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हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (17 जून)

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केन्द्रिय मंत्रिमंडल में किसी को मंत्री बनाना या न बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार: शंाता कुमार 

shanta kumar
धर्मशाला,17 जून (विजयेन्दर शर्मा)। वरिष्ठ भाजपा नेता सांसद शांता कुमार ने आज यहां कहा कि केन्द्रिय मंत्रिमंडल में किसी को मंत्री बनाना या न बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। इस विशेषाधिकार में किसी को भी दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने अपने शुभचिंतकों पार्टी के कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि  वह उनके लिये मंत्रिमंडल में  प्रतिनिधत्व मिलने के बारे में सोचने के बजाये पार्टी की मजबूती के लिये सोचें।  संगठन मजबूत होगा तो हम सब लोग मजबूत होंगे। शांता कुमार आज सांसद चुनने के बाद पहली बार ज्वालामुखी हल्के के दौरे के दौरान नागनी  माता मंदिर परिसर में ज्वालामुखी मंडल की ओर से आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे।  भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें पार्टी में उनके जीवनकाल में बहुत कुछ मिला है।  वह स्थान मिला जिसकी वह कल्पना भी नहीं कर सकते। उन्होंने याद दिलाया कि चुनावों के दौरान उनके साथ उनके सहयोगी बातचीत करते थे, तो सब कहते थे कि मैं एक लाख से चुनाव जीतूंगा, लेकिन यह तो किसी न भी नहीं सोचा था कि जीत पौने दो लाख से होगी। इसके लिये मैं जनता का अभारी हूं।  शांता कुमार ने कहा कि उनके लिये पार्टी मंदिर के समान है। लिहाज वह कभी भी  भगवान के दरबार में मांगना पसंद नहीं करते, बल्कि शुक्रगुजार हैं कि उसकी कृपा के बल पर आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। शांाता कुमार ने कहा कि आज राजनिति गलत दिशा की ओर जा रही है। राजनेता अपने ओहदों के लिये ज्योतिषियों व तांत्रिकों का सहारा लेते हैं।  उनका धंाधा चल निकलता है।  लेकिन तांत्रिक किसी की तकदीर नहीं बदल सकते।  शंाता कुमार ने कहा कि आज देश के नेताओं को पद लालसा त्याग देनी चाहिये।  शंाता कुमार ने कहा कि  आज उनके लिये बड़ी बड़ी बातें कि जा रही हैं कि उन्हें मंत्रि बनना या बनाया जाना चाहिये, लेकिन उनके विचार में यह मामला उस समय गौण हो जाता है, जब मैं अपने आपको पार्टी का सौभागयशाली सिपाही मानते हुये चुनाव जीत जाता हूं। