भोजपुर। अपने मां-बाप के दुलारे दुलाचंद मुसहर को अपमानित का दंश झेलना पड़ रहा है। 3 साल से परेशान और हलकान हैं। उनको इन्दिरा आवास योजना की राशि नहीं मिल पा रही है। अब सवाल है कि मां-बाप के दुलारे दुलारचंद मुसहर को हक कौन दिलवाएंगा? आखिर कब को अच्छे दिन आएंगे?
इस जिले के संदेश प्रखंड के जमुआंव पंचायत के कुसरे गांव की दक्षिण तरफ रहते हैं दुलारचंद मुसहर। महादलित दुलारचंद मुसहर के झोपड़ी में छोटे-बड़े मिलाकर 26 लोग रहते हैं। इनको बीपीएल सूची में 9 अंक प्राप्त है। इनसे अधिक अंक वालों को इन्दिरा आवास योजना की राशि स्वीकृति मिली और मकान बनाकर निवास कर रहे हैं। वहीं 2011 में इन्दिरा आवास योजना की राशि स्वीकृत की गयी। 3 साल के बाद भी सुनवाई नहीं हो पा रही है।
मजे की बात है कि महादलित आयोग को पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गठित किया था। उनका ख्वाब था कि केन्द्रीय उपभोक्ता, संरक्षण व खाघ मंत्री रामविलाश पासवान की जाति ‘पासवान’ को हाशिए पर रखकर अन्य दलितों को महादलित आयोग में शामिल कर महादलितों के उत्थान और कल्याण करें। मगर उनके नौकरशाहों के शह पर दलालों ने योजनाओं की राशि में हकमारी करने लगे। इसका शिकार दुलारचंद मुसहर भी हो गए।
नौकरशाहों के शह पर जन्म लेने वाले दलालों के मायावी जाल में फंस गए दुलारचंद मुसहर ने कहा कि ‘हमरा इन्द्रा अवास पास था। खाता भी खुला था। जब पैसा निकालने बैंक में गए तो बैंक मैनेजर, संदेश बोला कि पैसा नहीं आया है।’ बस रिश्वत लेने और देने का अध्याय शुरू हुआ। प्रभावित श्री मुसहर का सीधे आरोप पंचायत समिति के सदस्य जितेन्द्र और पंचायत के मुखिया पर आरोप गढ़ दियाा है। दोनों के लम्बे हाथ होने के कारण संदेश प्रखंड के बीडीओ असहाय प्रतीक हो रहे हैं। रिश्वत की राशि पंचायत से प्रखंड तक रेवड़ी की तरह बांटी जाती है।
अब दुलारचंद मुसहर को उम्मीद है कि बदले वातावरण और मुख्यमंत्री की कुर्सी के आलोक में नौकरशाह आंख खोलकर कार्य करेंगे। पक्का यकीन है कि उनको स्वीकृत राशि मिलेगी। और मकान निर्माण करने में कामयाब हो जाएंगे। तब भी मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से आग्रह किए हैं कि भोजपुर जिले के जिलाधिकारी को आदेश निर्गतकर स्वीकृति राशि दिलवाने का मार्ग प्रदस्त करेंगे।
हुजूर, 45 हजार रू. में 30 हजार रू. ही थमाकर मौन धारण कर लिएः भोजपुर जिले के संदेश प्रखंड के डिहरा ग्राम पंचायत के धर्मपुर गांव में तुलसी मुसहर रहते हैं। तुलसी मुसहर कहते हैं कि हमलोगों को 2011 में इन्दिरा आवास योजना की राशि अगस्त माह में स्वीकृत 45 हजार रू. में 30 हजार रू. दिए गए। 15 हजार रू. नहीं मिले। यह कहा गया कि मकान के लिन्टर तक आ जाने के बाद शेष 15 हजार रू. देय होगा। अब यह कहा जा रहा है कि घर के पाटन करने के बाद रकम दी जाएगी। यह भी कहा गया कि शौचालय भी निर्माण करवाना होगा। यह समस्या धर्मपुर मुसहरी के 3 लोगों के साथ हो रही है। इस बात का समर्थन करने वालों में दुखित मुसहर, नमी मुसहर, गणेश मुसहरी, पियासी मुसहर, राधे मुसहर, संतोष मुसहर आदि ने किया है।
आलोक कुमार
बिहार