Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

मणिलाल जोशी की कृति ‘ ईश्वर मेरे पास-मैं ईश्वर से दूर’ का विमोचन

$
0
0
  • ईश्वर की शाश्वत नज़दीकियों का अनुभव करें - महंत हरिओमशरणदास महाराज

book inaugration
बांसवाड़ा, 6 जुलाई/शिक्षाविद् एवं चिंतक मणिलाल जोशी की पुस्तक ‘ईश्वर मेरे पास - मैं ईश्वर से दूर’ का विमोचन रविवार को गायत्री गार्डन में समारोहपूर्वक हुआ। इसमें ऎतिहासिक लालीवाव मठ के पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर महंत हरिओमशरणदास महाराज एवं बड़ा रामद्वारा के संत रामप्रकाश महाराज ने पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमद्भागवत कथावाचक पं. राधेश्यामशरण त्रिवेदी(वृन्दावन), समाजसेवी अशोक पाठक, बापूलाल जोशी, शिक्षाधिकारी राजेन्द्रप्रसाद द्विवेदी, शिक्षाविद् शंकरलाल दोसी उपस्थित थे।
       
पुस्तक लेखक जोशी का अभिनंदन
समारोह में लालीवाव मठ की ओर से महंत हरिओमशरणदास महाराज ने पुस्तक के लेखक मणिलाल जोशी को बेहतरीन एवं बहुआयामी पुस्तक प्रकाशन के लिए श्रीफल भेंट कर तथा शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया। इसी प्रकार बेणेश्वर पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंद महाराज की ओर से नारायणलाल जोशी ने म  णिलाल जोशी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।  जबकि सहस्र टोलकिया औदीच्य ब्राह्मण समाज, ग्रामीण विकास समिति, सरेड़ी तथा कूंपड़ा एवं सुन्दनपुर के विप्र समाज तथा अन्य कई संस्थाओं की ओर से भी शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया।
       
विमोचित कृति पर हुए पत्रवाचन
विमोचित पुस्तक ‘ईश्वर मेरे पास-मैं ईश्वर से दूर’ के आध्यात्मिक, सामाजिक, साहित्यिक, परिवेशीय आयामों पर डॉ. मधु उपाध्याय, डॉ. प्रभु शर्मा, भरतचन्द्र शर्मा, रिाराज नूर चिश्ती, प्रकाश प ण्ड्या एवं भूपेन्द्र उपाध्याय ‘तनिक’ आदि मशहूर साहित्यकारों ने पत्रवाचन प्रस्तुत किए।
       
युगीन महत्त्व का प्रतिपादन
समारोह के संयोजक एवं संचालक तथा पुस्तक के प्रारूपकार प्रयोगधर्मा साहित्यकार हरीश आचार्य ने पुस्तक प्रकाशन की पृष्ठभूमि तथा पुस्तक में वण्र्य बहुआयामी विषयवस्तुओं एवं सारगर्भित सामग्री पर प्रकाश डाला और कहा कि यह पुस्तक अपने आप में वागड़ की अमूल्य धरोहर है जो युगों तक प्रेरणा संचार करती रहेगी। आरंभ में पुस्तक के लेखक मणिलाल जोशी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। अतिथियों का पुष्पहारों व शॉल ओढ़ाकर स्वागत मणिलाल जोशी, श्रीमती कमला जोशी, डॉ. योगेश जोशी, डॉ. संदीप जोशी, पुरुषोत्तम जोशी आदि ने किया। समारोह का संचालन गीतकार हरीश आचार्य ने किया जब कि आभार प्रदर्शन की रस्म पुरुषोत्तम जोशी ने निभायी।
       
