जन जन मंे जागे विश्वास, संयम से व्यक्तित्व विकास, अणुव्रत संकल्प यात्रा का झाबुआ मंे प्रवेश
झाबुआ ---- अणुव्रत संकल्प यात्रा झाबुआ का प्रवेश हुआ। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ समाज ने संकल्प यात्रा की अगुवानी कर यात्रा को रैली का रूप दिया। रैली ठीक 8 बजे बस स्टेण्ड झाबुआ से प्रारम्भ हुई जो नगर के विभिन्न मार्गो से होती हुई आजाद चैक मंे धर्म सभा मंे दब्दील हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगरपालिका अध्यक्ष श्री धनसिंह बारिया ने की विशेष अतिथि क्षेत्र के सांसद दिलीप सिंह भूरिया व विधायक शांतिलाल बिलवाल थे। स्वागत हेतु मंच तेरापंथ समाज के अध्यक्ष श्री ताराचन्द्रजी गादिया थे। सानिध्य आचार्य श्री महाश्रमण की विदुषी शिष्या समणी शारदा प्रज्ञाजी व समणी रत्नप्रज्ञाजी से प्राप्त हुआ। रैली मंे श्लोगन लगाये गये वे काफी भावनात्मक थे। जैसे 1. जन जन मंे जागे विश्वास, संयम से व्यक्तित्व विकास, 2. इंसान पहले इंसान, फिर हिन्दू व मुस्लमान, 3. अणुव्रतो का यह संदेश नशामुक्त हो सारा देश आदि कार्यक्रम की शुरूआत जैन श्वेताम्बर तेरापंथ महिला मण्डल ने मंगलाचरण से की। इसके बाद विदुषी शिष्या समणी शारदा प्रज्ञाजी ने अणुव्रत संकल्प यात्रा क्यों निकाली इसका क्या उद्देश्य के बारे मंे प्रकाश डाला। आपने बताया कि आचार्य श्री तुलसी जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य मंे यह यात्रा निकाली गई जो पूरे एक वर्ष तक विभिन्न क्षेत्रो मंे चल रही है। जिसका मुख्य उद्देश्य आचार्य श्री तुलसी के अवदानो, आयामो व विचारो को जन-जन तक पहुंचाना व उसे स्वीकार हेतु प्रयास करना। आपने दो प्रकार की उपासना पद्धति बताई। एक तो मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे उपासना स्थलो पर जाना व अपने गुरूओं के गुणगान करना, पूजा पाठ करना आदि। दूसरी उपासना पद्धति अपने आराधक देव द्वारा बताई गई विचारो को अपने आचरण मंे लाना व वैसा ही आचरण करना। आपने मिलावटी पदार्थ विक्रय पर कटाक्ष किया व बताया कि अपने छोटे से लाभ के लिए इंसान मिलावटी वस्तुओं का विक्रय कर दूसरे के स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है। अणुव्रत आचार संहिता के 11 नियमों पर विस्तृत जानकारी दी। जिसमंे मुख्यतः हिंसा नशा मुक्ति पर विशेष जोर दिया गया। चूंकि सभी समस्या की जड नशा है। नशे मंे इंसान जानवर बन जाता है और जानवर जैसी हरकत करता है। खुद का नुकसान करता है और परिवार को भी आर्थिक दृष्टि से नुकसान पहुंचाता है। जिससे परिवार भी अशांति का जीवन जीता है। अणुव्रतो के 11 नियमों में से इन नियमों पर जोर दिया गया 1. व्यसन मुक्त जीवन जीने हेतु प्रेरित किया 2. पानी, बिजली आदि का अपव्यय नहीं करूंगा 3. पर्यावरण की समस्या हेतु जागरूक रहूंगा। अणुव्रत के 11 नियम के पालन हेतु प्रेरित किया व एक अच्छा जीवन जीने की कला के लिए प्रोत्साहित किया। अतः सभा मंे 11 नियम को स्वेच्छा से पालन हेतु फार्म भरवाये गये। अणुव्रत व नैतिकता पर गीत के माध्यम से 2 बालिका कृतिका गादिया व एंजल गादिया ने सुन्दर प्रस्तुती दी। सभा को दोनों मुख्य अतिथि ने भी संबोधित किया। नगरपालिका अध्यक्ष ने अणुव्रत आचार संहिता के 11 नियमों का पालन करने हेतु पत्रक भरवाने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ श्रावक श्री मंगलालजी गादिया ने किया।
जिला जेल पर कार्यक्रम
अणुव्रत आचार संहिता के 11 नियमों को जन-जन तक पहुचाने हेतु जिला जेल झाबुआ पर भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला जेल झाबुआ मंे श्रमणीजी ने कैदियो को सम्बोधित करते हुए समणीजी ने बताया कि नशा से हमंे कितने नुकसान है। नशा करने से हम व परिवार पूरी तरह से दुखी रहता है। नशा मंे छोटी-छोटी बातो पर झगडा होने पर बहुत बडी सजा भुगतना पडती है। हमारी आमदनी का काफी हिस्सा नशाखोरी मंे बर्बाद हो जाता है। जिसके कारण परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पडता है। अतः समणीजी ने व्यसन मुक्त जीवन जीने के लिए सभी कैदियो को संकल्पित किया। नशे की गलती के कारण कैदी से ज्यादा उसका परिवार दुखी व तंगी मंे रहता है। समणीजी ने यह भी बताया कि जेल एक पवित्र जगह है। जेल मंे ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और जेल मंे ही रहकर आपको नशा स्वतः ही छोडना पडता है। जिससे नशे जैसी बूरी आदत से जब तक जेल मंे है दूर रहते है और जेल से बाहर आने के बाद उसी नशाखोरी के वातावरण मंे नशा करने लग जाते है। इसलिए समणीजी ने स्वेच्छा से नशा न करने के लिए उद्बोधन द्वारा प्रेरित कर संकल्प पत्र भरने के लिए प्रोत्साहित किया। अंत मंे जेलर द्वारा आभार प्रदर्शन करते हुए कैदियो को नसीहत दी कि जो संकल्प आपने समणीजी की मौजूदगी मंे लिये उसे निभाये और एक अच्छा जीवन जीने का प्रयास करें।
