बाघों पर अब वायरस के हमले और उससे होने वाली मौत के अंदेशे को देखते हुए कान्हा सहित सभी टाइगर रिजर्व में एनटीसीए ने हाई अलर्ट जारी किया है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉर्टी ऑफ इण्डिया (एनटीसीए) के फरमान के बाद सभी अफसर सचेत हो गये हैं. अलर्ट में कहा गया है कि मांसाहारी जीव खासकर लावारिस कुत्तों में पाए जाने वाला कैनाइन डिस्टेंपर वायरस, टाइगर रिजर्व या अन्य वनक्षेत्रों के बाघ पर किसी भी माध्यम से संक्रमण कर सकता है. यह वायरस इतना खतरनाक है कि एक से दो दिन में ही जीव की मौत हो जाती है. हांलाकि अभी तक कहीं भी इस वायरस के हमले से किसी भी बाघ की मौत नहीं हुई है.
एनसीटीए ने कहा है कि किसी भी कुत्ते या बिल्ली की मौत पर होने वाले पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और उसके सैम्पल वाइल्ड लाइफ लैब में पहुंचाना होगा. वायरस के संभावित लक्षण सामने आने पर संबंधित क्षेत्र में पशु चिकित्सा विभाग की मदद से कुत्तों और बिल्लियों में वैक्सीन लगाया जाएगा ताकि यह वायरस किसी भी माध्यम से बाघ तक ना पहुंच सके.
कैनाइन डिस्टेंपर नाम का खतरनाक वायरस कुत्ते और बिल्लियों की सभी प्रजाति में सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस कहलाता है. ये वायरस जानवर के पूरे मस्तिष्क में फैलकर सन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है जिससे पशु को झटके आते है और उसकी जान चली जाती है. इस संबंध में कान्हा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर जे, एस, चौहान ने बताया कि हाई अलर्ट के निर्देश मिले हैं और हमने सभी को सतर्क रहने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि अगर किसी पशु की संदिग्ध मौत होती है तो उसकी रिपोर्ट और बिसरा की जांच की जायेगी.
चौहान ने बताया कि कान्हा में इस वायरस के संक्रमण की अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है.नरेन्द्र कुमार पी,सी,सी,एफ, भोपाल के हवाले से भी इन तथ्यों की पुष्टि की गई है. उनके अनुसार एनटीसीए ने निर्देश दिये हैं और हमने सभी को टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्रों में निगरानी करने को कहा है.