प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल (शनिवार) देश के सबसे बड़े जंगी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर सवार होकर भारतीय नौसेना की समुद्री ताकत का मुआयना करेंगे। नौसेना के सूत्रों ने बताया कि विक्रमादित्य नए प्रधानमंत्री की अगुवानी के लिए सजधज कर पूरी तरह तैयार है। विक्रमादित्य पर मोदी गोवा तट से सवार होंगे। आईएनएस विक्रमादित्य के लिए यह सुखद संयोग है कि नौसेना में शामिल होने के सात महीने के भीतर ही उस पर देश के प्रधानमंत्री का पदार्पण होने जा रहा है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल रॉबिन के धवन भी प्रधानमंत्री के साथ पोत पर सवार होंगे। आईएनएस विक्रमादित्य 45 हजार टन का भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा ही नहीं, बल्कि सबसे नया पोत भी है। तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने रूस के सेवमाश शिपयार्ड से इसे भारतीय नौसेना में पिछले साल 16 नवंबर को शामिल किया था।
जहाज करीब 20 मंजिला है, जिसमें कुल 22 डेक हैं। विक्रमादित्य पर 1600 से ज्यादा कर्मी सवार हो सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि विक्रमादित्य के कमांडिंग ऑफिसर कोमोडोरसूरज बैरी प्रधानमंत्री को पूरे जहाज का मुआयना कराएंगे और इस तैरते हुए शहर के विभिन्न मोहल्लों में ले जाएंगे। मोदी को 284 मीटर लंबे तथा करीब 60 मीटर चौड़े 22 डैक पर ले जाया जाएगा।
प्रधानमंत्री को इस पोत के रसोइघारों में भी ले जाया जाएगा, जहां एक महीने के भीतर इसकी आबादी के लिए करीब डेढ़ लाख अंडों, 30 हजार लीटर दूध और 24 हजार टन चावल की खपत होती है। मोदी को इसके जल शोधन प्लांट भी दिखाए जाएंगे। इस पोत की आबादी के लिए 400 टन ताजा पानी रोज चाहिए और इसके लिए शहर में दो रिवर्स ऑसमॉसिस प्लांट भी लगाए गए हैं। इस नगरी के लिए 18 मेगावाट बिजली के इंतजाम से भी उन्हें परिचित कराया जाएगा।
विमानवाहक पोत पर तैनात 30 विमानों और हेलीकॉप्टरों की उड़ानों से भी मोदी का स्वागत किया जाएगा। इन विमानों में मिग-29के, कामोव 31 एवं कामोव 28 हेलीकॉप्टर के साथ ही भारत में निर्मित उन्नत हेलीकॉप्टर ध्रुव और चेतक शामिल हैं। विमानवाहक पोत लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए अनेक अत्याधुनिक प्रणालियों से लैस है। इनमें मिग के लिए लूना लैंडिंग सिस्टम और सी-हैरियर विमानों के लिए डीएपीएस लैंडिंग सिस्टम लगाया गया है।
विक्रमादित्य पर मोदी के लिए रेसिस्टर-ई रडार कॉम्पलैकस प्रमुख आकर्षण का केंद्र होगा जो स्वचालित एयर ट्रैफिक कंट्रोल का काम करता है। इस परिसर से विमानों के उतरने और उडान भरने संबंधी अनेक अनिवार्य सूचनाएं मिलती हैं।