प्रताड़ना, आत्महत्या के लिये प्रेरित करने का मामला दर्ज
झाबूआ---आरोपी भगतसिंह पिता रीछु चैंगड, उम्र 32 वर्ष निवासी दौलतपुरा उसकी पत्नी वेलबाई पति भगतसिंह को रात-दिन चरित्र शंका को लेकर मारपीट करता था, जिससे तंग आकर उसकी पत्नी वेलबाई ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मर्ग क्र. 50/14 की जांच पर से कायमी कर विवेचना में लिया गया। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्रमांक 50/2014 की जाॅंच पर से अपराध क्रमांक 430/14, धारा 498-ए, 306 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
फांसी लगा कर कि आत्महत्या
झाबूआ---फरियादी अनिल पिता दाविद जाति गणावा उम्र 32 वर्ष निवासी नवापाडा धन्ना ने बताया कि उसके भाई मरियास पिता दाविद उम्र 40 वर्ष निवासी नवापाडा धन्ना ने बबुल के पेड पर फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली। मर्ग कायम कर जांच में लिया गया। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में मर्ग क्रमांक 15/14, धारा 174 जाफौ का कायम कर विवेचना में लिया गया।
अपहरण का अपराध कायम
झाबूआ--फरियादी मोहन पिता लालु भाभर उम्र 51 वर्ष निवासी उदयपुरिया ने बताया कि उसकी लडकी उर्मिला, उम्र साढे 17 वर्ष अपने घर से अपनी बुआ के यहां ग्राम खेडा जाने का कहकर निकली थी, जो घर वापस नही आई। कोई अज्ञात आरोपी ने उसका अपहरण कर लिया। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 431/14, धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
फादर कसमीर डामोर की सिल्वर जुबिली मनाई
झाबुआ---मेघनगर से 7 किमी दूर ग्रामी सजेली मालजी सात में फादर कसमीर डामोर की रजत जयंति समारोह धूमधाम व उत्साहपूर्वक मनाया गया। रजत जयंति समारोह के मुख्य अतिथि बिषप डाॅ. देवप्रसाद गणावा ने कहा कि पुरोहितों के ब्रहमचर्य व्रत के 25 वर्श पूर्ण होने पर समारोह मनाया जाना चाहिये, जिन्होंने सांसरिक मोह माया को छोड ईष्वर जीवन जीते हुए मानव की सेवा करने का संकल्प लिया हो प्रोत्साहन दिया जाना उचित है। उन्होंने फादर कासमीर डामोर के ब्रहमचर्य व्रत धारण कर अनेक उपलब्धियंा प्राप्त करने पर उनकी प्रषंसा की और दोनों डायसिस झााबुआ एवं उदयपुर की और से षुभकामनाएं व्यक्त की। मुख्य प्रवचक फादर सिल्वेस्टर मेडा ने सिल्वर जुबिली मना रहे फादर कसमीर डामोर के 25 वर्शो का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि समय अपनी गति से चलता रहता है समय नही बदलता लेकिन इंसान व उसके कार्य बदल जाते है। आज हम 25 वर्शो के वरदानों के लिये ईष्वर को कृतज्ञता प्रकट कर उन्हें धन्यवाद देने इस समारोह में सम्मिलित हुए है। बडी धामनी चर्च के संचालक फादर जोर्ज भूरिया व बीएसएनएन के वरिश्ठ लेखापाल अम्ब्रोज खडिया ने भी समारोह को संबोधित किया। समारोह में अभिनंदन पत्र का वाचन दोनात सिंगाडिया ने किया। रजत जयंति समारोह मना रहे फादर कसमीर डामोर ने कहा कि जितनी उपलब्धियां मुझे मिली है या प्राप्त की है यह कैसे संभव हो पाया मेरी समझ से परे हैं किन्तु मैं यही समझता हूं कि यह एक ईष्वरीय वरदान है। जुबिली समारोह में काॅलेज के मित्र फादर विन्सेन्ट टोपनों, फादर रायपन तथा थांदला चर्च के संचालक फादर बसील भूरिया, इंदौर के जाॅन वाखला, जीवन ज्योति हाॅस्पिटल के अजीत कटारा, प्रगति संस्था के फादर अंतोन कटारा, जोर्ड कचुमुरी ने भाग लिया। संगीत दल में राजू कटारा, आनंद मेडा व उसके साथियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन विजय डामर ने व आभार प्रकाष डामोर ने माना। उक्त जानकारी कैथोलिक डायसिस झाबुआ के मीडिया प्रभारी पीटर बबेरिया ने दी।