आरटीई के तहत प्रायवेट स्कूलों में गरीब बच्चों का दाखिला होगा
- आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 25 जून
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान प्रायवेट स्कूलों मेें वंचित समूह तथा कमजोर वर्ग बच्चों को न्यूनतम 25 प्रतिशत निःशुल्क प्रवेश के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा समय सारणी जारी की गई है। जिसके अनुसार प्रायवेट संस्थाओं में आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 25 जून निर्धारित की गई है। निर्धारित संख्या से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर रेण्डम पद्धति (लाटरी) से न्यूनतम 25 प्रतिशत बच्चों का चयन 28 से 30 जून के मध्य किया जाएगा।
बालिका खुशी को दत्तक ग्रहण हेतु मुक्त घोषित
बाल कल्याण समिति की आज सम्पन्न हुई बैठक मेें निर्णय लिया गया है कि शिशु गृृह विदिशा मंे प्रवेशित बालिका खुशी को दत्तक ग्रहण देने हेतु मुक्त घोषित किया गया है। बाल कल्याण समिति जिला विदिशा की अध्यक्ष ने उक्त जानकारी देते हुए बताया है कि मध्यप्रदेश किशोर न्याय अधिनियम की धाराआंे के अंतर्गत बालिका खुशी को दत्तक ग्रहण हेतु कानूनी तौर पर मुक्त घोषित किया गया है।
बाल श्रमिक अधिनियम के प्रावधानों से अवगत कराया गया
विश्व बाल श्रम विरोध दिवस के अवसर पर विदिशा जनपद पंचायत के सभाकक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें बाल श्रमिक अधिनियम के प्रावधानों की विस्तृृत जानकारियां दी गई। जिसमें मुख्यतः बाल मजदूरी क्या है, बच्चों को किन कार्यो में लगाना प्रतिबंधित है के अलावा बच्चों की सुरक्षा के लिए कानून में किए गए प्रावधानों के साथ-साथ किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के संबंध में भी जानकारियां दी गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा आयोजित उक्त कार्यक्रम मेें श्रम, महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से बाल श्रमिकों के उत्थान हेतु क्रियान्वित योजनाओं की भी जानकारी दी गई। कार्यक्रम में विदिशा तहसीलदार श्री रविशंकर राय, जनपद सीईओ श्री उपेन्द्र सिंह सेंगर के अलावा जिला विधिक सहायता अधिकारी ने भी सम्बोधित किया।
पे्ररकगण दायित्वों से अवगत हुए
हर बच्चे का स्कूल में दाखिला हो और वह नियमित स्कूल जाए इस कार्य में आमजनों के सहयोग की प्राप्ति के उद्धेश्य से राज्यव्यापी स्कूल चले हम अभियान का क्रियान्वयन जिले में तीव्रगति से जारी है। स्कूल चले हम अभियान के तहत मिस्ड काॅल देकर प्रेरक की भूमिका का निर्वहन करने हेतु विदिशा जिले में जिन जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिक, आमजन के द्वारा पंजीयन कराया गया है उनके लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण जिले के सभी विकासखण्डो में एक साथ 12 जून गुरूवार को आयोजित किया गया था। जिला मुख्यालय पर उक्त प्रशिक्षण सह कार्ययोजना एसएटीआई के पाॅलिटेक्निक सभागार कक्ष में आयोजित की गई थी। जिसे सम्बोधित करते हुए विदिशा नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती ज्योतिशाह ने कहा कि प्रदेश को शिक्षित बनाने के लिए आवश्यक है की यहां रहने वाला हर बच्चा का स्कूल में दाखिला हो और वह हर रोज स्कूल जाएं। इस कार्य में प्रेरकगणों की महती भूमिका है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शशिभूषण सिंह ने कहा कि शिक्षा विकास के द्वार खोलती है। बच्चे शिक्षित होंगे तो निश्चित ही पूरा समाज और प्रदेश शिक्षित होगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने प्रेरकों से कहा कि वे अपने कार्य क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति वातावरण निर्माण में भी योगदान दें, खासकर ऐसे क्षेत्र जहां बच्चे स्कूल जाने से कतराते है अथवा उनके पालक भेजने में कोताही बरतते है। उन्होंने सड़क पर भिक्षावृृत्ति, पन्नी बीनने वाले के अलार्वा इंट, भट््टो सहित अन्य रोजगार में लगे बच्चों का विशेष ध्यान रखकर उनका स्कूलों में दाखिला ही नही कराना है बल्कि वे रोज स्कूल आएं इस कार्य में प्रेरकों की अति महत्वपूर्ण भूमिका है। समाजसेवी श्री अतुल शाह ने कहा कि विदिशा जिला शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल रहे इसके लिए हम सबकों मिलकर अपने दायित्वों का पूर्ण ईमानदारी से निर्वहन करना होगा साथ ही साथ शिक्षा के प्रति बच्चों का रूझान बढ़े इसके लिए उन्हें वैकल्पिक मनोरंजन संसाधनों को भी मुहैया कराया जाने का सुझाव दिया। कार्यक्रम को विदिशा जनपद पंचायत सीईओ ने भी सम्बोधित किया। जिला शिक्षा अधिकारी श्री एच0एन0नेमा ने इस दौरान स्कूल चले हम अभियान की मंशा को रेखांकित करते हुए बताया कि जिले में करीब एक हजार व्यक्तियों द्वारा प्रेरक हेतु पंजीयन कराया गया है। उन्होंने कहा है कि प्रेरकगण अपने ग्राम, वार्ड में ऐसे बच्चों की पहचान करें जो अभी तक शाला में नामांकित नही हुए है ताकि उनका दाखिला कराया जा सकें। प्रारंभिक सर्वे के अनुसार जिले में छह से 14 वर्ष के कुल दो लाख 28 हजार 221 बच्चे है जिसमें बालकों की संख्या एक लाख 11 हजार 193 और बालिकाएं एक लाख 17 हजार 28 शामिल है। विभिन्न स्कूलांे में दर्ज बच्चों की कुल संख्या दो लाख 27 हजार चालीस है। शाला से बाहर बच्चो की कुल संख्या एक हजार 181 है जिसमें बालक 425 और बालिकाएं 696 है। सीडब्ल्यूएसएन (निःशक्त) बच्चों की संख्या एक हजार 520 है जिसमें बालक 890 और बालिकाएं 630 शामिल है। शाला से बाहर एवं निःशक्त बच्चों का दाखिला स्कूलों में कराया जाना है इस कार्य में प्रेरकगणों का सहयोग अपेक्षित है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विदिशा एसडीएम श्री ए0के0सिंह ने कहा कि शिक्षा आधुनिक युग की सबसे बड़ी आवश्यकता है। हर बच्चा स्कूल जाए इसके लिए प्रेरकों ने जो जिम्मेदारी ली है वे इसका ईमानदारी से निर्वहन कर शिक्षित व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि स्कूल चले हम अभियान ऐसा कार्यक्रम है जिसमें प्रेरकगण स्वंय लक्ष्य निर्धारित कर उसकी पूर्ति करा सकते है। कार्यक्रम को डीपीसी श्री विनोद चैधरी ने भी सम्बोधित किया। कार्यशाला में उपस्थित प्रेरकों से पंजीयन फार्म भी भरवाए गए इसके अलावा राज्य शिक्षा केन्द्र से प्रकाशित स्कूल चले हम अभियान पर आधारित फोल्डर प्रदाय किए गए।