अनुसूचितजाति जनजाति के छात्रों की मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम दिया ज्ञापन
झाबुआ ---- छात्रावास बचाओ आन्दोलन समिती के संयोजक डाॅ. विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में विशाल रेली निकालकर जिले के अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रावास में रहने वाले छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर महामहिम राज्यपाल महोदय के नाम एस डी एम श्री अम्बाराम पाटिदार को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौंपने से पूर्व स्थानिय राजवाढ़ा चैक पर जिले के छात्र बड़ी संख्या में एकत्रित हुये तथा वहां से एक विशाल रेली के रूप में नेहरू मार्ग, आजाद चैक, चंद्रशेखर आजाद मार्ग, थांदला गेट, बस स्टेण्ड होतु हुए कलेक्टर कार्यालय पहूंचकर धरना प्रदर्शन किया तथा नारे एवं पोस्टर के माध्यम से उन्होंने अपनी मांगे रखी। इस अवसर पर डाॅ. विक्रांत भूरिया ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारा समाज हमेशा शांतिप्रिय रहा है तथा राष्ट्र के विकास में उसकी भूमिका भी महत्वपूर्ण रही हैं।पूर्व की सरकारों ने हमेशा हम लोगों को अनेक सुविधाएं प्रदान करने का कार्य करा जिससे हम अपनी शक्ति का उपयोग राष्ट्र के साथ में लगा रहे हैं। श्री भूरिया ने मध्यप्रदेश शासन द्वारा अपने आदेश क्रमांक एफ-12-3/2006/25-2/340 भोपाल दिनांक 05.03.2014 द्वारा प्रदेश स्तर पर समस्त पोस्ट मैट्रिक बालक/बालिका छात्रावासों को बन्द करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें मध्यप्रदेश में निवासरत अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लगभग 2.5 लाख आबादी के परिवार के उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी सीधे तौर पर प्रभावित हुये है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपनी तुग्लकी नीति के कारण छात्रावास में पड़ने वाले छात्रों के भविष्य पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। हमने दिनांक 13 जुलाई को भोपाल में जाकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहानजी के नाम हजारों की तादात में उपस्थित होकर ज्ञापन सौंपा था तथा हमारी मांगे मानने को कहा गया था दूसरे दिन छात्र प्रतिनिधि मण्डल को बुलाकर उन्होंने सभी मांगों को मानने का आश्वासन दिया तथा कुछ आदेश दिये जो अभी तक जिला मुख्यालय पर नहीं पहूंचा तथा दो एक दिन पूर्व तथा थांदला के अंदर छात्रों को बेदखल किया गया है। जो अनुचित है। जिले के छात्रों में इन घटनाओं को लकर भारी आक्रोश व्याप्त है।
श्री भूरिया ने अनुसूचितजाति जनजाति के छात्रों की मांगों का समर्थन करते हुए प्रदेश सरकार की कड़ी निन्दा की
झाबुआ --- मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति के छात्र-छात्राएं जो दूर-दराज गांव से आकर छात्रावास में रहकर अध्ययन कर रहे है, उन्हें बिना किसी वजह से अपने तुग्लकी आदेश निकालकर राज्य सरकार द्वारा उन्हें छात्रावास से बेदखल किया जा रहा हैं। छात्रों के सामानों को बेरहमी से बाहर फेंका जा रहा है। तथा उन्हें न तो कोई वेकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की जा रही है। तथा उन्हें बेहाल छोड़ा जा रहा है। जिस कारण प्रदेश के अनुसूचितजाति जनजाति के छात्रों ने भारी आक्रोश व्याप्त है। छात्र द्वारा भोपाल में जंगी प्रदर्शन कर राज्य सरकार के आदेश को निरस्त करने की मांग की है। छात्रों की इन मांगों का समर्थन करते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं मंत्री एवं प्रदेश आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष कांतीलालजी भूरिया ने प्रदेश सरकार की इस कृत्य की घौर निंदा की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति के विद्यार्थियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए छात्रावास खोला गया तथा छात्रों का पढ़ने के लिए समुचित व्यवस्था भी की गई किन्तु पिछले दस वर्षों से छात्रावास की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई वहीं समाज के विद्यार्थियों की बढ़ोतरी हुई है। श्री भूरिया जी ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है । एक तरफ तो वह इस शिक्षा के नाम पर करोड़ों रूपया खर्च कर रही है। वहीं दूसरी ओर विद्यार्थी परेशान हो रहें है। आए दिन नित्य नये घोटाले उजागर हो रहे है। वर्तमान सरकार ने आदिवासी समाज की घौर उपेक्षा की है। वर्तमान सरकार इन छात्रों को सुविधाएं देने के बजाय उन्हें दर-दर भटकने को मजबूर कर रही हैै। उन्होंने शासन से मांग की है की वे अपनी इस तुग्लकी निर्णय को जल्द से जल्द वापस लें अन्यथा पूरे प्रदेश में आदिवासी विकास परिषद इन छात्रों ेकी मांगों को पूरे जोर से उठाकर जमीनी लड़ाई लड़ेगी तथा प्रदेश सरकार की कुंभकर्ण की निंद से जगाएगी।
ज्ञान किताबों में नहीं हमारी आत्मा में विराजित है इसे खोजे - आचार्य रवीन्द्रसूरि
राजगढ़ --- सामुहिक गुरूवंदन के पश्चात् शासनप्रभावक आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. ने आराधको को प्रेरक उद्बोधन देते हुआ कहा कि हमारे पूर्वाचार्य श्री हरिभद्रसूरीश्वर जी म.सा. ने संस्कृत भाषा में श्री धर्मबिन्दु ग्रन्थ की रचना कर हमें जीवन शैली से जीवन जीने का उपकार हमारे जीवन पर किया । आराधक जब जीवन में किसी अच्छे नियम को धारण करता है तो उसे कई उपसर्गो का सामना करना पड़ता है । प्रभु श्री पाश्र्वनाथ भगवान, श्री महावीर स्वामी भगवान को भी कई उपसर्गो को सहना पड़ा आज हम 48 मिनिट की सामायिक को जब धारण करते है हम उसमें भी विचलित हो जाते है हमारा ध्यान भटकने लगता है हम स्वयं को एकाग्र नहीं रख पाते है हमारा मन चंचल है मन की गति बहुत तेज है इस पर अंकुश नितान्त आवश्यक है श्री आदिनाथ प्रभु के समय भी क्रियाऐं वही थी जो आज चल रही है सिर्फ हमारी मनोवृति बदलती जा रही है हम बदल गये है हमें केवलज्ञान, जातिस्मरण ज्ञान भी हो सकता है इसके लिये हमें समय की किमत को पहचाना पडेगा समय की पाबंदी का ख्याल रखे समय की सवेदना को समझे । आचार्यश्री ने आगे कहा शब्द विद्याओं का भण्डार है शब्द के माध्यम से हम ज्ञान की प्राप्ती कर सकते है 45 आगमों में सिर्फ प्रभु की वाणी का भण्डार समाहित है । आत्मा अष्टकर्मो से आच्छादित है उसे प्रकाशमान करने के लिये कर्मो का नाश जरुरी है, तभी आत्मा पर विजय प्राप्त होगी । क्षत्रिय वंश पर दृष्टांत सुनाते हुऐ आचार्यश्री ने कहा कि क्षत्रिय अपना दिया हुआ वचन निभाते है । मेघरथ राजा ने कबूतर की जान बचाने के लिये उसे अभय दान देकर स्वयं को तराजु पर चढा दिया था । वर्तमान के यंत्रवत युग में टी.वी., मोबाईल, दूर संचार, से सारी जानकारी मिल जाती है । ज्ञान हमारी आत्मा में विराजित है ज्ञान किताबों में नहीं है ज्ञान हमारे संस्कार में मौजूद होता है केवली कभी प्रवचन नहीं देते थे उनके पास कोई ग्रंथ नही था वे अपने आत्मज्ञान की खोज के आधार पर अपने श्रावकों एवं जिज्ञासुओं की पिपासा को शांत करते थे एवं जिज्ञासुओं को सचोट उत्तर देते थे । ज्ञान के बाद ही शास्त्रो का जन्म हुआ है। अष्टप्रकारी पूजा के पश्चात् आचार्य श्री हरिभद्रसूरीश्वर जी म. सा. द्वारा रचित ‘धर्मबिन्दु‘ खाचरौद निवासी