मिस्र ने अल जजीरा के पत्रकार अब्दुल्ला अलशामी को चिकित्सकीय आधार पर रिहा करने का आदेश दिया है। अब्दुल्ला लगभग एक साल से मिस्र की जेल में कैद हैं, जिसमें से एक तिहाई समय वह अनशन पर रहे हैं। अल जजीरा चैनल के मुताबिक, अब्दुल्ला बगैर किसी आरोप के दी गई लंबी कैद की सजा के विरोध में 147 दिनों से भूख हड़ताल पर थे।
पिछले साल जुलाई में सेना द्वारा इस्लामवादी राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी का तख्तापलट करने के बाद हुई हिंसा की कवरेज के दौरान 14 अगस्त को अब्दुल्ला की गिरफ्तारी हुई थी। अभियोजक कार्यालय से सोमवार को जारी एक बयान में इस बात की पुष्टि की गई है कि बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए अब्दुल्ला को 13 अन्य सदस्यों के साथ रिहा किया जा रहा है। अब्दुल्ला के वकील ने बताया कि वह मंगलवार को रिहा होंगे।
अल जजीरा के अंग्रेजी संवाददाता पीटर ग्रेस्ट, बाहिर मोहम्मद, मोहम्मद फाहमी अभी भी सलाखों के पीछे हैं। नेटवर्क लगातार उनकी रिहाई की मांग कर रहा है। इन तीनों संवाददाताओं पर गलत समाचार देने और प्रतिबंधित समूह मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े होने का आरोप है। मिस्र के अभियोजकों ने इन तीनों संवाददाताओं के लिए 15 से 25 साल कैद की सजा की मांग की है। इस मामले में 25 जून को सुनवाई होनी है।