहा, "एकबार यह हो जाए तो राजनीतिक दल दागी नेताओं को नामित करने से पहले सोचने पर मजबूर होंगी। लोकसभा की सफाई के बाद हमे राज्य विधानसभाओं और उसके बाद निगमों को साफ करना होगा।"
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स और नेशनल इलेक्शन वाच के मुताबिक मौजूदा लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्यों के 541 के शपथ पत्र का विश्लेषण के आधार पाया गया है कि इसके 186 सदस्यों (34 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले लंबित होने की जानकारी घोषित की है। इनमें से 112 गंभीर आपराधिक मामलों के आरोपी हैं।