पुणे में आज एक थाने की पार्किंग में मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक में विस्फोट होने से एक पुलिसकर्मी सहित तीन लोग घायल हो गए। इस बीच केन्द्र ने पुणे में कम क्षमता वाले विस्फोट को आतंकवादी कृत्य करार देने से इनकार करते हुए कहा कि यह एक मामूली विस्फोट था। पुणे के पुलिस आयुक्त सतीश माथुर ने संवाददाताओं से कहा कि यह कम तीव्रता वाला विस्फोट था और पुलिस आतंकवादी पहलू सहित सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस को आतंकवादी हमले की आशंका है, उन्होंने कहा कि हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस मोटरसाइकिल पर विस्फोटक उपकरण रखा हुआ था, उसके बगल में खड़ा स्कूटर भी क्षतिग्रस्त हो गया। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से बॉल बियरिंग और कीलें भी बरामद की गयी हैं और उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि घायलों में एक सिपाही भी शामिल है। घायलों को मामूली चोटें आयी हैं और सिर्फ एक को अस्तपाल में भर्ती किए जाने की जरूरत हुयी। फारसखाना थाना उस प्रसिद्ध दग्दुसेठ गणेश मंदिर के पास स्थित है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह कुछ समय से आतंकवादियों के निशाने पर है। तीन आतंकवादी मामलों में आरोपी इंडियन मुजाहिद्दीन के संदिग्ध सदस्य कतील सिद्दीकी ने कथित तौर पर 2010 में मंदिर में विस्फोट का नाकाम प्रयास किया था।
26 वर्षीय सिद्दीकी की जून 2012 में अति सुरक्षा वाली यरवदा केंद्रीय जेल में गला घोंटकर हत्या कर दी गयी थी। पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और लोगों से अफवाहों पर भरोसा नहीं करने या नहीं फैलाने की अपील की है। केन्द्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने कहा कि यह एक मामूली विस्फोट था। आप यह क्यों सोच रहे हैं कि यह एक आतंकवादी कृत्य हो सकता है। उनसे संवाददाताओं ने सवाल किया था कि क्या पुणे विस्फोट एक आतंकवादी हमला था। गोस्वामी ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस के महानिदेशक ने उन्हें विस्फोट और वहां की स्थिति के बारे में जानकारी दी थी।
पुणे में एक अगस्त 2012 को कम क्षमता वाले चार समन्वित विस्फोट हुए थे जिनमें एक व्यक्ति घायल हो गया था। शहर में 13 फरवरी 2010 को जर्मन बेकरी में हुए शक्तिशाली विस्फोट में 17 लोग मारे गये थे और 60 से ज्यादा घायल हो गये। इन दोनों हमलों के लिए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन पर आरोप लगाया गया।