दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के चार साल के स्नातक पाठ्यक्रम (एफवाईयूपी) के लिए नामांकित बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) के छात्रों ने अपने विरोध-प्रदर्शन को रद्द कर दिया है। यह कदम उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से यह भरोसा मिलने के बाद उठाया कि उनका पाठ्यक्रम खत्म नहीं किया जाएगा, चाहे पहले का तीन साल का स्नातक पाठ्यक्रम ही क्यों न लागू हो। डीयू के बीटेक के छात्र अमित कुमार ने आईएएनएस से कहा, "हमलोगों ने यूजीसी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वे बीटेक के छात्रों की मांग को प्राथमिकता देंगे। इसलिए हमलोगों ने विरोध-प्रदर्शन को रद्द करने का निर्णय लिया है।"
छात्रों ने मंगलवार सुबह विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया था। उनका कहना था कि एफवाईयूपी को अगर खत्म किया जाता है, तो उनके लिए बेहद परेशानी हो जाएगी, क्योंकि पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद वे किसी विषय में विशेषज्ञता से हाथ धो बैठेंगे। पिछले साल लागू एफवाईयूपी को खत्म करने को लेकर डीयू और यूजीसी के बीच टकराव के बीच 2.7 लाख से ज्यादा आवेदकों का भविष्य इस साल अधर में है। यूजीसी ने डीयू को नोटिस जारी कर एफवाईयूपी को खत्म करने का निर्देश दिया है।
डीयू को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह नए आवेदकों का नामांकन तीन साल के स्नातक पाठ्यक्रम के तहत ही करेगा। ऐसा नहीं करने पर आयोग ने विश्वविद्यालय को फंड रोकने की चेतावनी भी दी। महाराज अग्रसेन कॉलेज के छात्र अक्षय कचरू ने कहा, "सरकार एफवाईयूपी को खत्म करे या नहीं, हमारी मांग है कि बीटेक को खत्म नहीं किया जाए, क्योंकि वे बीटेक को बीएससी में बदलने पर विचार कर रहे हैं।"
जगदीश ने कहा, "विश्वविद्यालय और यूजीसी को यह बात समझनी चाहिए कि इस विवाद से इसकी साख पर बट्टा लग रहा है।"बीटेक की 2,500 सीटों के लिए 5,0000 से ज्यादा आवेदकों ने आवेदन किया है।