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने जीवन में नियमों से बंधा होना चाहिये , नियमों की अनुपालना होगी तो मुकाम खुद ब खुद मिलेगा।  पार्टी उन्हें जो काम देगी उसे वह निभायेंगे। उन्होंने कहा कि आज नियमों की अनदेखी न हुई होती तो लारजी जैसी दर्दनाक दुर्घटना न हुई होती।  उन्होंने घटना के प्रति अफसोस जताते हुये  कहा कि ऐसी घटनाओं से हमें सबक लेने की जरूरत है।  उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री को हमारे सहयोग व समर्थन की जरूरत है न कि उन पर दवाब बनाने की। बकौल शांता कुमार आज राष्टर को हमारी सरकार से कई उम्मीदें हेँ। देश नव निर्माण के दौर में है।  देश को हर मोरचे पर सुधारों की जरूरत है। देश की जनता ने हमें प्रचंड बहुमत देकर हमारे ऊपर जिम्मेवारियों दी है। उन अकांक्षाओं पर हमें खरा उतरना है। शांाता कुमार ने बताया कि वह अपनी सांसद निधि का इस्तेमाल मंडल की सिफारिश पर ही करेंगे।  प्रथम चरण में हर मंडल को दस लाख रूपये विकास कार्यों के लिये मंडल की सिफारिश पर पंचायतों को मिलेंगे।  इस अवसर पर बोलते हुये पूर्व मंत्री रमेश धवाला ने  कहा कि शांता कुमार के चुनाव जीतने के बाद इलाके के लोगों में यह उम्मीद बनी है कि शांता कुमार को केन्द्रिय कबीना में स्थान मिले। व उनके अनुभव का फायदा देश को मिले।  ऐसा होने से कांगड़ा चंबा संसदीय चुनाव क्षेत्र के विकास को नई दिशा मिलेगी।  धवाला ने आरोंप लगाया किकांग्रेस सरकार बनने के डेढ़ साल बाद भी ज्वालामुखी का विकास अधर में लटका है। हालांकि हल्के का प्रतिनिधित्व एक चैयरमैन व सत्तारूढ़ दल के विधायक कर रहे हैं लेकिन विकास के मोरचे पर ज्वालामुखी ठहर सा गया है।  भाजपा नेता ने याद दिलाया कि चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी की ओर से लंबे चौड़े वायदे किये गये थे। जबकि डेढ़ साल बाद हालात जस के तस ही हैं। विकास की गति को आगे तक ले जाने की बात भी जुबानी हो रही है। लेकिन जमीनी हालात यह हैं कि एक भी योजना अब तक ज्वालामुखी को नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि इलाके में ज्यादातर अभी तक भाजपा काल की ही योजनाओं पर काम हो रहा है। यही नहीं अम्ब घट्टïा टिहरी , टिहरी दलोह मझीण गुम्मर बग्गी कोके लगड़ू खुण्डियां महादेव नाहलियां सडक़ें आज भी आधी अधूरी हैं। इलाके के कई स्कूल ऐसे हें। जहां मूलभूत सुविधाओं को अभाव अध्यापकों की कमी पठन पाठन के महौल को बिगाड़ रही है।  इस अवसर पर संगठन मंत्री पवन राणा, विपन परमार, चंमन पुडीर, कमल हमीरपुरी, विमल चौधरी व दूसरे भाजपा नेता भी थे। 