श्री श्रेणीककुमार जी बापुलाल जी नागदा परिवार द्वारा एवं श्री पुखराजजी केशरीमलजी कंकुचोपडा द्वारा आचार्य श्री भूपेन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. द्वारा संस्कृत भाषा में रचित श्री चंद्रराजा चरित्र आचार्य श्री रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. को वोहराया गया । श्री मोहनखेडा तीर्थ पर दादा गुरूदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसुरीश्वरजी म. सा. की पाट परम्परा के शासनप्रभावक सप्तम पटधर वर्तमान प.पू. गच्छााधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा., ज्योतिषम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म. सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा. शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतप निश्रा में यशस्वी चातुर्मास प्रारम्भ हो चुका है। श्री मोहनख्.ोडा तीर्थ में 1 हजार सें अधिक आराधक आराधना कर रहे है। श्री मोहनखेडा तीर्थ पर चातुमार्स के दौरान 20 जुलाई से श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु के अट्ठम तप की आराधना, श्रावण सुदी 6 से पूर्णिमा तक श्री राजेन्द्रसूरि गुरूतप आराधना एवं एवं श्रावण वदी 7 दिनांक 18 जूलाई सें 45 दिन की सिद्वितप आराधना प्रारम्भ होगी। यहा पर नियमित रूप सें जय तलेटी की यात्रा, भक्तामर पाठ, गुरू चालीसा, चैत्यवंदन, देववंदन, गुरूवंदन, प्रवचन, सामायिक, प्रतिक्रमण, पुजा, अर्जना आदि क्रिया समता के भावो के साथ चल रही है। 17 जुलाई की जय तलेटी यात्रा के संघपती बनने का लाभ श्री श्रेणीककुमार जी बापुलालजी नागदा परिवार खाचरौद वालो ने लिया । आज की जय तलेटी यात्रा के संघपती बनने का लाभ श्री रतनचन्द्रजी नरसिंग जी पावा ने लिया। तीर्थ पर सांकली अट्ठम तपाराधना निरन्तर गतिमान है ।
बाजार मूलक एक्टिविटी मनरेगा में ले आयुक्त श्री पस्तौर ने बैठक में दिये निर्देश
झाबुआ ---हम सब मिलकर झाबुआ के विकास के लिए काम कर रहे। एनजीओ किसान एवं सरकार के विभाग समन्वय से कार्य करे। उक्त निर्देश आज 16 जुलाई को मनरेगा आयुक्त रवीन्द्र पस्तौर ने कलेक्टर कार्यालय में संपन्न बैठक में दिये। बैठक में उन्होने कहा कि झाबुआ की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहाॅ कंपनी बनाकर खेती व्यवसाय करने की आवश्यकता है एक्टिविटी आधारित समूह बनाकर कार्य करवाये। इससे किसानो के उत्पादन को बाजार तक भेजने में बिचैलियों की कमी हो जाने से किसानों का लाभ बढ सकता है और गाॅव में संस्था स्थापित हो जाएगी तो मनरेगा से कार्य दिये जा सकेगे। मनरेगा का 80 प्रतिशत बजट व्यक्तिगत कार्यो पर खर्च होना चाहिए। ग्रामीण विकास विभाग यह सुनिश्चित करे। जाॅब कार्डधारी व्यक्ति मनरेगा की साइट ूूूण्दंतमहंण्दपबण्पद पर अपना जाबकार्ड नम्बर डाल कर मजदुरी प्राप्त करने के लिए मांग कर सकते यदि 15 दिन के अंदर व्यक्ति को पंचायत द्वारा काम नहीं दिया जाएगा,तो उसे बेरोजगारी भत्ता मिलेगा,जो उस अधिकारी से वसूला जाएगा जिसकी वजह से उस हितग्राही को काम नहीं दिया जा सका एवं हितग्राहियों को दिया जाएगा। मजदूरी के भुगतान में यदि 15 दिन से अधिक विलम्ब होगा तो उस में भी विलम्ब कम्पनसेसन दिया जाएगा। यह सब साफ्टवेयर के माध्यम से ही होगा सरपच/सचिव एवं अन्य अधिकारियों की वजह से काम नहीं रूकेगा और ना ही भुगतान रोका जा सकेगा ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत व्यक्ति जहाॅ 100 जाॅब कार्ड धारी है, वहाॅ वह 60 जाॅबकार्ड धारी को 60 दिन काम दिलाएगा तभी उसकी नौकरी रिन्यू होगी नहीं तो बाहर हो जाएगा। फील्ड स्तरीय अधिकारी प्रगतिशील किसानो से चर्चा करे वे क्या चाहते एवं वहाॅ क्या किया जा सकता है। विचार कर गाॅव में काम स्वीकृत करे । बैठक में कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर, मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत धनराजू एस.