गुलाबी नगरी जयपुर में साहित्य महोत्सव का आगाज डिग्गी पैलेस में शुक्रवार से शुरू हो रहा है. इस साहित्य महाकुंभ में दुनिया भर के नामचीन साहित्यकारों के शामिल होने की उम्मीद है. एशिया के सबसे बड़े साहित्यिक फैस्टिवल में नोबल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन मुख्य वक्ता होंगे. समारोह में नोबल पुरस्कार प्राप्त हैरल्ड वारमस, पुलित्जर विजेता लेखिका झुंपा लाहिड़ी और टैश ऑ, एलिसन मैकलॉड, जिम क्रेस समेत अमेरिकी उपन्यासकार जॉनथन फ्रेंजेन जैसे प्रमुख लेखक और ब्रितानी इतिहासकार एंटनी बीवर, महिलावादी लेखिका ग्लोरिया स्टीनेम, बॉलीवुड कलाकार इरफान खान, ओलिंपिक पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम और गीतकार जावेद अख्तर एवं प्रसून जोशी शामिल होंगे. इस समारोह में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, इतिहास, पर्यावरण, मानव प्रकृति, क्षेत्रीय साहित्य, कला, फोटोग्राफी, बॉलीवुड, थियेटर और यात्र से जुड़े लगभग 240 लेखकों की शिरकत करेंगे और इसमें साहित्य जगत का एक बड़ा हिस्सा कवर किया जाएगा.
समारोह की सह-निदेशक नमिता गोखले ने कहा ‘जेएलएफ के शुरुआती दिनों से साहित्य की दुनिया में काफी बदलाव हुए हैं. परिवर्तन के इन वर्षो में सजीव किताबों का रंगरूप बदलकर डिजिटल प्रारूपों में समा गया है. उन्होंने कहा, यह समारोह अनुभव कहने, सुनने और एक दूसरे की कहानियों को समझने की जरूरत पर आधारित है. हर साल हम जयपुर में साहित्यिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक ऊर्जाओं को जीवंत रूप में लाने का प्रयास करते हैं.’
इस पांच दिवसीय समारोह में इस बार विश्व में भाषाओं के संकट पर विशेष सत्र होगा. इसके तहत उन भाषाओं की चर्चा होगी जो संकट से जूझ रही हैं. अंडमानी भाषा से लेकर अलास्की भाषा पर विशेष सत्र होंगे. साथ ही आम चुनाव से पहले देश के राजनीतिक मूड पर भी बहस होगी. वहीं आम आदमी पार्टी से लेकर 2014 की तस्वीर पर डेमोक्रेसी डायलॉग के नाम से विशेष सत्र होंगे. इन सेशन में चर्चा के लिए आप से लेकर कई दलों के नेता भी शामिल होंगे. वर्ष 2006 में हुई शुरुआत के बाद से पांच दिवसीय यह समारोह साहित्य की दुनिया के लिए एक बड़ा समारोह बन चुका है.