तीन करोड़ की लागत से बनी ज्वालामुखी स्वास्थय केन्द्र की ईमारत खंडहर में तबदील
  • ज्वालामुखी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सियासत शुरू

धर्मशाला,17 जून (विजयेन्दर शर्मा)। भाजपा शासनकाल में करीब तीन करोड़ की लागत से बनी ज्वालामुखी स्वास्थय केन्द्र की ईमारत खंडहर में तबदील होती जा रही है।  दरअसल इस बहुंमजिला भवन को लेकर स्थिती साफ नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि एक साल में इस भवन के निर्माण का काम अधर में लटका है।  जो कि अंतिम चरण में था।  हालात यह हैं कि इस भवन में अवारा पशुओं ने अपना अड्डा जमा लिया है।  काम पर ठेकेदार ने अपना काम बीच अधर में ही छोड़ समेट लिया है।  नाम जाहिर न करने की शर्त पर यहां कार्यरत ऐ कर्मी ने  बताया  कि उन्हें काम बंद करने के आदेश मिले काम रोक दिया गया है।  स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चरचा में रहने वाले ज्वालामुखी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सियासत शुरू हो गई है। महकमे ने अस्पताल को बगल में करोड़ों की लागत से निर्मित नए भवन के बजाय मंदिर न्यास के मातृछाया यात्री निवास में शिफ्ट करने के आदेश जारी कर दिए हैं।  जो इलाके के लोगों को रास नहीं आ रहे। अपनी तरह के इस अटपटे फैसले में अगर सरकारी आदेश  अगर लागू होते हैं तो पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में लगभग तीन करोड़ की लागत से निर्मित भवन खंडहर बन जाएगा। पुख्ता सूत्र बताते हैं कि सीएमओ कांगड़ा को इस बाबत विभाग की ओर से आदेश मिल गए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को विभाग ने शिफ्ट कर दिया गया है।  हालांकि पहले कहा जा रहा था कि  यहां निर्माण कार्य के चलते ही यह किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने भवन को स्थानांतरित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। लंबे समय से मौजूदा जगह में बने ज्वालामुखी स्वास्थ्य केंद्र को बस स्टैंड से दूर बने मंदिर न्यास के मातृछाया यात्री निवास में शिफ्ट करने का प्रस्ताव था। इस पर विभाग ने अस्पताल को शिफ्ट करने के लिए बाकी प्रक्रिया को पूरा क रने के लिए सीएमओ धर्मशाला को जारी हुए पत्र में उल्लेख किया है। ज्वालामुखी अस्पताल में भवन की कमी और अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए यह बदलाव किया गया है। लेकिन सवाल यह है कि जब अस्पताल का अपना नया भवन बनकर तैयार है तो इसे वहां शिफ्ट क्यों नहीं किया जा रहा है? सूत्र बताते हैं कि धूमल सरकार के समय निर्मित इस भवन को लेकर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। विभागीय आदेशों में खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को शिफ्ट करने के लिए कहा गया है।  अस्पताल अब हालांकि मातृ छाया भवन में शिफट हो गया है।  लकिन लोगो ं  को यह सब रास नहीं आ रहा । रोगी कल्याण समिति सचिव डा. सतिंद्र वर्मा ने विभाग की ओर से इस बारे में पत्र मिलने की पुष्टि की है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. डीएस गुरंग ने विभागीय आदेशों की पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार के जो आदेश होंगे, वे सर्वोपरि हैं। उन्होंने कहा कि मातृछाया भवन में 42 कमरे हैं, जिनकी अस्पताल को जरूरत नहीं है। इसके लिए विभाग को लिखा गया है। अंतिम फैसला सरकार ने ही लेना है।  इस बीच कुछ स्थानीय लोगों ने अस्पताल के स्थानांतरण को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की  है।  ज्वालामुखी के पूर्व विधायक रमेश धवाला ने कहा कि सरकार का यह फैसला गलत है लिहाजा भाजपा इसका पुरजोर विरोध करेगी।  उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर अस्पताल को पुरानी जगह वापिस लाया जायेगा।  जनता की सुविधाओं के मद़देनजर अस्पताल पुरानी जगह ही रहना चाहिये। 

