भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की इस्लामाबाद में आगामी 25 अगस्त को बैठक होगी, जिसमें द्विपक्षीय संबन्धों को आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा. दो साल पूर्व रोक दी गई वार्ता के बाद से द्विपक्षीय वार्ता में कोई प्रगति नहीं हुई है. विदेश सचिव सुजाता सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद के बीच टेलीफोन पर हुई वार्ता के बाद नयी दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों जगह एक साथ इस बैठक की घोषणा की गई.
मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के यहां आने के बाद दोनों नेताओं में इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों देशों के विदेश सचिव देखेंगे कि द्विपक्षीय संबन्ध कैसे आगे बढ़ाये जाएं. शपथ ग्रहण समारोह के बाद दोनों नेताओं में 45 मिनट तक सकारात्मक द्विपक्षीय वार्ता हुई थी. भारत पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बैठक संबंधी निर्णय की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'दोनों विदेश सचिवों के बीच फोन पर बातचीत हुई. इस दौरान उन्होंने आगे बढ़ने के तरीकों पर भी चर्चा की. टेलीफोन पर हुई वार्ता के आधार पर उन्होंने तय किया कि वे 25 अगस्त को इस्लामाबाद में मिलेंगे.'
प्रवक्ता ने कहा, चूंकि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं, विदेश सचिव सुजाता सिंह ने इस अवसर का उपयोग मुद्दे को उठाने के लिए किया. उनके मुताबिक, सुजाता सिंह ने कहा, 'इस प्रकृति की घटनाएं उन सकारात्मक कार्यों में विघ्न उत्पन्न करेंगी, जिन्हें करने को दोनों देशों के नेता इच्छुक हैं.'प्रवक्ता ने कहा, 'उन्होंने (सुजाता सिंह) दोहराया कि हिंसा और सीमा पर गोलियों की आवाज के साथ दोनों देशों के बीच अर्थपूर्ण सहयोग नहीं हो सकता है. हमारे और पाकिस्तान के लिए नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना विश्वास बहाली का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है.'
भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित गैस पाइपलाइन की स्थिति के संबंध में पूछने पर प्रवक्ता ने कोई सीधा उत्तर नहीं दिया और कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच सहमति के बाद राजनयिक स्तर पर पहला संपर्क आज हुआ जबकि विदेश सचिव सुजाता सिंह ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से टेलीफोन पर बातचीत की.
पूछने पर कि क्या नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी बंद होने पर ही वार्ता प्रक्रिया फिर से शुरू होगी, प्रवक्ता ने कहा कि अभी इस मामले में टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. बैठक के संबंध में जारी अपने बयान में पाकिस्तान सरकार ने कहा है, 'अच्छे पड़ोसी संबंधों को बढ़ाने के दोनों प्रधानमंत्रियों के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देते हुए विदेश सचिवों में इसपर सहमति बनी है कि दोनों देशों के बीच वार्ता प्रक्रिया का कुछ परिणाम निकलना चाहिए.'