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आलेख :काशी होगा कायाकल्प, बनेगा वल्र्ड हेरिटेज सीटी

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  • यूनेस्कों टीम का सर्वे पूरा, रिपोर्ट मोदी को सौंपी, बीजेपी कार्यालय ही होगा पीएमओं हाउस 
  • चलेगी मेटो रेल, होगा बुनकरों का कल्याण, दुरुस्त होगी सीवर प्रणाली व पेयजलापूर्ति 

वाराणसी गंगा घाट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस अब वल्र्ड हेरिटेज सीटी होगा। इसके लिए यूनेस्कों टीम ने बनारस की हर-गली मुहल्ले व हालात का जायजा लेने के बाद सर्वे रिर्पोट प्रधानमंत्री को सौंप दी गयी है। माना जा रहा है कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 2017 तक योजना को मूर्तरुप में आने के बाद आध्यात्म व सांस्कृतिक नगरी काशी की दिशा-दशा दोनों बदली नजर आयेगी। फिरहाल बीजेपी कार्यालय, नयी दिल्ली में बनारस के पार्टी विधायकों व सीनियर लीडर्स के साथ आयोजित बैठक में बनारस के कायाकल्प करने का रुपरेखा तैयार कर लिया गया। विचार-विमर्श के बाद प्रधानमंत्री ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। अमली-जामा पहनाने का काम भी जल्द ही शुरु होगा। वल्र्ड हेरिटेज सीटी के लिए मोदी ने 1800 करोड़ की योजना बनाई है। 

गंगा के अविरल बहने व निर्मलीकरण के लिए दो हजार करोड़ रुपये का आवंटन हो चुका है। गंगा के साथ इससे जुड़ी अन्य नदियों की भी स्वच्छता के लिए ध्यान रखने की बात कहीं गयी है। शहर की गड़बड़ हो चुकी सीवर व पेयजलापूर्ति को बेहतर बनाने की भी तैयारी है। बुनकर कल्याण के लिए बजट में प्राविधान हो चुका है। बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए सड़क व टैफिक सिस्टम को भी दुरुस्त किया जाना है। बैठक में बीजेपी कार्यालय वाराणसी को पीएमओ हाउस बनाने के साथ ही शहर की साफ-सफाई, गंगा घाटों की सफाई, गंगा निर्मलीकरण, जाम की समस्या को देखते हुए 29 फलाईओवर ब्रिज, नाला, बिजली आपूर्ति, रिंगरोड सहित सड़कों के निर्माण पर विस्तारपूर्वक चर्चा कर रोडमैप को अंतिम रिपोर्ट तैयार कर दी गयी। माना जा रहा है कि सबकुछ ठीकठाक रहा तो वर्ष 2017 तक वाराणसी हेरिटेज सीटी के रुप में विकसित हो जायेगा। इससे न सिर्फ टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बनारसी साड़ी कारोबार में भी चार चांद लग जायेगा। बाबा विश्वनाथ मंदिर की साज सज्जा के लिए मोदी ने साढ़े चार अरब से भी अधिक धनराशि स्वीकृति की है। माना जा रहा है कि मंदिर की सजावट पर्यटकों को लुभाने में कारगर होगा। इससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। 

योजना के अंतर्गत व्यावसायिक दृष्टि से गाजीपुर रोडद्व जौनपुर रोड, एनएच-2 बाईपास धनपालपुर व चुनार रोड पर चार केन्द्र बनाएं जायेंगे। जबकि वाराणसी-गाजीपुर मार्ग से बलुआ घाट जानेे वाले मार्ग व पचकोशी मार्ग पर दो-दो, नरोत्तमपुर कला, कसौली, आशापुर-मुनासी मार्ग, वाराणसी-आजमगढ़ रोड के हरिबल्लमपुर गांव, वाराणसी-भदोही मार्ग के लखनपुरगांव,वाराणसी-इलाहाबाद मार्ग पर एक-एक उपकेन्द्र सहित कुल 11 उपकेन्द्र बनाएं जायेंगे। इसके अलावा कैंट से  लंका 7ण्5 किमी, कैंट से सारनाथ 9ण्5 किमी, डीएलडब्ल्यू से मुगलसराय तक 22ण्5 किमी व कचहरी से बाबतपुर तक 18 किमी भूमिगत यानी मेटो रेल चलाए जाने की योजना है। सारनाथ, कैंट रेलवे स्टेशन गोदौलिया पुराना तांगा स्टैंड, बेनियाबाग, डीएलडब्ल्यू व कचहरी के पास पार्किंग स्थल तथा इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग, चुनार मार्ग, वाराणसी-सिंधौरा मार्ग, बनियापुर व ब्राहृमनपुर गांव में बस स्टैंड बनाएं जाने की योजना है। जलनिकासी व्यवस्था बेहतर करने के लिए सीवर व नाला निर्माण को मंजूरी दी गयी है।  




---सुरेश गांधी---

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