ज़ोनल अस्पताल हमीरपुर में डाक्टरों की कमी पर चिन्ता

हमीरपुर,17 जून (विजयेन्दर शर्मा)। प्रेम कुमार धूमल, पूर्व मुख्यमन्त्री ने ज़ोनल अस्पताल हमीरपुर में डाक्टरों की कमी पर चिन्ता जताते हुए कहा कि हमीरपुर से मरीज़ टांडा व पी.जी.आई चण्डीगढ़ को रैफर किये जा रहे हैं । एम.सी.आई की टीम द्वारा निरीक्षण का बहाना बना कर अधिकांश विशेषज्ञ डाक्टर टांडा स्थानान्तरित कर दिये गये हैं । उल्लेखनीय है कि सारे के सारे विशेषज्ञ जोनल अस्पताल हमीरपुर से ही स्थानान्तरित किये गये हैं । इन स्थानान्तरणों से हमीरपुर क्षेत्र के साथ किये जा रहे भेदभाव की वू आ रही है ।  किसी भी ओ.पी.डी. में डाक्टर  उपलब्ध नहीं  हैं और लोगों को बहुत ज्यादा कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है । स्त्रीरोग विभाग में तो बहुत ही ज्यादा कठिनाई आ रही है, लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है और जनता में त्राही-2 मची हुई है । धूमल ने कहा कि डाक्टरों की कमी के कारण आज सारी ओ.पी.डी. बन्द रहीं। इस अस्पताल में केवल हमीरपुर जिला से ही नहीं बल्कि साथ लगते क्षेत्रों जैसे सरकाघाट, सन्धोल, कांगड़ा के ज्वाला जी, देहरा, आलमपुर आदि क्षेत्रों के लोग भी इलाज़ हेतु हमीरपुर आते हैं लेकिन आज लोगों को ओ.पी.डी. बन्द होने के कारण बहुत असुविधा हुई । स्त्रीरोग विभाग में कोई डाक्टर न होने से ’’जननी सुरक्षा योजना’’ प्रभावित हो रही है, प्रसूती महिलाओं को लाने ले जाने के लिये कई बार एम्बुलैन्स भी उपलब्ध नहीं होती है जिस कारण से प्रसूती महिलाओं को टांडा मैडिकल कालेज तथा पी.जी.आई. चण्डीगढ़ रैफर किया जाता है जिस से इलाके की गरीब जनता को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है । प्राप्त जानकारी के अनुसार आज अल्ट्रासाऊंड में डाक्टर किसी कोर्ट केस के सिलसिले में विभाग में उपलब्ध नहीं थे तथा जिन लोगों को अल्ट्रासाऊंड की डेट दे रखी थी, अस्पताल आकर बहुत परेशान हुए क्योंकि आज कोई भी अल्ट्रासाऊंड नहीं हो सका । उन्होंने आगे कहा कि आजकल स्वास्थ्य विभाग बिल्कुल लावारिस हो गया है क्योंकि प्रदेश के स्वास्थ्य मन्त्री विदेश दौरे पर हैं तथा विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमन्त्री जी ने अपने पास ले रखी है जिन्हें लोगों के स्वास्थ्य की चिन्ता करनी चाहिए । ऐसा प्रतीत होता है कि क्षेत्र विशेष के लोगों से इस तरह का भेदभाव राजनैतिक द्वेष के कारण ही किया जा रहा है और इस सारे प्रकरण के लिये मुख्यमन्त्री ही जिम्मेदार हैं । 

बागवानों से अनुमोदित कीटनाशकों के उपयोग का आग्रह

शिमला,17 जून (विजयेन्दर शर्मा)। उद्यान विभाग के एक प्रवक्ता ने प्रदेश के फल उत्पादकों से आग्रह किया कि फलों पर केवल उन्हीं कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाए जो केन्द्रीय कीटनाशक बोर्ड एवं रजिस्ट्रेशन कमेटी द्वारा अनुमोदित हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा ऐसी किसी भी दवाई के छिडक़ाव की सिफारिश नहीं की गई है जो केन्द्रीय कीटनाशक बोर्ड एवं रजिस्ट्रेशन कमेटी द्वारा अनुमोदित न हो। प्रवक्ता ने कहा कि विभाग द्वारा वर्ष 2014 में फलों में लगने वाली बीमारियों व कीटों की रोकथाम के लिए जो छिडक़ाव सारणी प्रकाशित की है, उसमें ऐसी ही दवाइयों की सिफारिश की गई है। उन्होंने बागवानों को परामर्श दिया कि वह बीमारियों व कीटों की रोकथाम के लिए छिडक़ाव सारणी-2014 में दर्शाई गई दवाइयों का ही इस्तेमाल करें।

कांगड़ा घाटी ग्रीष्मोत्सव में स्टॉलों के लिए 19 जून तक करें आवेदन

धर्मशाला, 17 जून (विजयेन्दर शर्मा)। उप-निदेशक एवं परियोजना अधिकारी, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, कुलवीर राणा ने बताया कि धर्मशाला के पुलिस मैदान में 20 जून से 22 जून, 2014 तक आयोजित किए जाने वाले कांगड़ा घाटी ग्रीष्मोत्सव में विभिन्न विभागों तथा निजी संस्थाओं द्वारा प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि इस उत्सव में हस्तशिल्प एवं हस्तकला प्रदर्शनी, स्टॉल, खाने-पीने के लिए स्थानीय व्यंजनों के स्टॉल तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं के स्टॉल भी लगाए जायेंगे। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के स्टॉल एवं प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी।   उन्होंने बताया कि इच्छुक निजी संस्थाएं जो कांगड़ा घाटी ग्रीष्मोत्सव में अपने स्टॉल लगाना चाहती हैं, वह उप-निदेशक एवं परियोजना अधिकारी डीआरडीए, कांगड़ा स्थित धर्मशाला के कार्यालय में 19 जून, 2014 तक या इससे पहले अपने आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।