सहित एनजीओं प्रतिनिधि प्रगतिशील किसान एवं मनरेगा से संबंधित विभागो के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने सभी एनजीओं को निर्देशित किया कि व्यक्ति के जीवन स्तर को सुधारने के लिए आयुक्त महोदय के निर्देशो को इम्पलीमेन्ट करने के प्रयास करे। इसके लिए एनजीओं, शासकीय विभाग एवं किसान मिलकर प्रयास करेगे तभी मनरेगा के कार्यो में सफलता मिल सकेगी। विभागों के समन्वित प्रयासो के साथ मनरेगा से कन्वर्जेन्स कर जिले के विकास की दिशा में कार्य किये जायेगे। इसके लिए प्रगतिशील कृषकों को भी साथ में लेना जरूरी है।
सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत स्वयं सहायता समूहो का सत्यापन करे
- आयुक्त श्री पस्तौर ने सर्वशिक्षा अभियान की समीक्षा की चार बीआरसी पर रूट चार्ट नही बनाने पर होगी कारवाही
झाबुआ ---सर्वशिक्षा अभियान के झाबुआ के प्रभारी एवं मनरेगेा आयुक्त श्री रवीन्द्र पस्तौर ने आज 15 जुलाई को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में सर्वशिक्षा अभियान की जिले की शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा की एवं आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में श्री पस्तौर ने निर्देशित किया कि मध्यान्ह भोजन योंजना में कार्यरत स्वयं सहायता समूह है उन्हें वेरीफाई करवाये, रसोइयन का मानदेय उसके खाते में ही जा रहा है। या नहीं यह वेरीफाई करवाये। समूह को जो खाद्यान्न दिया जा रहा है वह संबंधित को मिल रहा है यह सुनिश्चित करे। आपस में कम्प्यूनिकेश रखे। स्कूलों का निरीक्षण करे कोई भी समस्या हो,तो तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को बताये। शाला प्रबंधन समिति यह ध्यान रखे कि गणवेश गुणवत्ता पूर्ण क्रय की जाये। बीआरसी सभी सीएसी का निरीक्षण रोस्टर बनाकर पालन करवाये। रामा,राणापुर झाबुआ, एवं थांदला के बीआरसी द्वारा निर्देशो के बाद भी सीएसी का रोस्टर निर्धारित अवधि में नहीं दिया गया। इस पर कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर उन्हें बैठक कक्ष से बाहर कर दिया एवं उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिये। जिन सीएसी ने रोस्टर नहीं दिया है। उनको भी कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये जायेगे। मेघनगर एवं पेटलावद बीआरसी के द्वारा भ्रमण रोस्टर शत’प्रतिशत दिये गये। शिक्षक मीडिल और हायर सेकेण्डरी स्कूल में एक माह तक सिर्फ बेसिक कोर्स ही पढाये। अगस्त माह में बच्चों की परीक्षा ली जाएगी। यदि 50 प्रतिशत से औसत कम अंक बच्चों को आते है, तो शिक्षक को वेतन नहीं दिया जाएगा। यदि शिक्षक को भी अपने विषय का ज्ञान नहीं तो स्वयं ट्यूशन ले। शिक्षकों का स्तर का भी परीक्षण किया जाएगा। आयुक्त श्री पस्तौर ने निर्देशित किया कि आप आपस में बात करने के लिए वाटसाप का प्रयोग करे। पालक-शिक्षक की मीटिंग एक माह में एक बार अवश्य करवाये। जो संसाधन आपके पास है उनका बेहतर उपयोग करे । आपकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत धनराजू एस. सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती मोहिनी श्रीवास्तव, प्रभारी डीपीसी महेश पाटीदार, जिला समन्वयक शिक्षा ज्ञानेन्द्र ओझा सहित बीआरसी एवं संकुल प्राचार्य उपस्थित थे।
भ्रमण के दौरान दिये सुधार के निर्देश
