नेपाल में भूस्खलन के कारण कोसी नदी के मार्ग में आए अवरोध को सोमवार को विस्फोट के जरिए नहीं हटाया जाएगा। नेपाल के तराई वाले इलाकों में सोमवार को बारिश नहीं हुई, जिससे स्थिति नियंत्रण में है, इसलिए कोसी का जलस्तर तुरंत बढ़ने की आशंका नहीं है। बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास ने सोमवार को बताया कि कोसी में बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है, लेकिन राहत वाली बात यह है कि आज (सोमवार) नेपाल में विस्फोट कर अवरोध को हटाया नहीं जाएगा। इसके अलावा नेपाल में भी अब बारिश थम गई है और नदी का जलस्तर बढ़ने की आशंका नहीं है।
उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में आपदा प्रबंधन की पूर्व तैयारी करने के लिए अब अतिरिक्त समय मिल गया है। प्रभावित इलाकों में चिकित्सकों की टीमें भी तैनात कर दी गई हैं। केंद्र सरकार द्वारा 20 चिकित्सकों का विशेष दल सोमवार सुबह पूर्णिया पहुंच चुका है। वीरपुर बैराज के अधीक्षण अभियंता विष्णुकांत पाठक ने सोमवार को बताया कि कोसी का जलस्तर सोमवार सुबह से स्थिर है। वीरपुर बैराज में कोसी का जलस्तर सुबह आठ से 10 बजे के बीच 1.57 लाख क्यूसेक रहा।
इधर, वराह क्षेत्र में कोसी के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। वराह क्षेत्र में सुबह आठ बजे कोसी का जलस्तर 1.13 लाख क्यूसेक था जो 10 बजे बढ़कर 1.21 लाख क्यूसेक हो गया। बिहार के बाढ़ प्रभावित नौ जिलों सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, मधुबनी, भागलपुर और दरभंगा में कुल 123 मानव राहत शिविर तथा पशुओं के लिए 31 शिविर स्थापित किए गए हैं। इन शिविरों में 55 हजार से ज्यादा लोगों को रखा गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास ने कहा कि 4.25 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की तैयारी की गई है। संभावित आपदा की दृष्टि से अगले 70 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं और सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को वीरपुर, भपटियाही तथा सुपौल में बाढ़ की संभावित स्थिति का हवाई सर्वेक्षण के जरिए जायजा लिया। बाढ़ सहायता केंद्रों का निरीक्षण तथा बाढ़ से निपटने के लिए की गई तैयारियों का जायजा लेकर पटना लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "स्थिति भयावह हो जाने की आशंका है, लेकिन इस समय स्थिति सामान्य और नियंत्रण में है।"
नेपाल में हुए भूस्खलन से भूतकोसी नदी की धारा में उत्पन्न अवरोध से बिहार के करीब नौ जिलों में भीषण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। संभावित आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रही है। नेपाल की सेना भी रविवार को नदी के मार्ग में आए अवरोधक को हटाने में जुटी रही। भूस्खलन वाले क्षेत्र में नदी की धारा अवरुद्ध हो जाने से 28 लाख क्यूसेक पानी एक किलोमीटर के दायरे में जमा हो गया है।