15 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत अल्पसंख्यकों के प्रशिक्षण पर 18.50 लाख व्यय: उपायुक्त

धर्मशाला, 17 जून (विजयेन्दर शर्मा)।  प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम के अन्र्तगत अल्पसंख्यक समुदाय के सशक्तिकरण के लिए समावेशी विकास के प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के विथार्थियों व महिलाओं के उत्थान के लिये आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से इनके स्वास्थ्य जांच, पौषाहार व प्रतिरक्षण जैसे कार्यक्रमों पर बल दिया जा रहा है। यह जानकारी आज 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुये उपायुक्त सी. पालरासू ने दी। उन्होंने बताया कि आईसीडीएस और आंगनबाड़ी केन्द्रों की एक निश्चित संख्या को ऐसे क्षेत्रों में स्थापित किया जायेगा जहां अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को इन योजनाओं का बेहतर लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना और ऐसी अन्य योजनाओं के अन्र्तगत यह सुनिश्चित किया जायेगा कि अल्पसंख्यक वर्ग के क्षेत्रों में शिक्षण संस्थानों का लाभ सुनिश्चित हो ।रासू ने बताया कि जिला कांगड़ा में अल्पसंख्यक समुदाय से 6 वर्ष तक के 1155 बच्चों, 178 धात्री व गर्भवती महिलाओं को पोषाहार प्रदान किया जा रहा है तथा 735 बच्चों को पूर्व शाला शिक्षा प्रदान की जा रही है । उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के 292 छात्रों को मैट्रिक छात्रवृति प्रदान करने हेतु प्रस्ताव निदेशालय को भेजा गया है और 4 छात्रों को 9960 रूपये की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त उद्योग विभाग द्वारा आरआईपीआरएपी स्कीम में अल्पसंख्यक समुदाय के 7 व्यक्तियों को प्रशिक्षण देकर 9800 रूपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।उन्होंने बताया कि कम्पयूटर एप्लीकेशन एवं एलाईड स्कीम के अन्तर्गत जिला कल्याण अधिकारी के माध्यम से अनुसूचित जाति के 99 अनुसूचित जनजाति के 38 व अन्य पिछड़ा वर्ग के 156 प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-14 में इस प्रशिक्षण  पर विभाग द्वारा 18,50,000 रूपये की राशि व्यय की गई। इसके अतिरिक्त स्थानीय लेवल कमेटी का आयोजन किया गया।    इस अवसर पर एएसपी श्री बशीर सिंह, डीपीओ (कार्यक्रम) गौतम शर्मा, उपनिदेशक डीआरडीए कुलवीर राणा, जिला रोजगार अधिकारी जेएस पटियाल,  एलडीएम आरएस रोहिल उपनिदेशक उच्च शिक्षा देश राज शर्मा, उपनिदेशक प्रारम्भिक शिक्षा वच्चन सिंह सहित नूरपुर, कांगड़ा तथा देहरा के नगरपरिषद के अधिकारी उपस्थित थे।

यातायात सम्बन्धित अधिसूचना

कुल्लू,17 जून (विजयेन्दर शर्मा)। जिला दण्डाधिकारी कुल्लू राकेश कंवर ने बताया कि केलांग डिपो की बसें जो मुरम्मत के लिए वर्कशॉप जाती है, वह प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर सकती हैं और उन्हें आने जाने के लिए भूतनाथ पुल का प्रयोग करना अनिवार्य होगा तथा बसों का अखाड़ा बाजार में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने बताया कि सब्जी से लदे वाहन व शीघ्र नष्ट होने वाले पदार्थ वाली गाडिय़ां प्रात: 10.30 से दोपहर 1 बजे तक वर्जित क्षेत्र में केवल सब्जी मण्डी तक प्रवेश कर सकते हैं।