अपने भीतर तलाशें ईश्वर को
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में साहित्यकारों, शिक्षाविदों, चिंतकों, बुद्धिजीवियों एवं गणमान्य नागरिकों को संबोधित करते हुए लालीवाव मठ के महंत महामण्डलेश्वर संत हरिओमशरणदास महाराज ने मणिलाल जोशी लिखित पुस्तक ‘ईश्वर मेरे पास - मैं ईश्वर से दूर’ को अपनी तरह की अन्यतम पुस्तक बताया और पुरुष सूक्त की वैदिक ऋचाओं का उद्धरण देते हुए कहा कि ईश्वर जितना हमारे करीब है,   उतना और कोई नहीं, फिर भी हम ईश्वर की तलाश बाहर करते र हते हैं। उन्होंने कहा कि आज अपने भीतर विद्यमान ईश्वर को खोजने की जरूरत है और इसी का संदेश पुस्तक में समाहित है। इसे आत्मसात कर ईश्वर की शाश्वत नज़दीकियों की अनुभूतियों को जीते हुए ईश्वर को पाने व उस तक पहुंचने की आवश्यकता है।

वागड़ के लिए अमूल्य धरोहर है कृति
उन्हाेंंने पुस्तक के लेखक को बधाई देते हुए कहा कि रामचरितमानस के हनुमान-विभीषण संवाद का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने हनुमान की भूमिका में सब कुछ यथार्थ सार समाज के सामने रख दिया है। महन्तश्री ने कहा कि पुस्तक में वागड़ की हस्तियों, प्रेरणास्पद घटनाओं और रचनाधर्मिता का वैविध्यपूर्ण बहुरंगी समावेश है और यह पुस्तक अपने आप में वागड़ की जीवंत प्रस्तुति है।  
       
अध्यात्म और मानवतावाद का समावेश
अध्यक्षीय उद्बोधन में बड़ा रामद्वारा के संत रामप्रकाश महाराज ने  विमोचित कृति व कृतिकार मणिलाल जोशी की रचनाधर्मिता पर प्रकाश डाला और कहा कि अध्यात्म, मानवतावादी दर्शन, सरजमीं की खूबियों और वागड़ अंचल के बहुआयामी परिदृश्य पर जो कुछ लिखा गया है, वह वागड़ को उनकी अनुपम देन है।  संत रामप्रकाश ने कहा कि वागड़ अंचल की रचनाधर्मिता के लिए  इस प्रकार के प्रयासों को संबल और प्रोत्साहन की जरूरत है।

ईश वंदना के स्वरों पर मुग्ध
समारोह में गोपाल पण्ड्या एवं पुरुषोत्तम जोशी तथा उनकी संगीत टीम द्वारा लोकवाद्यों की संगत पर प्रस्तुत ईश वन्दना और भजनों ने मंत्रमुग्ध कर दिया। बांसवाड़ा का यह पहला साहित्यिक समारोह रहा जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की मौजूदगी रही।
       
इनकी रही मौजूदगी
समारोह में उपस्थित प्रबुद्धजनों एवं गणमान्य नागरिकों में बसन्तचन्द्र जोशी, मनोहरलाल चौबीसा, पं. नरहरिकान्त भट्ट, निमेश मेहता, विश्वेश्वर जोशी, पं. विजयकुमार त्रिवेदी ‘बण्डू महाराज’, सतीश आचार्य, डॉ. सरला पण्ड्या, प्रीति कुलश्रेष्ठ, रेखा कंसारा, राजेन्द्र कुलश्रेष्ठ, हेमलता जैन, दीपक श्रीमाल, मृदुल पुरोहित, भंवर गर्ग, डॉ. दीपक द्विवेदी, पंकज देवड़ा, दीपिका दीक्षित, महेन्द्र आचार्य, नरेन्द्र नंदन, मोहनदास वैष्णव, भागवत कुंदन, नरेन्द्र मदनावत, कमलेश कमल, डायालाल जोशी,  जयसुखराय झा, पं. रघुनाथ जोशी, जगदीश मेहता, डॉ. रवीन्द्र मेहता, सुरेश गुप्ता, लोेकेश व्यास, विश्वेश्वर आचार्य, पं. मोहनलाल शुक्ला, पं. लक्ष्मीनारायण शुक्ला आदि प्रमुख हैं।

Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>