आयुक्त श्री पस्तौर ने जिले में सर्वशिक्षा अभियान की गतिविधियों एवं मनरेगा के कार्यो की स्थिति जानने के लिए जिले के कसाडबर्डी पेटलावद, एवं थांदला, स्कूलों का निरीक्षण किया एवं मनरेगा के कार्य देखे। आयुक्त श्री पस्तौर ने भ्रमण के दौरान संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि पुस्तके सभी बच्चों को मिल गई है इसका सत्यापन कर ले। गणवेश एवं साइकिल की राशि सभी बच्चों को मिल गई है। इसका सत्यापन कर ले। मनरेगा में व्यक्तिगत हितग्राही मूलक कार्य भी लिये जाये। जिन संकुलों में पुस्तके आवश्यकता से अधिक आ गई है। वे संकुल प्राचार्य आपस में समन्वय कर जिन स्कूलों में पुस्तक कम है उन स्कूलों कल ही भेजना सुनिश्चित करे।
सात वर्ष से कम सजा के दण्डनीय आपराधिक प्रकरणों में गिरफ्तारी आवष्यक नहीं
- सभी विवेचकों को आवष्यक दिषा-निर्देष दिये गये
झाबूआ---वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0पी0सिंह ने बताया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 41 का संषोधन दिनांक 01 नवंबर, 2010 से लागू हो चुका है, जो कि 07 वर्ष से कम सजा के दण्डनीय आपराधिक प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता संषोधन अधिनियम-2008 द्वारा धारा 41 दण्ड प्रक्रिया संहिता में 07 वर्ष से कम सजा के प्रकरणों में गिरफ्तारी नहीं लिये जाने के संबंध में संषोधन किये गये हैं, जो कि दिनांक 01 नवंबर, 2010 से लागू कर दिये गये हैं। केवल उचित आधार लिखीबद्ध किये जाकर ऐसे प्रकरण, जिनमें 7 वर्ष तक या 7 वर्ष से कम की सजा के दण्डनीय अपराध में भी विषेष परिस्थिति में गिरफ्तारी की जा सकती है किन्तु उक्त आधार विवेचक को गिरफ्तारी मेमो में लिपिबद्ध करना अनिवार्य है। आधार निम्नानुसार रहेंगे:-
- यदि आरोपी द्वारा और अपराध घटित करने की संभावना हो।
- आरोपी से हथियार या चुराया हुआ अन्य माल जप्त किया जाना शेष हो।
- यदि आरोपी द्वारा अपराध से संबंधित साक्ष्य को मिटाने या उससे छेडछाड करने की संभावना हो।
- यदि आरोपी द्वारा अपराध के गवाहों को प्रलोभन, धमकी या आष्वासन देकर साक्ष्य को प्रभावित करने की संभावना हो।
- आरोपी के भाग जाने या फरार होने की पूरी संभावना हो।
- आरोपी से यदि कोई पूछताछ की जाना हो।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिला झाबुआ के समस्त राजपत्रित पुलिस अधिकारी, थाना प्रभारियों एवं चैकी प्रभारियों को यह सुनिष्चित करा दिया गया है कि 07 वर्ष तक या उससे कम दण्डनीय सजा के अपराधों में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की जाये तथा उनको सूचना पत्र चालान के पूर्व लिखित में जारी कर चालान पेषी दिनांक को उपस्थित होने की लिखित सूचना तामील कराई जाये तथा केस डायरी में नोटिस की दूसरी प्रति(आरोपी से हस्ताक्षरित कर) संलग्न कर केस डायरी में उल्लेख किया जाये। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले के अनुविभागीय अधिकारी(पुलिस) को ये निर्देष दिये गये हैं कि वे 07 वर्ष या 7 वर्ष से कम दण्डनीय अपराधों में आरोपी की गिरफ्तारी की समीक्षा करें। यदि किसी विवेचक द्वारा प्रकरणों मे ंअनावष्यक गिरफ्तारी की जाती है तो उसके विरूद्ध रिपोर्ट भेजें। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी पक्ष भी इस ओर ध्यान देवें ताकि दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 41 में हुए संषोधन का पालन कराया जा सके। कोई विवेचक नियम विरूद्ध कार्यवाही न कर सके।
सात वर्ष से फरार स्थाई वारंटी गिरफ्तार