सैंज घाटी की ग्राम पंचायत सुचैहण के गांव करटाह और रोपा का दौरा 

कुल्लू,17 जून (विजयेन्दर शर्मा)। विधायक कर्ण सिंह ने मंगलवार को सैंज घाटी की ग्राम पंचायत सुचैहण के गांव करटाह और रोपा का दौरा करके क्षेत्रवासियों की समस्याएं सुनी। इसके बाद उन्होंने देर शाम सैंज घाटी के ही दूरस्थ गांव शांघड़ में ऐतिहासिक शाढऩू मेले के शुभारम्भ समारोह में भी शिरकत की। कर्ण सिंह ने करटाह में कहा कि सैंज घाटी में जल विद्युत परियोजनाओं से प्रभावित सभी गांवों के लोगों के हितों से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। इन क्षेत्रों के लिए लाडा के तहत विभिन्न विकास कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रावधान किया जाएगा। क्षेत्र की सडक़ों की स्थिति सुधारी जाएगी तथा पर्याप्त बस सेवाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी। इस मौके पर उन्होंने मेला मैदान पुंडरिक ऋषि के लिए दो लाख, सामुदायिक भवन कथाउगी के लिए तीन लाख, सामुदायिक भवन हंसपुरी देवता शुकारी तीन लाख, कथाउगी-शुकारी पक्के रास्ते के लिए दो लाख तथा धारा-कथाउगी सडक़ के लिए पांच लाख रूपये देने की घोषणा भी की। इसके बाद देर शाम शांघड़ के शाढऩू मेले के शुभारंभ अवसर पर कर्ण सिंह ने कहा कि शांघड़ के एतिहासिक मैदान और इसके आसपास के क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देवता शंगचूल का स्थान शांघड़ मैदान के संरक्षण व इसे पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए एक दीर्घकालीन योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि शांघड़ सडक़ प्राथमिकता के आधार पर चौड़ी की जा रही है। इससे यहां के विकास को बल मिलेगा तथा यहां पर्यटन के द्वार खुलेंगे। इस अवसर पर बंजार ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जय बिहारी लाल, शांघड़ के प्रधान घुंघरमल, सुचैहण के उप प्रधान देवेंद्र सिंह, विभिन्न विभागों के अधिकारी, कांग्रेस के पदाधिकारी, क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि व अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। 

हमीरपुर जिला में दो लाख लोगों को मिली खाद्य सुरक्षा, 37924 क्विंटल गंदम तथा 28799 क्विंटल चावल पात्र परिवारों को वितरित : उपायुक्त
    
