सरकारी खर्च से फुटबाल विश्व कप देखने ब्राजील जाने की खबरों पर उत्पन्न विवाद के बाद गोवा के तीन मंत्रियों समेत छह विधायकों ने अब कहा है कि उन्होंने इस यात्रा का खर्च खुद उठाने का फैसला किया है और वे राज्य के खजाने पर कोई बोझ नहीं डालेंगे। खेल मंत्री रमेश तवाडकर, मत्स्यपालन मंत्री आवरतानो फुरतादो और ऊर्जा मंत्री मिलिंद नाइक तथा तीन अन्य विधायकों की ब्राजील यात्रा के लिए राज्य खेल विभाग ने 89 लाख रुपये आबंटित किए थे, जिससे विवाद खड़ा हो गया।
मंत्रियों और विधायकों की ब्राजील यात्रा पर गुरुवार को तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कांग्रेस ने इसे फिजूलखर्ची करार दिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसमें हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। मत्स्यपालन मंत्री फुरतादो ने आज कहा कि (हम) 6 विधायकों ने कल शाम बैठक की। हमने राज्य सरकार से कोई धन लिए बगैर अपने बल पर ब्राजील जाने का फैसला किया। हम राज्य के खजाने से धन खर्च नहीं करना चाहते हैं। हम राज्य के खजाने पर बोझ नहीं डालना चाहते।
फुरतादो ने बताया कि मीडिया ने फुटबाल विश्व कप देखने ब्राजील जाने के मामले को तूल दे दिया जिसके बाद यह फैसला बेंजामिन सिल्वा (निर्दलीय), ग्लेन टिक्लो और कारलोस अलमीदा (दोनों भाजपा) समेत सभी छह लोगों ने सर्वसम्मति से किया। कभी सलगावकर फुटबाल क्लब के गोलकीपर रहे फुरतादो ने कहा कि इसे बहुत उछाला गया कि हम सरकारी खजाने की कीमत पर जा रहे हैं। हम सभी छह ने फैसला किया कि हम अपनी जेब से खर्च करेंगे और ब्राजील जाएंगे।
उम्मीद की जा रही है कि सभी छह विधायक आज मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर से मुलाकात करेंगे और उन्हें अपने फैसले से अवगत कराएंगे। पार्रिकर ने छह विधायकों को 10 दिन की राज्यपोषित ब्राजील यात्रा पर भेजने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कल कहा था कि यह यात्रा राज्य सरकार की तरफ से निवेश है, जिसने फुटबाल को राज्य खेल घोषित किया है।
पार्रिकर ने कल पत्रकारों से कहा था कि हम इसे एक निवेश के रूप में देख रहे हैं। गोवा ने फुटबाल को राज्य खेल घोषित किया है। राज्य सरकार से मंजूरी पाई इस शिष्टमंडल में विधायक हैं जो वास्तव में फुटबालर हैं। सरकार इसे एक निवेश मानती है।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि (शिष्टमंडल भेजने का) फैसला राज्य के हित में लिया गया है। हाल में, हमने लुसोफोनिया खेल आयोजित किए जिसमें ब्राजील एक भागीदार देश था। मौजूदा यात्रा लुसोफोनिया खेल के आयोजन का जारी रूप है। मंत्रियों और विधायकों पर आधारित शिष्टमंडल ब्राजील भेजने के पार्रिकर सरकार के फैसले पर गोवा के उन दो फुटबालर ने विरोध किया, जिनके उन्हें शिष्टमंडल में शामिल होने की अपेक्षा की जा रही थी।
अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित पूर्व भारतीय कप्तान ब्रुनो कोटिनहो ने कल कहा कि शिष्टमंडल में शामिल नहीं किए जाने से वह आहत महसूस कर रहे हैं। कोटिनहो ने इस बात पर नाराजगी जताई कि अंतिम क्षण में उनका नाम शिष्टमंडल के सदस्यों की सूची से काट दिया गया। पूर्व कप्तान ने कहा कि यह आहत करता है कि नाम फाइल में था, लेकिन बाद में खेल मंत्री (रमेश तवाडकर) की ओर से प्रस्तावित नई सूची में बदल दिया गया।
अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके ब्रहमानंद शंखवालकर ने भी फुटबाल विश्व कप देखने ब्राजील जाने वाले शिष्टमंडल में जगह नहीं पाने पर नाराजगी जताई थी। शंखवालकर ने कहा कि उन्होंने शिष्टमंडल में शामिल होने की इच्छा जताई थी, लेकिन सरकार ने उनका आग्रह ठुकरा दिया।