- रिटेल व्यापार की दशा सुधारने और ढांचे को मजबूत करने की उठी मांग
- रिटेल ट्रेड के लिए राष्ट्रीय व्यापार नीति और रिटेल रेगुलेटरी अथॉरिटी का हो गठन
"कृषि के बाद देश में सबसे अधिक रोज़गार देने वाले क्षेत्र रिटेल व्यापार को मजबूत करने तथा इसके समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए अब सरकार रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति बनाये और केंद्र में पृथक रूप से एक आंतरिक व्यापार मंत्रालय का गठन करे "- यह मांग आज से नई दिल्ली में शुरू हुए एक दो दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन जोर शोर से उठाई गयी! सम्मेलन का आयोजन व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया है जिसमें देश के सभी राज्यों के लगभग 200 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेता भाग ले रहे हैं! सम्मेलन की अध्यक्षता कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया ने की !
सम्मेलन में जारी एक चर्चा प्रपत्र में कहा गया है की देश के रिटेल व्यापार की सूरत गत वर्षों में तेजी से बदली है ! वर्ष 2011 के जनसख्यां आंकड़ों के अनुसार देश के नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर में अब 45 % पिछड़ा वर्ग, 14 % अनुसूचित जाति एवं 5 % अनुसूचित जनजाति का योगदान है ! इतनी मात्रा में इन जातियों का आधिपत्य अन्य किसी भी आर्थिक क्षेत्र में नहीं है लिहाजा सामजिक दृष्टि से भी अब रिटेल सेक्टर को प्राथमिकता देने की बड़ी आवश्यकता है और इस लिए अब सरकार को इस क्षेत्र की संरचना को ध्यान में रखते हुए रिटेल सेक्टर के विकास और मजबूती के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति बनानी चाहिए और इस क्षेत्र की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पृथक से एक वित्तीय ढांचे को विकसित किया जाना चाहिए ! कैट ने सुझाव दिया है की क्योंकि सरकारी बैंक छोटे व्यापारियों और कमजोर वर्गों को वित्तीय सहायता देने में बेहद असफल साबित हुए हैं इसलिए नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनियों और कोआपरेटिव बैंकों के ढांचे को मजबूत करते हुए रिटेल सेक्टर को इनके द्वारा वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए ! कैट ने मांग की है की केंद्रीय वित्त मंत्री अगले माह प्रस्तुत होने वाले बजट में इसकी घोषणा करे !
सम्मेलन में पारित एक अन्य आर्थिक प्रस्ताव में केंद्र सरकार द्वारा रिटेल व्यापार में ऍफ़ डी आई नहीं लाने की घोषणा का स्वागत किया गया है और केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली द्वारा देश में गुडस एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को जल्द लागू करने के प्रयासों का भी स्वागत किया है !प्रस्ताव में कहा गया है की वर्तमान वैट कर प्रणाली की विसंगतियां व्यापारियों के लिए नासूर बन गयी हैं और देश की कर प्रणाली के सरलीकरण की बेहद जरूरत है! जीएसटी के संभावित प्रारूप के विषय में कैट ने कहा है की सारे देश में एक समान कर कानून, एक अथॉरिटी और एक करीय जीएसटी को ही लागू किया जाए! कैट ने यह भी कहा है की चूँकि कर प्रणाली एक तकनिकी विषय है इसलिए आईएएस की तर्ज़ पर ही इडियन टैक्सेशन सिस्टम(आईटीएस) का एक पृथक कैडर बनाया जाये तभी कर प्रणली बेहतर तरीके से देश में काम कर सकेगी !
सम्मेलन में आये विभिन्न राज्यों के व्यापारी नेताओं ने यह भी कहा की देश के रिटेल व्यापार को चुस्त दुरुस्त करने के लिए सरकार को एक रिटेल रेगुलेटरी अथॉरिटी का भी गठन करना चाहिए ! सम्मेलन कल भी जारी रहेगा जिसमें रिटेल ई कॉमर्स में ऍफ़ डी आई, विभिन्न देशों के साथ होने वाले मुक्त व्यापार समझौतों के देश के व्यापार और उद्योग पर पड़ने वाले प्रभाव. शहरी विकास योजनाओं में व्यापारियों की भूमिका एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों में व्यापारियों को आ रही परेशानियों सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी एवं भविष्य की रणनीति तय की जायेगी !