हमीरपुर, 17 जून (विजयेन्दर शर्मा)। हमीरपुर जिला में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दो लाख, 717 लोगों को लाभांवित किया जा चुका है जबकि इस योजना में 43214 नए लोगों को भी शामिल किया जाएगा ताकि गरीब तथा निर्धन लोगों को सस्ता राशन उपलब्ध करवाया जा सके। यह जानकारी उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने मंगलवार को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की उपलब् िधयों की समीक्षा करने के उपरांत दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 का शुभारंभ 20 अगस्त 2013 को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करकमलों से हुआ था जिसे विधिवत रूप से अक्तूबर 2013 से लागू किया गया है। जिला हमीरपुर में इस अधिनियम के तहत 47162 परिवारों तथा दो लाख 43 हजार 958 जनसंख्या को लाभांवित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि अक्तूबर माह से मार्च 2014 तक इस योजना के तहत 37924 क्विंटल गंदम तथा 28799 क्विंटल चावल पात्र परिवारों को वितरित किए गए हैं। उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा राज्य अनुदानित योजना के अंतर्गत प्रत्येक राशन कार्ड धारक को सस्ता राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है जिसमें दो सदस्यों तक के राशन कार्ड पर एक किलोग्राम दाल, एक किलोग्राम नमक तथा सरसों तेल एक लीटर, चार सदस्यों तक के राशन कार्ड पर दो दालें एक-एक किलोग्राम, एक किलोग्राम नमक व दो लीटर सरसों तेल तथा पांच व उससे अधिक सदस्यों के राशन कार्ड पर तीन दालें एक-एक किलोगा्रम, एक किलोग्राम नमक तथा दो लीटर सरसों तेल वितरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि माह अप्रैल, 2013 से लेकर मार्च 2014 तक इस योजना के तहत 7186 क्विंटल दाल चना, 14220 क्विंटल दाल उड्द, 4980 क्विंटल सफेद चना, 4776 क्विंटल नमक, 27 लाख 65 हजार लीटर सरसों का तेल वितरित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला हमीरपुर में वर्तमान समय में छह विकास खंडों भोरंज, बड़सर, नादौन, हमीरपुर, तथा बसमन कार्यरत हैं, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए वर्तमान समय में जिला में 291 उचित मूल्य की दुकानों जिनमें 253 सहकारी सभायें, तीन राज्य नागरिक आपूर्ति निगम, 33 व्यक्तिगत तथा दो पंचायतों के माध्यम से संचालित की जा रही हैं। उपायुक्त ने खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लोगों को समय पर राशन उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें तथा खाद्य सामग्री की गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखें। इससे पहले खाद्य आपूर्ति अधिकारी प्रताप सिंह ने विभाग के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, कांगड केंद्रीय सहकारी बैंक समिति के अधिकारी भी उपस्थित थे।

ईको-टूरिजम को बढ़ावा देगी सरकार: श्री ठाकुर सिंह भरमौरी

शिमला,17 जून (विजयेन्दर शर्मा)। वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा कि प्रदेश में ईको-टूरिजम की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में ईको-टूरिजम को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवा रही हैं। श्री भरमौरी आज यहां ईको-टूरिजम को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में ईको-टूरिजम  को बढ़ावा देकर पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित बनाया जाएगा कि राज्य के बहुमूल्य पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि ईको-टूरिजम के तहत प्रदेश में 23 पर्यटक स्थल चिन्हित किए गए हैं, जहां विशेष सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन स्थलों पर पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं जैसे खान-पान, साफ-सफाई, नियंत्रित परिवहन सुविधा, टूरिस्ट गाईड आदि की सुविधाएं प्रदान करने के लिए स्थानीय युवाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए कौशल विकास भत्ता योजना और मनरेगा जैसी योजनाओं से धनराशि उपलब्ध करवाने की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा। श्री भरमौरी ने ईको-टूरिजम सर्किट तय करने की आवश्कयता पर भी बल दिया ताकि विभिन्न स्थानों पर पर्यटकों की आवाजाही सुनिश्चित बनाई जा सके। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को इस सम्बन्ध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने साहसिक और धार्मिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश वन निगम द्वारा नारकंडा और जलोड़ी में नेचर कैंप संचालित किए जा रहे हैं। प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री केवल सिंह पठानिया ने इस अवसर पर प्रदेश में ईको-टूरिजम को बढ़ावा देने के लिए परामर्शदाता तैनात करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस सम्बन्ध में उन्होंने बैंगलूरू के ईको-टूरिजम मॉडल तथा उत्तरांचल में ईको-टूरिजम के लिए तैयार की गई अधोसंरचना के अध्ययन का भी सुझाव दिया ताकि प्रदेश में भी ईको-टूरिजम को बढ़ावा मिल सके। प्रधान सचिव वन श्री तरूण श्रीधर, प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं हैड ऑफ फारेस्ट फोरस श्री आर.के. गुप्ता, प्रबन्ध निदेशक, वन विकास निगम श्री जे.एस. वालिया, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य प्राणी) डॉ. ललित मोहन, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल श्री अवतार सिंह, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल श्री एस.एस. नेगी तथा विभाग के अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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