झाबूआ---वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0पी0सिंह ने बताया कि आरोपी कमल कुमार पिता धरमचंद वागरेचा, उम्र 39 वर्ष, निवासी खवासा, थाना थांदला के विरूद्ध थाना पेटलावद कें फौ0प्र0क0 123/2007, 218/09, 280/99, 164/07, 63/08, 445/09, धारा 138 एन.आई. एक्ट के स्थाई वारंट जारी किये गये थे। आरोपी विगत 07 वर्षो से फरार चल रहा था। आरोपी के विरूद्ध माननीय जेएमएफसी न्यायालय पेटलावद ने कुल 06 स्थाई वारंट जारी किये थे। स्थाई वारंटी कमल वागरेचा को दिनांक 15/07/2014 को प्र0आर0 310 मोहम्मद इरफान खांन, प्र0आर0 08 केैलाश, आर0 रमेश, आर0 तानसिंह, तैनात क्राईम ब्रांच झाबुआ टीम द्वारा पकड़ा गया।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि प्रकरण क्रमांक 123/2007 में फरियादी अर्पण कासवा पिता राजेन्द्र कासवा, निवासी बामनिया को 1,00,000/- रू0 का दिया गया चेक बाउंस हुआ था, प्रकरण क्रमांक 164/2007 में फरियादिया निर्मला पति वर्द्वमान जैन, निवासी रायपुरिया को दिया गया 1,00,000/- रू0, प्रकरण क्रमांक 63/2008 में फरियादी विकास, एग्रो एजेंसी रायपुरिया को दिया गया 13,000/- रू0, प्रकरण क्रमांक 218/2009 में फरियादी सुरेश चंद्र पिता शांतिलाल चोरडिया, निवासी बामनिया को दिया गया 80,000/- रू0 , प्रकरण क्रमांक 280/2009 में फरियादी राजेन्द्र पिता शांतिलाल कासवा को दिया गया 96,000/- रू0, प्रकरण क्रमांक 445/2009 में फरियादी अर्पित पिता अनिल को दिया गया 5,000/- रू0 का चेक बाउंस हुआ था।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने स्थाई वारंटी कमल की गिरफ्तारी पर क्राइम ब्रांच झाबुआ की पुलिस टीम को बधाई दी है एवं पुरूस्कृत किये जाने की घोषणा की है।
आरक्षक धनजी को सेवा से बर्खास्त किया गया
झाबूआ---वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0पी0सिंह ने बताया कि आर0 300 धनजी को विभागीय जाॅंच में प्रमाणित पाये गये आरोपों पर आज दिनांक 16/7/2014 से सेवा से बर्खास्त किये जाने के दण्ड से दंडित किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आर0 300 धनजी की ड्यूटी दिनांक 27/9/13 को इंदौर एम0वाय0एच0 में मुल्जिम उपचार सुरक्षा गार्ड में लगाई गई थी, आर0 धनजी को मुल्जिम की सुरक्षा हेतु रायफल एवं राउण्ड भी दिये गये थे परंतु आर0 धनजी इस महत्वपूर्ण ड्यूटी पर नहीं गया, गार्ड इंचार्ज को गलत लोकेशन दिये, महत्वपूर्ण ड्यूटी पर न जाकर शराब का सेवन किया, ड्यूटी पर न जाने का कारण पूछने पर रनि को अशिष्ट जवाब दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 342 दिवस की अनाधिकृत अनुपस्थिति पर आर0 धनजी को विभागीय जांच उपरांत दिनांक 31/5/2007 को सेवा से पृथक किया गया था। उमनि इंदौर रेंज द्वारा उसे अपील में पुनः सेवा में बहाल किया था। 330 दिवस की अनाधिकृत अनुपस्थिति पर आर0 धनजी की पुनः विभागीय जांच आदेशित हुई एवं आदेश दिनांक 31/8/11 द्वारा उसे एक वेतनवृद्धि एक वर्ष के लिये संचयी प्रभाव से अवनत किये जाने के दण्ड से दंडित किया गया। विभागीय जांच प्रस्तावित/आदेशित होने के उपरांत भी आरोपी आर0 बैंक गार्ड पेटलावद से 38 दिवस एवं अन्य ड्यूटी से 15 दिवस गैरहाजिर रहा। संपूर्ण सेवाकाल में वह 751 दिवस(28 मर्तबा) अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहा। गैरहाजिरी व कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही व उदासीनता बरतने पर उसे कई छोटी सजाएं दी गई। सुधार के कई अवसर दिये जाने के उपरांत भी सुधार न होने एवं आर0 का नैतिक पतन होने के कारण आर0 300 धनजी, तैनात र0के0झाबुआ को सेवा से बर्खास्त किये जाने के दण्ड से दंडित किया गया।