दानापुर। और महादलित मुसहर समुदाय की आशाओं पर पानी फिरा। महादलित मुसहर समुदाय के लोग 27 साल से हाथ में पर्चा लेकर बैठे हैं। धरती के ‘प्रभुओं’ ने मान लिए हैं किसी भी हाल में महादलितों को जमीन पर पनाह नहीं लेने देंगे। 27 फरवरी 2013 को रैली निकालने वाले नेताओं को सीओ दानापुर ने कहा कि अभिमन्यु नगर में जाकर जमीन का मुआयना करेंगे। दो बार आए और देखकर चले गए। जाने के पहले कह गए कि गड्डा में पानी है। गड्डा से पानी निकल जाने के बाद ही जमीन का सीमांकन करके पर्चाधारी महादलितों को जमीन पर अधिकार दिलवा देंगे। अभी स्थिति यह है कि जिधर से शुरू किए थे वहीं पर आकर अंत हो गया है। कल गणदेवता और आज अम्बर के भगवान ने मिलकर गड्डा में पानी भर दिए।
अव्वल गणदेवताओं ने महादलितों को धमकायाःसरकार के 1986-87 में महादलित और पिछड़ी जाति के 49 आवासहीनों को 2 डिसमिल जमीन का बंदोबस्ती का पर्चा दिए।कुछ लोग दानापुर थाना आज रूपसपुर थाना अन्तर्गत अभिमन्यु नगर वाली जमीन पर रहने लगे। उनमें महादलित मुसहर समुदाय के लोग पिछड़ गए। उन महादलितों को धमकाया गया और जमीन पर से खदेड़ दिए गए। सहमे और डरे लोग आज भी हाशिए पर हैं।
इतना करने के बाद भी गणदेवता संतुष्ठ नहींःमहादलितों को धमकाने और जमीन पर से खदेड़ने के बाद भी संतुष्ठ नहीं हुए। महादलितों की जमीन से ही जेसीबी मशीन से मिट्टी निकालकर मार्ग बना लिए। जेसीबी मशीन से मिट्टी निकालने से गड्डा बन गया। बरसात के समय में गड्डा में पानी भर जाता है। जो आजतक नहीं भरा गया। यह तो महादलितों के विरूद्ध साजिश है। गड्डा में पानी रहने के बहाना बनाकर प्रशासन के अधिकारियों ने हाथ खड़ा कर दिए। एक नहीं तीन बार असफल प्रयास किया गया।
27 फरवरी 2013 को रैली निकालने के बादःजन संगठन एकता परिषद और दानापुर के महादलितों ने 27 फरवरी 2013 को रैली निकालकर दानापुर प्रखंड गए। उस वक्त सीओ दानापुर कुमार कुदंन लाल ने कहा कि अभिमन्यु नगर में जाकर जमीन का मुआयना करेंगे। एक नहीं दो बार जमीन का मुआयना करने आए और मुआयना करके चले गए। मुआयना करते समय उपस्थित नेताओं से सीओ दानापुर ने कहा कि अभी बरसाती के पानी के कारण गड्डा भर गया है।जमीन नापी करने में दिक्कत होगी। पानी सूखने के बाद जमीन नापी करके सीमांकन कर देंगे।
जब महादलित मुसहर समुदाय के लोग एसडीओ साहब से मिलेः गड्डा में संग्रहित बरसाती पानी सूख गया।तो प्रभावित लोग दानापुर अनुमंडल के अनुमंडलाधिकारी राहुल कुमार से मिले। अपनी समस्या को एसडीओ साहब के सामने रखे। तब एसडीओ साहब ने अंचलाधिकारी दानापुर को फोन घूमाया। मामला सीओ साहब का है। आप तो आसानी से मामला सलटा सकते हैं। अगर धरती के गणदेवता अड़चन डालेंगे तो फोर्स के सहारे महादलितों को जमीन पर अधिकार दिलवा देंगे। यह टेलिफोनिक आॅडर के बाद भी मामला सिफर ही रह गया।
तब अंचलाधिकारी कुमार कुंदन लाल ने 19 जून 2014 को समय निर्धारित कियाः दानापुर अनुमंडलाधिकारी राहुल कुमार के आदेश पर अंचलाधिकारी दानापुर ने 19 जून को समय निर्धारित किया और कहा कि अभिमन्यु नगर जाकर जमीन का सीमांकन और जमीन पर अधिकार दिलवा देंगे। और 19 जून को महादलित मुसहर समुदाय के लोग इंतजार करते रहे। एक हाथ में निर्गत पर्चा और दूसरे हाथ में खुरपी लिए थे। सीमांकन होने के बाद खुरपी से ही निशान बनाने वाले थे। बस सीओ तो ‘साहब’ ही बन गए। हाथ में खुरपी और सरकार के द्वारा निर्गत पर्चा को थामे रहे। एक-दूसरे को टुकुर-टुकर निहारते रहे। खैर, महादलित मुसहर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नौकरशाह मुख्यमंत्री के बिरादरी के कार्य करने नहीं आए।
और धरती के ‘प्रभुओं’ को समय मिल गयाःएक बार नहीं तीन बार धरती के ‘प्रभुओं’ ने महादलितों को जमीन पर पनाह नहीं देने पर कामयाब हो रहे हैं। इस बार भी कामयाब हो जाएंगे। 19 जून से लेकर 30 जून तक धरती के ‘प्रभुओं’ ने जमीन के पूरब की ओर से वाटर पम्प चलाकर गड्डा में पानी भरना शुरू कर दिए। इसको भर जाने के बाद पश्चिम हिस्से वाले गड्डा को भी पानी से भर दिया। इस बाबत 30 जून को एसडीओ राहुल कुमार से बातचीत की गयी ।तो बगल से ही हुलकनी मारने वाले सीओ दानापुर कुमार कुदंन लाल से बातचीत करने को कह गए। वार्ता करने पर कहा कि 19 जून के तयशुदा तिथि को 15 दिनों तक बढ़ा दिया गया। 4 अथवा 5 जुलाई को अभिमन्यु नगर मे जाकर पर्चाधारी लोगों को जमीन पर अधिकार दिलवा देंगे।
इन गणदेवता के कुराफात पर अम्बर के भगवान भी सहायकः जब गणदेवताओं ने वाटर पम्प से गड्डा में पानी भर दिए। तब आज बाकी कसर अम्बर के भगवान ने पूरा कर दिए। 1 जुलाई की बारिस से गड्डा को लबालब भर गया है। अब सीओ साहब को मौका मिल गया कि गड्डा में पानी है। तब जमीन किस तरह से नापी जाएगी। यह कहावत चरितार्थ हो रहा है। शिकारी आएगा दाना डालेगा और लोभ से फंसना नहीं। गड्डा में पानी है। गड्डा से पानी सूखेगा तब जाकर जमीन नापी होगी।
अब महादलित मुसहर समुदाय के नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का दायित्व बनता है। इस ओर समुचित कार्रवाई करें। महादलित मुसहर समुदाय के लोग 27 साल से जमीन का पर्चा पकड़कर बैठे हुए हैं।उनको कोई्र मसीहा नहीं मिला जो जमीन पर हक दिला सके। अभी महादलित मुसहर समुदाय से मुख्यमंत्री बने हैं। अब मसीहा बनकर मुसहरों को जमीन पर कब्जा दिलवा दें।
एक महिला आंखों देखी हाल सुनाकर गणदेवतों की कुकृत्य को सामने लाने का प्रयास कर रही है। उसका कहना है कि यह बहुत ही धुर्त किस्म के आदमी हैं। हमलोगों को जमीन पर कब्जा करने नहीं देंगे। उनका सवाल था कि
आलोक कुमार
बिहार