बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पेश आम बजट को जहां निराशाजनक बजट बताया है तो वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुशील कुमार मोदी ने इसे आशावादी बजट बताते हुए कहा कि यह बेहतर अर्थव्यवस्था के बीजारोपण की दिशा में एक अच्छा प्रयास है। नीतीश ने आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट में कोई खास बात नहीं है। अमीर राज्यों के लिए तो काफी कुछ कहा गया है, परंतु पिछड़े राज्यों के लिए कुछ नहीं कहा गया है। बजट में अमीर और गरीब राज्यों की विषमता को पाटने के लिए कोई नजरिया पेश नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार रेल बजट बिहार के लिए निराशाजनक बजट था, उसी प्रकार आम बजट भी बिहार के लिए निराश करने वाला है। नीतीश ने बजट को रुटीन बजट बताते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है, लोग महंगाई झेलने को मजबूर रहेंगे तो इस बजट से 'अच्छे दिन'कैसे आ पाएंगे।
इधर, भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि पिछले दस वर्षो के दौरान कोई भी ऐसा बजट नहीं पेश किया गया था जिसमें सभी क्षेत्रों को छुआ गया हो। उन्होंने इस बजट को रोजगारोन्मुखी और आशावादी बजट बताते हुए कहा कि यह सात महीने का बजट है जिसमें समाज के सभी वर्गो की सुविधा का ख्याल रखा गया है।
उन्होंने बिहार को विशेष पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी सवाल पर कहा कि बजट में इसकी चर्चा नहीं की जाती, फिर भी बजट भाषण में बिहार की सबसे ज्यादा चर्चा की गई।