विपक्षी पार्टियों ने गुरुवार को केंद्रीय बजट की आलोचना यह कहते हुए की कि इसमें आम आदमी की उम्मीदों की झलक नहीं है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट संसद में पेश किया। कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने कहा, "बजट में आम आदमी की उम्मीदों की झलक नहीं है। अधिकांश घोषणाएं मंत्रालयों के कार्यक्रमों की हैं जिसमें वित्त मंत्री की घोषणाएं उनके क्षेत्राधिकार पर अतिक्रमण है।" कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि बजट दिशाहीन है।
थरूर ने से कहा, "इस बजट में कोई नीतिगत दिशा नहीं है। राजस्व घाटा से उबरने का कोई स्पष्ट कदम नहीं है।"राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने बजट को निराशाजनक करार दिया। पवार ने कहा, "बजट में की गई घोषणाएं महज शब्दों का जाल है। असल में कोई कदम नहीं उठाया गया है।"
समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा, "यह पूंजीपतियों के लिए बजट है, न कि गरीबों के लिए।"भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता डी. राजा ने कहा कि यह कारपोरेट के लिए बजट है। राजा ने कहा, "यह कारपोरेटों का बजट है, आम लोगों का नहीं। इसमें ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए आवंटन में कोई पर्याप्त वृद्धि नहीं की गई है।"