स्कूली विद्यार्थियों को दूध पिलाकर योजना का शुभांरभ
शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत्् विद्यार्थियों के लिए अब मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ दूध मिलने लगा है। विदिशा जिले को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चयन उपरांत विद्यार्थियों को दूध वितरण का शुभारंभ एक अगस्त को ग्राम कुंआखेड़ी के प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में अतिथियों द्वारा किया गया और मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम को स्कूली बच्चों के साथ भोजन कर गुणवत्ता का परीक्षण किया। शुभांरभ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुनीता सोनकर ने कहा कि इस नवीन योजना से बच्चे लाभंावित होगे। जिससे उनके शारीरिक एवं बौद्धिक विकास में मदद मिलेगी। विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने सभी वर्गो के हितों को ध्यानगत रखते हुए योजनाएं प्रारंभ कराई है इस नवीन योजना से जहां बच्चों को मनपसंद स्वादानुसार दूध मिलेगा वही पहले उन्हंे शैक्षणिक तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जा रही थी। कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने इस अवसर पर बच्चों से कहा कि वे नियमित स्कूल आएं और अध्ययन के क्षेत्र में अपना एवं जिले का नाम रोशन करें। उन्होंन कहा कि विदिशा जिले को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चयन किया गया है निश्चित ही यह तारीफे काबिल है। जिले के बच्चों को अब मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ दूध भी मिलेगा जो उनके लिए लाभदायी सिद्ध होगा। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए अभिनव प्रयास की शुरूआत विदिशा जिले से हुई है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाने में भी योगदान दंे। जिला पंचायत सीईओ श्री शशिभूषण सिंह ने कहा कि एक महीने के पश्चात्् पायलेट प्रोजेक्ट की रिपोर्ट शासन को प्रेषित करनी है। अतः पूर्ण ईमानदारी के साथ शिक्षकगण अन्य दायित्वों के अलावा उक्त दायित्व का भी निर्वहन करें। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विकासखण्ड के दो-दो स्कूलों मंे अध्ययनरत विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण योजना प्रारंभ होने के पूर्व किया गया है और योजना समाप्ति के उपरांत पुनः उन सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा ताकि दूध वितरण के उपरांत बच्चों के स्वास्थ्य जिसमें खासकर हीमोग्लोबिन और कैल्शियम में क्या परिवर्तन आए है का भी शासन को प्रेषित की जाने वाली रिपोर्ट में उल्लेख किया जाएगा।
गुणवत्ता का परीक्षण
कार्यक्रम के दौरान विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी ने बच्चों को प्रदाय किए जाने वाले दूध की गुणवत्ता का परीक्षण वितरित किए जाने वाले दूध को पीकर किया और कहां की दूध बहुत बढि़या है।
अच्छी पहल
ग्यारसपुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम अटारीखेजडा की माध्यमिक शाला में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री छत्रपाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की यह अच्छी पहल है। अनुविभागीय राजस्व अधिकारी श्री मनोज कुमार वर्मा ने कहा कि निश्चित ही इस नवीन पहल का बच्चों में असर दिखेगा। उन्होंने प्रतिदिन स्कूल आने की बात बच्चों से कही। