केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कोसी नदी से फिलहाल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार राष्ट्रीय संकट प्रबंधन कमेटी (एनसीएमसी) के जरिए स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, "नेपाल के भूतकोशी नदी पर कृत्रिम रूप से बने जलग्रहण इलाके से पानी के धीमी गति से छोड़े जाने और धारा की प्रतिकूल दिशा बहने वाले इलाके में बारिश के अभाव के कारण हमें तत्काल कोई खतरा नजर नहीं आ रहा।"
यह कहा जा रहा है कि नेपाल के बहराबाइस, पचुआरघाट और चतरा में जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। भारत के बीरपुर, बासुआ, बालतारा और कुरसेला में जलस्तर देखने के बाद कोसी नदी में बाढ़ का खतरा नजर नहीं आ रहा है। इस बीच, केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को हर संभव मदद देने का वादा किया है।
बयान के अनुसार, "सेना और संयुक्त टीमों की तैयारी के मद्देनजर हेलीकॉप्टर और कार्गो विमान पुर्निया बेस पर मौजूद हैं, भारतीय नौसेना के गोताखोरों की 15 टीम विशाखापट्टनम में मौजूद हैं। नेपलीज वाटर कमिशन केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) से लगातार संपर्क में और आने वाले समय में किसी तरह चिंता की बात नहीं है, तैयारियों को बढ़ाने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।"
इधर, बिहार सरकार ने भी एहतियातन कदम उठाए हैं, ताकि 2008 के कोसी बाढ़ की विभीषिका की पुनरावृत्ति न हो। प्रशासन ने 65,063 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है, जिन्होंने 128 शिविरों में शरण लिया है। 2203 मवेशियों को भी 32 शिविरों में रखा गया है। सचिव स्तर के अधिकारी को उन जिलों का प्रभारी बनाया गया है जहां बाढ़ का खतरा मौजूद है। गौरतलब है कि नेपाल के कुशहा बांध में आई दरार से 2008 में बिहार बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ी थी।