- नीति और नीयत के साथ सरकार और व्यापारियों के हो सम्बन्ध
कन्फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा कल रात्रि नई दिल्ली में आयोजित हुए भामाशाह सम्मान समारोह में बोलते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी और केंद्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने रिटेल व्यापार में विदेशी निवेश को साफ़ तौर पर अस्वीकार करते हुए कहा की रिटेल क्षेत्र में विदेशी निवेश देश के करोड़ों छोटे व्यापारियों के शोषण का एक हथियार बनेगा! समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री श्याम जाजू, विश्व की ई कॉमर्स के सबसे बड़ी कम्पनी ई बे के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री लतीफ़ नथनी सहित देश के विभिन्न राज्यों के 200 से अधिक व्यापारी नेता मौजूद थे! समारोह में विभिन क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियां अर्जित करने वाले 7 लोगों को भामाशाह रत्न सम्मान से अलंकृत किया गया !
समारोह में बोलते हुए डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा की देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर और मजबूत बनाने के लिए भारतीय रिटेल व्यापार की दशा और दिशा दोनों बदलने पड़ेगी! उन्होंने ने कहा की ईस्ट इंडिया कम्पनी के भारत आने से पहले विश्व के व्यापार में भारत की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत थी और आजादी प्राप्त करने के समय यह हिस्सेदारी घटकर केवल 3 प्रतिशत रह गयी और जो वर्तमान में लगभग 1 .5 प्रतिशत ही रह गयी है ! भारत समस्त संसाधनों के होने के बावजूद विश्व व्यापार में काफी पीछे है और इस दृष्टि से भारत के घरेलू व्यापार और लघु उद्योग को संरक्षित करते हुए बढ़ावा देने की जरूरत है ! डॉ. जोशी ने यह भी कहा की भारत में व्यापारी एक सशक्त सप्लाई चैन के रूप में काम करते है और इसीलिए भारत की अर्थव्यवस्था में सदैव तरलता बनी रहती है ! उन्होंने ने कहा की भारतीय व्यापारी हर तरह से सक्षम है और व्यापार का भूमंडीलकरण भारतीय व्यापारियों ने ही किया है ! इसलिए भारत के रिटेल व्यापार में किसी भी प्रकार के विदेशी निवेश की कोई जरूरत नहीं है !
डॉ. जोशी ने यह भी कहा की राजस्व प्राप्त करने के लिए नीति और नीयत दोनों का अच्छा होना आवश्यक है वहीँ दूसरी और व्यापारियों को भी नीति पूरक धर्म के मार्ग से व्यापार करते हुए सरकार के राजस्व कोष को भरना चाहिए ! सरकार और व्यापारी एक दूसरे के पूरक हैं और इसी दृष्टि से दोनों में आपसी समझ और सामंजस्य होना भी जरूरी है !
केंद्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने समारोह में व्यापारी नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा की विदेशी कंपनियां सुनहरे सपने दिखा कर हमारे देश के खुदरा व्यापार पर कब्ज़ा जमाना चाहती हैं और अगर इन कम्पनियों को अनुमति दी गयी तो देश की जीवंत अर्थव्यवस्था पटरी से उतर जाएगी ! उन्होंने ने कहा की पेट्रोलियम क्षेत्र में विदेशी निवेश की छूट है लेकिन इस क्षेत्र में विदेशी कंपनियां निवेश नहीं करती क्योंकि यहाँ लागत बहुत ज्यादा है और मुनाफा देरी से आएगा जबकि काम लागत और ज्यादा एवं जल्दी मुनाफा विदेशी कम्पनियों का मूल मंत्र है ! उन्होंने ने कहा की व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी है और इस नाते से व्यापारियों को व्यापार करने के बेहतर अवसर उपलब्ध कराया जाना बेहद आवशयक भी है ! उन्होंने ने जोर देकर कहा की व्यापारियों की व्यवहारिक परेशानियों, जटिल कर प्रणली का अध्यन करते हुए सरलीकरण किया जाना चाहिए ! उन्होंने ने यह भी कहा की श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश के व्यापारियों की समस्याओं की प्रति बेहतर संवेदनशील है और उनके समाधान के रास्ते शीघ्र की निकाले जाएंगे! श्री प्रधान का व्यापारियों से सरकार का सहयोग करने की अपील करते हुए कहा की अर्थव्यवस्था को अधिक मजबूत बनाने में व्यापारियों को सरकार का सहयोग करना होगा और व्यापार की स्वस्थ परम्परओं को दोबारा से स्थापित करना होगा !