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकार की परेशानी हो तो वे मुझे अवगत करा सकते है। वही शिक्षकों से उन्होंने कहा कि वे अपनी देखरेख में दूध तैयार करवाएं। दूध की गुणवत्ता परखने के बाद छात्र-छात्राओं को वितरित करवाएं। कार्यक्रम को बीआरसी श्री लक्ष्मण सिंह यादव ने भी सम्बोधित किया। ज्ञातव्य हो कि विदिशा जिले मेें दुग्ध संघ के द्वारा मिल्क पावडर प्रदाय किया गया है जिसमंे प्राथमिक स्कूल के प्रत्येक बच्चे को सौ ग्राम और माध्यमिक विद्यालय के हर एक बच्चे को डेढ सौ ग्राम के मान से दूध देने की कार्यवाही शुरू हो गई है। बच्चो में रूझान बढे़ और वे हष्ट-पुष्ट हो इसके लिए दूध के फ्लेवर का भी ध्यान रखा गया है। जिसमें चाकलेट, बनेला एवं रोज इत्यादि फ्लेवर शामिल है। डीपीसी श्री विनोद चैधरी ने बताया कि जिले की शासकीय प्रायमरी एवं मीडिल स्कूल कुल 2686 में दर्ज दो लाख 27 हजार 40 बच्चों को उक्त नवीन योजना से लाभांवित किया जा रहा है। कार्यक्रम स्थल पर जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीसी के अलावा संस्थान के गुरूजन और विद्यार्थी मौजूद थे।
अवैध उत्खननकर्ताओं पर अर्थदण्ड आरोपित
विदिशा अनुविभाग क्षेत्र में अवैध उत्खनन करने वालो के खिलाफ दर्ज दो प्रकरणों मंे सुनवाई अनुविभागीय राजस्व अधिकारी श्री एके सिंह द्वारा की गई है। उनके द्वारा संबंधितों पर बाजार मूल्य से चार गुना अधिक अर्थदण्ड आरोपित करने के आदेश जारी किए गए है। ज्ञातव्य हो कि नायब तहसीलदार एवं खनिज अधिकारी के प्रतिवेदन पर विनोद सिंह पुत्र प्रभुलाल दांगी निवासी मिर्जापुर के द्वारा ग्राम कराखेडी में शासकीय भूमि पर अवैधानिक रूप से गौण खनिज मुरम का उत्खनन करने पर खनिज अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही के प्रतिवेदन पर 15 लाख 97 हजार 680 रूपए का अर्थदण्ड आरोपित किया है। इसी प्रकार मैसर्स डल्लू कस्ट्रक्शन कंपनी भोपाल के मैनेजर गोविद पुत्र हीरालाल गुप्ता निवासी राजीवनगर विदिशा के द्वारा ग्राम खरबई में निजी भूमि स्वामित्व की भूमि से मिट््टी का उत्खनन करने पर उनके खिलाफ बाजार मूल्य से दुगना अर्थदण्ड 52 हजार 488 रूपए के आदेश पारित किए है। दोनो प्रकरण मेंे खनिज अधिकारी को निर्देश दिए गए है कि आरोपित अर्थदण्ड की वसूली कार्यवाही शीघ्र करंे।
विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज का दौरा कार्यक्रम
केन्द्रीय विदेश मंत्री एवं स्थानीय सांसद श्रीमती सुषमा स्वराज दो अगस्त को कार से विदिशा आएगी। विदेश मंत्री श्रीमती स्वराज प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार दो अगस्त की प्रातः 9.15 बजे भोपाल से प्रस्थान कर साढे 10.30 बजे विदिशा आएगी और यहां प्रातः 10.45 बजे हरिपुरा में स्थित जैन मंदिर शीतलधाम पहुंचेगी इसके पश्चात्् प्रातः 11 बजे से सर्किट हाउस विदिशा में आमजनों से भेंट करेगी और कार द्वारा दोपहर 1.15 बजे विदिशा से भोपाल के लिए प्रस्थान करेगी।
खादी मेला का आयोजन आज से, उत्पादको पर 20 प्रतिशत की छूट
खादी ग्रामोद्योग एवं विन्ध्या वैली उत्पादको की प्रदर्शनी पर आधारित खादी मेला का आयोजन दो अगस्त से विदिशा के अग्रवाल धर्मशाला में किया गया है जो सात अगस्त तक जारी रहेगा। मेले का शुभारंभ विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी द्वारा शाम पांच बजे किया गया है। कार्यक्रम स्थल पर कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री राकेश अग्रवाल, बोर्ड की प्रबंध संचालक श्रीमती सुधा चैधरी समेत अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। केन्द्रीय खादी वस्त्रागार के मैनेजर ने खादी मेला के संबंध में बताया है कि इस मेले में विभिन्न कलर एवं डिजायन में सिल्क साडिया, डेªस मटेरियल खादी के कुर्ते, पायजामे, जाकेट, बेडशीट, दरी, गमछा, टावल, लुंगी, धोती, लेडीज सलवार सूट, शार्ट कुर्ते, डेªस मटेरियल, विन्ध्या वैली के समस्त उत्पाद- मसाले, शेम्पू, अगरबत्ती, शहद इत्यादि बिक्री हेतु उपलब्ध रहेंगे। कच्ची धानी का शुद्ध सरसोे का तेल भी उपलब्ध होगा। इस मेले में रक्षाबंधन के त्यौहान को ध्यानगत रखते हुए सिल्क साडियों एवं खादी वस्त्रों एवं विन्ध्या वैली उत्पादांे पर 20 प्रतिशत का डिस्काउट भी दिया जा रहा है।
अनुपस्थित कर्मचारियों को शोकाॅज नोटिस
शासकीय कार्यालयों में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी तय समय पर उपस्थित होना सुनिश्चित करें के निर्देश पूर्व में ही कलेक्टर श्री एमबी ओझा द्वारा जारी किए गए है। कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने एक अगस्त को वंदे मातरम् गायन के उपरांत कलेक्ट्रेट परिसर के कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश अधीक्षक श्री खेमचंद अहिरवार को दिए। निरीक्षण के दौरान 34 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। जिन्हें कारण बताओं पत्र जारी किए गए है। निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए कर्मचारियों में से कलेक्टेªट के सात, भू-अभिलेख शाखा के छह, जिला कोषालय के आठ, जिला पंजीयक कार्यालय के सभी तीन और तहसील कार्यालय के दस कर्मचारी शामिल है।
जिले में अब तक 404.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज
विदिषा जिले में इस साल अब तक 404.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। वही गतवर्ष उक्त अवधि तक 1028.7 मिमी औसत वर्षा हुई थी। तहसीलो में स्थापित वर्षामापी यंत्रो पर अब तक दर्ज की गई वर्षा की जानकारी इस प्रकार से है। विदिषा में 482.4 मिमी, बासौदा में 415.2 मिमी, कुरवाई में 403.6 मिमी, सिरोंज में 232.6 मिमी, लटेरी में 384 मिमी, ग्यारसपुर में 447 मिमी, गुलाबगंज में 535 मिमी और नटेरन तहसील में 334 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है। शुक्रवार की प्रातः आठ बजे तक जिले में 21 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है इस दिन विदिशा में 29 मिमी, बासौदा मेें 18 मिमी, कुरवाई 72 मिमी, सिरोंज में 11 मिमी, ग्यारसपुर में 15 मिमी, गुलाबगंज में 9 मिमी, लटेरी में चार मिमी और नटेरन में 10 मिमी वर्षा हुई है।
‘‘आत्मा परियोजना की पहल - कृषि तकनीकी ने जीता किसानों का दिल‘‘
जिले में पिछले 2 वर्षों से सोयाबीन की फसल में अतिवर्षा के कारण उत्पादन न होने से कृषकों के बीच बड़ी निराषा हो रही है। उल्लेखनीय है कि अतिवर्षा के कारण खेत में रूका हुआ पानी पौधों की शुरूआती अवस्था में सोयाबीन को नष्ट कर देता है, वहीं फूल वाली अवस्था में वानस्पतिक वद्धि बढ़ने से पौधों में फूल व फली कम बनती हैं तथा उत्पादन कम हो जाता है। इसी को देखते हुये श्री एम.एम. उपाध्याय कृषि उत्पादन आयुक्त, म.प्र. भोपाल की अध्यक्षता में दिनांक 30.04.2014 को आयोजित बैठक में क्लस्टर में प्रदर्षन मुख्य सड़क पर लगाने एवं किसानों को रिज एण्ड फरो तथा रेज्ड बैड पर सोयाबीन लगाने हेतु प्रेरित करने के निर्देष के अनुसरण में श्री एम.बी. ओझा, कलेक्टर जिला विदिषा के मार्गदर्षन में कृषि महाविद्यालय सीहोर के सोयाबीन वैज्ञाानिक डाॅ. एम.डी. व्यास, समन्वित सोयाबीन अनुसंधान परियोजना से चर्चा कर प्रदर्षन हेतु कार्ययोजना तैयार की गई। इसी कार्ययोजना के तहत आत्मा परियोजना द्वारा विकासखण्ड ग्यारसपुर के ग्राम अटारीखेजड़ा, मढ़ीपुर, पीपलखेड़ी .में रेज्ड बैड पद्धति से कृषि प्रदर्षन डलवाये गये। प्रदर्षन अंतर्गत बुवाई 29 जून को की गई, क्षेत्र में कृषकों से पूर्व चर्चा व प्रेरणा के कारण मानौरा मेला के दिन भी कृषकों ने प्रदर्षन आयोजन में पूरे उत्साह से भाग लिया। मुख्य सड़क मार्ग पर सोयाबीन प्रदर्षन होने के कारण बड़ी संख्या में मार्ग से गुजरने वाले कृषकों ने भी तकनीेक को समझने एवं प्र्रत्यक्ष परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
सोयाबीन बुवाई की रेज्ड बैड पद्धति:
रिज बैड पद्धति से बुवाई करने के लिये रिज बैड प्लान्टर की आवष्यकता होती है। इसमें खाद एवं बीज के लिये दो प्रथक-प्रथक पेटी होती हैं। इस पद्धति से बुवाई करने पर खाद बीज के नीचे डलता है जिससे पौधा खाद का उपयोग जल्दी कर लेता है। इस प्लान्टर से बुवाई करने पर खेत में दो बैड बनती हैं जिसमें एक बैड पर फसल की दो कतार होती हैं तथा दो बैड के बीच एक नाली होती है जिससे वर्षा का अधिक जल बह कर खेत से बाहर निकल जाता है। रेज्ड बैड प्लान्टर से बुवाई रिज-फरो पद्धति का और उन्नत रूप है। जहां रिज-फरो पद्धति में अधिक वर्षा में कूड़ मिट जाती है वहीं रेज्ड-बैड प्लांटिंग में मेढ़ एंव नाली फसल कटाई तक बनी रहती हैं। इस पद्धति में कम वर्षा की स्थिति में जल का संरक्षण नालीयों में होता है वहीं अधिक वर्षा की स्थिति में जल निकासी सफलतापूर्वक हो जाती है। खेत में अधिक समय तक नमी का संरक्षण बीज दर में कमी एवं उत्पादन में 20 से 25 प्रतिषत तक वृद्धि होती है। रेज्ड बैड प्लांटर से सोयाबीन, गेहूं, एवं चना की बुवाई भी की जा सकती है। रेज्ड बैड प्लांटर के द्वारा विकासखण्ड ग्यारसपुर के ग्राम मढ़ीपुर में मढ़ीपुर जोड़ पर स्थित बृजवासी ढावा के दांयें-बांये एवं सामने रेज्ड बैड प्लांटर के द्वारा खेत में बुवाई की गई है। आत्मा परियोजना द्वारा की गई प्रदर्षन की बुवाई कीे फसल अधिक एवं लगातार वर्षा की स्थिति में भी बहुत अच्छी स्थिति में है वहीं प्रदर्षन से लगे खेत की फसल लगभग पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। ग्राम पीपलखेड़ी में आत्मा अंतर्गत डाले गये प्रदर्षन की स्थिति भी ऐसी ही है। जहां कृषक अपनी पद्धति से बोयी गई फसल को देख कर मायूस हो रहे हैं वहीं आत्मा परियोजना द्वारा रेज्ड बैड पद्धति से डाले गये प्रदर्षन की काफी सराहना कर रहे हैं। पीपलखेड़ी जोड़ पर डाले गये प्रदर्षन की स्थिति भी बहुत अच्छी है। यहां पर कृषक विजय सिंह के यहां प्रदर्षन डाला गया है। कृषक के पास कुल 25 वीघा जमीन है जिसमें से एक एकड़ (लगभग 2 वीघा) खेत में आत्मा परियोजनान्तर्गत डाले गये प्रदर्षन की फसल ही बची हुई है शेष खेत की फसल अधिक एवं लगातार वर्षा के कारण नष्ट हो चुकी है। कृषक विजय सिंह बहुत ही मायूस होकर बताते हैं कि ‘‘साहब आत्मा द्वारा प्रदर्षन न डाला गया होता तो मुझे तो अगले साल के लिये सोयाबीन बीज भी उपलब्ध नहीं हो पाता‘‘।
सोयाबीन पाठषाला का आयोजन -
ग्राम पीपलखेड़ी में ही कृषक तुलसीराम साहू के खेत पर कृषक पाठषला का आयोजन किया जा रहा है। कृषक पाठषाला अंतर्गत 1 हैक्टेयर (लगभग 5 वीघा) में रेज्ड बैड पद्धति द्वारा प्रदर्षन डाला गया है।पाठषाला में अभी तक दो प्रषिक्षण आयोजित हो चुके हैं, जिसमें 26 किसान उन्नत तकनीकी के संबंध में फसल अवस्था अनुसार तकनीकी जानकारी एवं सलाह प्राप्त कर रहे हैं। कृषक तुलसीराम भी कहते हैं ‘‘आत्मा द्वारा डाले गये प्रदर्षन की फसल मेरे द्वारा बोयी गयी फसल से बहुत अच्छी है‘‘। पाठषला में अचीवर कृषक स्वयं जैविक खेती का प्रयोग कर रहे हैं एवं अन्य कृषकों को जैविक खेती अपनाने हेतु प्रोत्साहित कर रहे हैं।
सोयाबीन बुवाई की रेज्ड बैड पद्धति के संबंध में कृषकों के विचार -
‘‘साहब हमारे तरीेके से आपका तरीका अच्छा है। इसमें अधिक पानी होने पर भी सोयाबीन की फसल अच्छी है‘‘। ‘‘ मेरे 25 बीघा खेत में से सिर्फ आपके द्वारा डाला गया प्रदर्षन की सोयाबीन ही बची है बाकी खेत की फसल नष्ट हो चुकी है‘‘। ‘‘साहब मैंने पहली बार इतनी अच्छी फसल देखी है इतनी ज्यादा बारिष होने पर भी। बाकी हमारे सभी खेत की फसल आपकी बुवाई से कमजोर है‘‘। ‘‘आपकी बोनी और हमारी बोनी में अंतर है। दोनों बोनी साथ में होने पर भी आपके प्रदर्षन का सोयाबीन काफी बड़ा है और हमारा छोटा हैै‘‘। ‘आपकी बुवाई वाली मषीन अगले वर्ष हमें खरीदना है। यह अधिक वर्षा मंें सोयाबीन फसल की बोनी के लिये अच्छी है‘‘।‘‘मैं एक छोटा कृषक हूं। मषीन लेने की हिम्मत तो नहीं है। मगर दूसरे की मषीन से अगले वर्ष बोनी करवाऊंगा। मुझे इसकी फसल अच्छी समझ में आई, इस फसल में औ र हमारी फसल में बहुत ज्यादा अंतर है, इसका पौधा मजबूत है‘‘।
कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि अधिकारियों द्वारा प्रदर्षनों का अवलोकन -
आत्मा परियोजना, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला विदिषा की गतिविधियों का अवलोकन, सामयिक सलाह एवं समस्या निवारण हेतु दिनांक 25.07.2014 को भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल के कृषि वैज्ञानिक श्री आनंद विष्वकर्मा एवं श्री ए.के. सिन्हा द्वारा ग्यारसपुर विकासखण्ड का भ्रमण कर कृषकों से चर्चा की। वर्षा के पेटर्न को देखते हुये सोयाबीन बुवाई की रेज्ड बैड पद्धति को कृषकों ने स्वीकार किया कि अब क्षेत्र में अगली बार केवल इसी पद्धति से बुवाई होगी। कतारों की दूरी बढ़ने एवं खाद बुवाई के समय देने से प्रदर्षन के पौधे तंदरूस्त हैं। दिनांक 31.07.2014 को मैनेज, हैदराबाद से डाॅ. के.सी. गुम्मागोलमथ, उप संचालक (निगरानी एवं मूल्यांकन) तथा श्री बी.एल. बिलैया, उप संचालक कृषि जिला विदिषा द्वारा विदिषा के ग्राम मिर्जापुर तथा ग्यारसपुर के ग्राम पीपलखेड़ी में कृषकों से चर्चा की गई। श्री बिलैया द्वारा पाठषाला में नियमित आने, स्वयं का बीज तैयार करने एवं जैविक खेती को अपानाने का आग्रह कृषकों से किया गया। डाॅ. गुम्मागोलमथ द्वारा कृषकों से सामूहिक एकता से खेती एवं विपणन कार्य कर खेती को लाभकारी बनाने पर चर्चा की तथा रेज्ड बैड पर सोयाबीन के संबंध में कृषकों के विचार जाने।
सोयाबीन बुवाई की रेज्ड बैड पद्धति के संबंध में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि अधिकारियों के विचार-
‘‘विदिषा जिले में खरीफ मौसम में सोयाबीन प्रमुख फसल है। रेज्ड बैड पद्धति से सोयाबीन की खेती लाभप्रद है‘‘। ‘‘विदिषा में रेज्ड बैड पर सोयाबीन लगाने की पद्धति से कृषक बहुत उत्साहित हैं। तकनीकी को सही ढंग से प्रस्तुत करने से कृषकोें ने इसको अपनाया है‘‘। ‘‘सोयाबीन की रेज्ड बेड पद्धति को अपनाकर कृषक कम या अधिक वर्षा की स्थिति में भी अच्छा अंकुरण एवं उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं‘‘। ‘‘क्षेत्र में विगत तीन वर्षों से अधिक वर्षा होने के कारण सोयाबीन का अंकुरण न होने एवं जलभराव के कारण सोयाबीन की फसल नष्ट होने से किसान चिंतित रहता है। वर्तमान में आत्मा परियोजना अंतर्गत जिले में कृषक प्रदर्षन आयोजित कर सोयाबीन खेती में समस्याओं का निराकरण प्रदर्षन एवं पाठषाला के माध्यम से कृषकों के खेतों में किया जा रहा है। कृषकों ने तकनीकी को स्वीकार किया है‘‘।