उत्तर प्रदेश की राजधानी के समीप मोहनलालगंज के एक स्कूल में एक महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश सरकार ने अपना पल्ला छाड़ते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश कर दी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मंजूरी मिलते ही गृह विभाग ने सीबीआई जांच के लिए केंद्र को पत्र भेजा है। फोरेंसिक रिपोर्ट शनिवार को आई थी, जिसमें महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि दुष्कर्म का सिर्फ प्रयास किया गया। पुलिस की जांच से असंतुष्ट पीड़ित परिवार सीबीआई जांच की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठा था और विपक्षी दल मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे।
पुलिस की जांच रिपोर्ट 20 जुलाई को आई थी। इसके बाद से पुलिस की कार्रवाई पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठा। रिपोर्ट में महिला के शरीर में दोनों किडनी होने की बात सामने आई थी, जबकि परिवार का कहना है कि महिला ने अपनी एक किडनी पति को दी थी।
केजीएमयू के शवगृह में बीते गुरुवार को पांच डॉक्टरों के पैनल ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम किया था। मृतका के पिता का कहना है कि यह रिपोर्ट सरासर गलत है। उनकी बेटी ने अपनी एक किडनी अपने पति को दी थी। उसका ऑपरेशन एसजीपीजीआई अस्पताल में 20 अक्टूबर 2011 को हुआ था। लगभग एक महीना बाद 15 नवंबर 2011 को उसके पति की मौत हो गई थी। फोरेंसिक रिपोर्ट में महिला के नाखून से पता चला है दुष्कर्म में एक से अधिक लोग शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि 16 जुलाई को मोहनलालगंज के बलसिंहखेड़ा गांव स्थित प्राइमरी स्कूल में महिला का निर्वस्त्र और खून से लथपथ शव पड़ा मिला था। घटनास्थल से कुछ दूरी पर उसके कपड़े झाड़ियों में मिले थे। उसके शरीर पर 12 जगह धारदार हथियार से वार किए गए थे। उसके गुप्तांगों पर भी वार किए गए थे। इस मामले में पुलिस ने बलसिंह खेड़ा निवासी सिक्युरिटी गार्ड रामसेवक को आरोपी मानकर उसे गिरफ्तार किया था। राज्य महिला आयोग ने घटनास्थल का दौरा किया था और तत्कालीन राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी ने भी पोस्टमार्टम व पुलिस की रिपोर्ट पर संदेह जताया था।