राज्य में दो दिन से जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कों के जगह जगह बंद हो जाने से चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हो गया है। चिंता की बात यह है कि मौसम विभाग ने गुरुवार को भी भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है। बाबा रामदेव अपने समर्थकों के साथ गंगोत्री की यात्रा पर हैं। दिन में समाचार चैनलों पर उनके वहां फंसे होने की खबरें चली थीं। लेकिन उत्तरकाशी के जिला प्रशासन और और बाबा के करीबी आचार्य बालकृष्ण ने इन खबरों का खंडन किया है। बाबा गोमुख में यज्ञ करने के बाद शुक्रवार को उत्तरकाशी लौटेंगे।
राज्य के पर्वतीय इलाकों में हो रही बारिश के कारण गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की ओर जाने वाले रास्ते बंद हो गए हैं। इसके चलते यात्रा पर आए श्रद्धालु तो फंसे ही हैं सरकार की चेतावनी को नजरअंदाज कर 450 बच्चों के साथ गंगोत्री गए बाबा रामदेव भी फंस गए हैं। गंगोत्री जाने की बाबा की इस जिद के कारण राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के हाथपांव फूले हुए हैं। वहीं रामदेव के आश्रम का बयान है कि वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं और अगर प्रशासन को लगता है कि उन्होंने कुछ गलत किया है तो वो कार्रवाई करे। बाबा रामदेव को भी इस बात की जानकारी थी कि 16-17 जुलाई के लिए चार धाम यात्रा पर न जाने की सलाह राज्य सरकार ने दी है लेकिन बावजूद इसके वो ना केवल गंगोत्री चले गए बल्कि अपने साथ 450 बच्चों को भी ले गए। फिर वही हुआ जिसका डर था। बाबा तो गंगोत्री धाम में फंस ही गए हैं, उनके साथ बच्चे भी फंस गए हैं।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री इंदिरा हृदेश ने कहा कि इस समय भारी एलर्ट है। मुझे कहीं जाना था लेकिन मैं खुद नहीं गई। मुझे नहीं पता कि वो किन परिस्थितियों में बच्चों को ले गए। मैं जिला प्रशासन से बात करूंगी कि वो उनसे संपर्क करे और उन्हें वही सुरक्षित जगह रखे। उन्हें नीचे लाना तो और खतरनाक हो जाएगा। उन्होंने तो एक लाइन ले रखी है कि वो हमारी सरकार के खिलाफ हैं लेकिन हमारा काम है और हम देखेंगे कि सुरक्षा उनकी भी रहे और बच्चों की भी। डीजीपी बी एस सिद्धू ने कहा कि एडवाइजरी के विपरीत बच्चों को यदि ऐसे क्षेत्र में ले जाया गया है तो निश्चित रूप से इसे सूझबूझ का काम नहीं कहा जा सकता और हम आशा करते हैं कि कोई विपत्ति न आए। लेकिन यदि बच्चों पर कोई विपत्ति आई तो उसकी जिम्मेदारी उन्हें वहां ले जाने वाले की होगी।
राज्य के आपदा एवं प्रबंधन विभाग को समझ नहीं आ रहा कि इन हालात में वो क्या करे। विभाग को बाबा की लापरवाही पर गुस्सा तो है लेकिन वो कुछ करने की स्थिति में ही नहीं है, सिर्फ हालात पर निगाह रखे है। लेकिन विभाग ने ये साफ़ कर दिया है कि स्थिति यदि बेकाबू हुई तो बाबा की खैर नहीं क्योंकि वो इस समय बच्चों के संरक्षक हैं और उन्हें ये अधिकार किसी ने नहीं दिया की वे बच्चो की जान खतरे में डालें। उत्तराखंड आपदा एवं प्रबंधन विभाग के निदेशक पियूष रोटेला ने कहा कि सुरक्षा की जिम्मेदारी तो उसकी है जो उन बच्चों को वहां ले जा रहा है। बाबा के सहयोगी बालकृष्ण ने कहा है कि प्रशासन लोगों को गुमराह कर रहा है। वहां पर मौसम साफ है। सभी जा रहे हैं तो बाबा के जाने पर इतना बवाल क्यों। प्रशासन को अगर लगता है कि बाबा ने सलाह नहीं मानी और कुछ गलत किया है तो बाबा को गिरफ्तार करे। बालकृष्ण ने कहा कि बाबा रामदेव अभी 2 दिन गंगोत्री में ही रहेंगे। वहां पर चल रहे यज्ञ में शामिल रहेंगे। उनके साथ गए सभी लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं।