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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (04 अगस्त)

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मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों,संग्रह अमीनों व संविदा शिक्षकों की हड़ताल विभागों में कामकाज ठप्प

देहरादून, 4 अगस्त(निस)। संशोधित स्टाफिंग पैटर्न को लागू किये जाने के विरोध में कलैक्ट्रेट सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल सोमवार को भी जारी रही। इस दौरान कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए कलैक्ट्रेट में धरना दिया। उत्तराखंड मिनिस्ट्रीयल कलैक्ट्रेट कर्मचारी संघ की अनिश्चितकालीन हडताल के दूसरे दिन भी विभिन्न विभागों  के मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों  ने कलैक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। उनका कहना था कि जिला प्रशासन को किसी भी प्रकार के संशोधित स्टाफिंग पैटर्न को लागू करने का अधिकार नहीं है, यह व्यवस्था पूर्व में लागू है, लेकिन जिलाधिकारी अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप कर रहे है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि दोहरी उपस्थिति पंजिका को लागू न किया जाये क्योंकि सरकारी कर्मचारियों को ही सेवा नियमावली में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं दी गई है इस दोहरी उपस्थिति का विरोध करने का निर्णय लिया गया है। उनका कहना है कि लघु अवकाश, चिकित्सा अवकाश, एवं आकस्मिक अवकाश को पूर्व में स्वीकृत कराने की व्यवस्था नहीं हे जिस कारण उक्त अवकाश को पूर्व में स्वीकृत कराये जाने का आदेश भी वापस लिये जाने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि जो संशोधित स्टाफिंग पैटर्न लागू किये जाने के आदेश पारित किये गये है उनका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि पूर्व में स्टाफिंग पैटर्न मुख्य राजस्व आयुक्त द्वारा स्वीकृत किया गया है जिसे संशोधित करने का अधिकार जिलाधिकारी को नहीं है और संशोधित स्टाफिंग पैटर्न आदेशों का व्यापक स्तर पर विरोध किया जायेगा कि इसे तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए अन्यथा आंदोलन को जारी रखा जायेगा। मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से कलैक्ट्रेट, बंदोबस्ती, तहसील, आरटीओ, शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों में कामकाज ठप्प रहा है और लोगों के प्रमाण पत्र तक नहीं बने, जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पडा। इस दौरान जिलाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार, सचिव देवेन्द्र सुंदरियाल, राजेन्द्र सिंह रावत, अजय गोयल, आशीष वर्मा, अजय सिंह, रविन्द्र कुमार, ऋषिपाल सिंह, सुशील बडोनी, बालक राम, साधना सक्सेना, बाला पुंडीर, रागिनी फरासी, राजेन्द्र कुमार सहित अन्य मिनिस्टीरियल कर्मचारी मौजूद थे।

संग्रह अमीनों ने दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी
पदोन्नति सहित अनेक मांगों को लेकर उत्तराखंड राजस्व संग्रह अमीन संघ की अनिश्चितकालीन हडताल सोमवार को भी जारी रही। संग्रह अमीनों ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगातेे हुए जोरदार नारेबाजी की।  उत्तराखंड राजस्व संग्रह अमीन संघ के बैनर तले संग्रह अमीनों की अनिश्चितकालीन हडताल सोमवार को परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर जारी रही। इस दौरान उन्होने कहा कि नायब तहसीलदार सेवा नियमावली में संग्रह अमीन संवर्ग का पदोन्नति कोटा पूर्व की भांति बहाल किये जाने की आवश्यकता है और इस व्यवस्था को 2009 में समाप्त कर दिया और पांच वर्ष व्यतीत होने के बाद भी अमीन संवर्ग की पदोन्नति की कोई व्यवस्था नहीं है जिससे रोष  है। उन्होने कहा कि दिसम्बर 13 में मंत्रीमंडल ने संग्रह अमीन संवर्ग की पदोन्नति की व्यवस्था पुनः नायब तहसीलदार पदों पर छह प्रतिशत की दर से किये जाने का संशोधन प्रस्ताव पारित किया गया परन्तु अभी तक इसका शासनादेश नहीं हो पाया है,  संग्रह अमीन संवर्ग से पदानवत किये गये नायब तहसीलदार के पुनः तदर्थ रूप से नायब तहसीलदार पदों पर बहाल किया जाना उचित है, वेतनमान बढाये जाने के लिए अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। अमीन संवर्ग का वेतनमान पूर्व से ही राजस्व विभाग के अन्य संवर्ग लेखपाल, पटवारी, मिनिस्ट्रीयल संवर्ग से अध्कि रहा है लेकिन अब उत्तराखंड में अन्य तीनों संवर्गों का वेतनमान बढाया जा चुका है और मीन संग्रह वर्ग को इससे वंचित रखा गया है। एक जनवरी 2006 से 5200 ग्रेड पे 2800 से उच्चीकृत किये जाने के आदेश दिये जाने की जरूरत है। उनका कहना है कि मूल नियुक्ति तिथि से सेवा लाभ नियुक्ति तिथि से नहीं दिया गया है और प्रदेश में एक समान नीति अपनाते हुए सभी संग्रह अमीनों को सेवा का लाभ मूल नियुक्ति तिथि से प्रदान किया जाये और इसके लिए सरकार को जल्द ही निर्णय लेना होगा। लेखन सामग्री भत्ता स्टेशनरी को कम से कम पांच सौ रूपये किये जाने की आवश्यकता है और इसके लिए कार्यवाही की जानी चाहिए। उनका कहना है कि  मांगों पर शीघ्र ही  कोई कार्यवाही न होने पर आंदोलन को तेज किया जायेगा।  धरने में संघ के प्रांतीय अध्यक्ष उदयवीर सिंह रावत, महामंत्री विरेन्द्र सिंह सजवाण, कोषाध्यक्ष विनोद शर्मा, राजेन्द्र नकोटी, भवानी रतूडी, सूरत सिंह पंवार, रणवीर ंिसह रावत, राजेश नेगी, सच्चिदानंद डोभाल, धर्मेन्द्र राही, पवन कुमार, रूद्र प्रताप बहुगुणा, राजेन्द्र सिंह, मोहन कुमार आदि संग्रह अमीन मौजूद थे।

संविदा शिक्षको के स्वास्थ्य में आने लगी गिरावट
उत्तराखण्ड पाॅलीटैक्निक संविदा शिक्षको का धरना सोमवार को 13वें दिन व आमरण अनशन सातवें दिन भी जारी रहा। इस दौरान अनशन पर बैठे संविदा शिक्षकों के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आती जा रही है। परेड ग्राउण्ड स्थित धरना स्थल पर अपनी पंाच सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे पाॅलीटेक्निक संविदा शिक्षको का धरना सोमवार को 13वें दिन भी जारी रहा। सोसाइटी के अध्यक्ष सर्वेश चैधरी सरकार उनकी मांगों के प्रति उदासिन बनी हुई है। उनके आंदोलन को इतने दिन बीत जाने के बाद भी सरकार या उनके किसी प्रतिनिधि की ओर से कोई अपेक्षित आश्वासन तक नही मिला जिसके चलतें संविदा शिक्षको में सरकार के प्रति रोष व्याप्त होने लगा है। उनका कहना था कि दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा संविदा शिक्षको के प्रतिनिधिमंडल  को वार्ता के नाम पर पूरे आठ घंटे तक बीजापुर गेस्ट हाउस में बिठायें रखा। इसके बाद भी शिक्षको की मांगों  पर केवल आश्वासन ही दिया है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा इस प्रकार के आश्वासन पहले भी दिये गये है जब तक सरकार लिखित में मांगों की पूर्ति का आश्वासन नही देती है जब तक आमरण अनशन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों में खगेन्द्र अवस्थी, नरेन्द्र पाठक, आशीष सेमवाल, महेशपाल, पूरन सिंह स्वाति, निधि दिव्या सिमरन, कविता,मुनीर, अरूण कुमार,कविता भण्डारी, जयवीर, सुमित कुमार, अंजलि समेत अन्य संविदा शिक्षक मौजूद रहे।

परिवार सहित धरना देगें पैरामेडिकल संविदा कर्मचारी
15-20 वर्षो से कार्य कर रहे ओएनजीसी पैरामेडिकल संविदा कर्मचारियों को बिना पूर्व सूचना के हटाये जाने के विरोध में भारतीय मजदूर संघ के बैनरतले आंदोलनरत संविदा पैरामेडिकल कर्मचारियों का धरना सोमवार को चैथे दिन भी जारी रहा।  ओएनजीसी चिकित्सालय के गेट के बाहर धरने पर बैठे 41 पैरामेडिकल संविदा कर्मचारियों में सरकार की ओर से हो रही अनेदेखी को लेकर खासा रोष है। पैरामेडिकल कर्मचारियों का कहना था कि उनकी सेवाओं को यथावत रखे जाने की मांग को लेकर वे आंदोलन कर  रहे हैं लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारियों ने मीडिया के माध्यम से अधिकारियों को अपनी आठ सूत्रीय मांगों का  ज्ञापन देने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि यादि इसके बाद भी प्रबंधन तंत्र की ओर से कोई कार्यवाही नही की गई तो सभी संविदा कर्मचारी अपने परिवार सहित धरने पर बैठ जायेगे। और उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन तंत्र की होगी। धरने  पर बैठे लोगो में चक्रधर प्रसाद, गीतांजलि जुगरान, राजीव गोयल व मदन पाल रश्मि सिंह, बीना, रतनलाल, पवन कुमार, महेश, स्मारिका, राजीव गोयल, नितिन चैटर्जी आदि शामिल है।

सावन के आखिरी सोमवार पर शिवालयों में जमकर हुआ जलाभिषेक

देहरादून, 4 अगस्त(निस)। श्रावण मास के अंतिम सोमवार को द्रोणनगरी के शिवालय हर-हर महादेव के  जयकारों से गूंज उठे। सावन के आखिरी सोमवार को भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने के लिए तड़के से ही तमाम शिवालयों में शिवभक्तों की लम्बी-लम्बी कतारें लगी हुई थी। जलाभिषेक के बाद मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया गया। प्रातःकाल से ही मंदिरों में बम-बम भोले के जयकारे गूंजने लगे थे, भगवान शिव की पूजा के लिये जलाभिषेेक का विशेष महत्व है। शहर में विभिन्न शिवालयों और मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया गया है। टपकेश्वर महादेव के जलाभिषेक के लिए जहां श्रद्धालु लाईन में खड़े हो कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, इस दौरान शिवभक्तों ने दूध, घी, दही, गंगाजल व गन्ने के रस से अभिषेक कर बेलपत्र, धतूरा, सफेद व फूलों से भगवान भोलेनाथ की पूजा की। गढ़ी डाकरा स्थित प्राचीन स्वयं भू लिंग श्री नागेश्वर महादेव मन्दिर में श्रावण मास के आखिरी सोमवार को जलाभिषेक कर अपनी-अपनी मनोकामनाओं के लिए प्रार्थना की।सावन के अंतिम सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा जलाभिषेक करने के साथ ही श्रावण मास का समापन भी हो गया हांलाकि जो लोग संक्रंाति से सावन की शुरूआत मानकर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर रहे हैं उनके लिये अभी सावन कुछ दिन और रहेगा।

राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कड़े फैसले जरूरी: सीएम

harish rawat
देहरादून, 4 अगस्त,(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने साफ कहा कि विकास के लिए राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने की जरूरत है। पत्रकारो से अनौपचारिक वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य के संसाधन सीमित हैं। यदि विकास किया जाना है तो राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने व शासन-प्रशासन को रिजल्ट ओरिएंटेड बनाने पर विशेष ध्यान देना होगा। उनका साफ कहना था कि उŸाराखण्ड की जनता के हित में कई ऐसे फैसले लेने की जरूरत है जो वर्तमान में हो सकता है अच्छे ना लगें, परंतु यदि ये निर्णय अभी नहीं लिए गए तो आने वाले चार पांच वर्षों में राज्य की स्थिति चिंताजनक हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि जितना हम इस राज्य से प्राप्त कर रहे हैं उतना प्रतिफल भी राज्य को बदले में दें। विकास की प्रतियोगिता में उŸाराखण्ड को आगे बढ़ाने के लिए हमें अपनी पूरी क्षमता के अनुसार काम करना होगा। सीएम ने कहा कि अधिकारियों की क्षमता पर पूरा भरोसा है। उन्हें चाहिए कि वे अपना सर्वोत्कृष्ट योगदान दें। राज्य अब और अधिक प्रतीक्षा नहीं कर सकता है। अधिकारियों को परिणाम देने ही होंगे।

‘नंदा राजजात यात्रा’ को लेकर राज्यपाल ने दिये निर्देश

देहरादून, 4 अगस्त,(निस)। राज्यपाल डा.अज़ीज़ कुरैशी ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि 18 अगस्त से प्रारंभ होने जा रही हिमालयी महाकुंभ ‘नंदा राजजात यात्रा’ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक गहन समीक्षा बैठक, यात्रा शुरू होने से एक सप्ताह पूर्व अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए। इस संदर्भ में मुख्य सचिव को लिखे पत्र में राज्यपाल ने मुख्य सचिव से यह अपेक्षा की है कि यह उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक राजभवन में आयोजित हो जिसमें सम्मिलित होने के लिए मुख्यमंत्री तथा राज्यसभा सांसद श्री तरूण विजय सहित सभी सम्बन्धित जनप्रतिनिधियों व वरिष्ठ अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर 12 से 15 अगस्त के बीच की कोई तिथि अनिवार्य रूप से निर्धारित कर ली जाए। उन्होंने कहा कि दुरूह पहाड़ी रास्तों से होकर संपन्न होने वाली, 280 कि.मी. लम्बी श्रद्धालुओं की इस पैदल महायात्रा के लिए सुनिश्चित सभी 19 यात्री पड़ावों में श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं व आवश्यक सुविधाओं की सघन समीक्षा नितान्त आवश्यक है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि श्रद्धालुओ के मध्य हिमालयी महाकुंभ के नाम से प्रचलित इस महायात्रा को पूर्णतः सुरिक्षत व सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना होगा तभी हमारी समृद्ध सांस्कृतिक व धार्मिक आस्था की विरासतों का संरक्षण व संवर्धन संभव हो सकेगा।

व्यवस्थाओं को सुधारे अधिकारी: रावत
  • सीएम ने किया रायपुर स्पोर्टस कालेज का निरीक्षण
देहरादून, 4 अगस्त,(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को रायपुर स्पोर्ट्स कालेज का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने आईस स्केटिंग रिंग, हाॅस्टल, एथलेटिक्स टेªक व केंटिन में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को व्यवस्थाओं को सुधारने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि इतने बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर के होते हुए भी इसका उपयोग ना हो पाना खेदजनक है। मुख्यमंत्री ने मैदान में घास की समय-समय पर कटाई किए जाने, परिसर की नियमित रूप से साफ-सफाई करने, पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था व हाॅस्टल के कमरों में वेंटिलेशन की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री वहां रह रहे बच्चों से भी मिले और कालेज की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। केंटिन में जाकर वे खाना खा रहे बच्चों उन्होंने हास्टल के अधिकारियों को भोजन की गुणवŸाा को सुधारने के साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि बच्चों को पीने के लिए आरओ का पानी मिले। सीएम ने कहा कि जो बच्चे खेल में अच्छा कर रहे हैं उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक प्रयास किया जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव गृह एमएच खान को निर्देश दिए कि पुलिस को जाइन करने वाले उत्कृष्ट खिलाडि़यों को हर सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। ऐसा ना हो कि सुविधाएं ना मिलने से उन्हें पुलिस की नौकरी छोड़नी पड़ रही है या फिर खेलना ही छोड़ना पड़ रहा हो। इस अवसर पर अंतराष्ट्रीय निशानेबाज जसपाल राणा, अपर सचिव विनोद शर्मा सहित खेल विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

किसानों को कृषि कार्यों से जोड़ बढ़ायी जाय उनकी आय:प्रीतम पंवार

देहरादून, 4 अगस्त,(निस)। प्रदेश के किसानों के लिए ऐसी योजनाओं का निर्माण करें जो एक ही जगह पर अवस्थापित हों जिससे किसानों का समय बचत होते हुए आय भी मजबूत हो सकें। उन्होंने कहा कि कृषि के साथ-साथ पशुपालन, मुर्गी पालन, भेड़ एवं बकरी पालन एवं अन्य गतिविधियों के प्रति किसानों का रुझान जिसमें सब्जी उत्पादन, उद्यान विभाग की फलोत्पादन एवं मत्स्य एवं दुग्ध उत्पाद से जोड़ा जाये जिससे किसानों को उनकी मेहनत का वाजिब लाभ प्राप्त हो सके। इसके लिये उनकी उपज का बाजार तैयार हो। उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़, ब्रहमखाल एवं बड़कोट हेतु राष्ट्रीय कृषि योजना के के सम्बन्ध में विधानसभा स्थित सभागार में मंत्री प्रीतम सिंह पंवार बैठक की। बैठक में उन्होंने कृषि योजना से जुड़े अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के किसानों के लिए ऐसी योजनाओं का निर्माण करें जो एक ही जगह पर अवस्थापित हों जिससे किसानों का समय बचत होते हुए आय भी मजबूत हो सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नौगाॅंव में सेब उत्पादन की अच्छी बैल्ट है इसे और अधिक विकसित किया जाये इसे और प्रोत्साहित करने के लिए मंत्री जी ने निर्देश दिये। बैठक में मंत्री जी ने चिन्यालीसौड़ में दुग्ध उत्पादन को बढावा देने के उद्देश्य से के0वी0के0 सेन्टर में दुग्ध प्लांट लगाने के निर्देश दिये जिससे क्षेत्र के उद्यमियों को पूर्ण सुविधा प्राप्त हो एवं उनका उत्पाद यातायात के अभाव में खराब न हो इसके लिए चिन्यालीसौड़ में दुग्ध प्लाट लगाने के निर्देश भी दिये। बैठक में पशुपालन  विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कम्पोजिट पशुपालन हसबैन्ड्री यूनिट मे कृषकों के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्राविधान है जिससे चिन्यालीसौड़, ब्रहमखाल एवं बड़कोट के लिए 23 लाख 45 हजार रू0 की योजनाओं का प्राविधान किया गया है। बैठक में कृषि विभाग के अधिकारियों ने मंत्री जी को अवगत कराया कि कृषि में वैज्ञानिक तकनीकों को ईजाद करने के लिए क्षेत्र के कृषकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा।सब्जी उत्पादक एवं फसलों के उत्पादन के लिए तीन ब्लाकों में 35 हजार लीटर क्षमता के 10 पौड़  का निर्माण कराया जायेगा। जिसमें प्रति यूनिट कास्ट तीन लाख रू. होगी जिसमें 27 लाख रू.की धनराशी सरकारी व्यय से खर्च की जायेगी। बैठक में उद्यान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विकास खण्ड चिन्यालीसौड़ में 20 पाली हाऊस 100 स्केवयर मीटर की भूमि पर निर्मित करवाये जायेंगे जिसके लिए 14 लाख 96 हजार रू. के बजट की आवश्यकता होगी। बैठक में उन्होंने बताया कि जो किसान सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं। उन्हें विभाग की ओर से बीज एवं नत्रजन प्रदान किये जा रहे हैं। बैठक मंे सचिव मत्स्य पी.एस.जंगपांगी, रेशन, प्रमुख सचिव उद्यान, प्रमुख सचिव पशुपालन, मत्स्य, उद्यान, डेयरी डा0 रणबीर सिंह, सचिव मत्स्य पी.एस.जंगपांगी, संयुक्त सचिव कृषि व उद्यान देवेन्द्र पालीवाल,  निदेशक रेशम एस.एस.शर्मा, संयुक्त निदेशक मत्स्य डा0एस0आर0चन्याल, निदेशक पशुपालन डा0 कमल महेरोत्रा, अपर निदेशक पशुपालन डा0 एस0एस0 विष्ट सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे। 

वन अनुसंधान संस्थान में मनाया गया वन महोत्सव

देहरादून, 4 अगस्त,(निस)। वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून द्वारा संस्थान परिसर के क्लब मैदान में सोमवार 04 अगस्त, 2014 को हरीतिमा पर्व ’’वनमहोत्सव’’ मनाया गया। इस शुभ अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन अनुसंधान संस्थान निदेशक डा0 पी0पी0 भोजवैद ने कृष्णा बरगद का पौधा रोपित किया। धार्मिक एवं औषधीय महत्वता के इस वृक्ष को वानस्पतिक नाम फाइकस कृष्णाई ;थ्पबने ातपेीदंमद्ध से जाना जाता है। फाइकस कृष्णाई का प्राचीन लोक साहित्य औषध में उपयोग हुआ है। इसके तने के छाल और पत्तियों का उपयोग मधुमेह के उपचार में होता है। डा0 भोजवेद ने सभी सम्बोधित करते हुए कहा कि देहरादून अपने आप में एक सूक्ष्म जलवायु (माइक्रो क्लाईमेट) क्षेत्र है परन्तु देहरादून में स्थित यह संस्थान एक उच्च कोटि का सूक्ष्म जलवाय ु(माइक्रो क्लाईमेट) क्षेत्र है जिसका मुख्य कारण 1200 एकड के संस्थान परिसर के लगभग दो तिहाई क्षेत्र वनों से आच्छादित है और इस दिशा में यह हमारा एक प्रयास है। उन्होने कहा कि यह संस्थान वानिकी से जुडा संस्थान है औरों की अपेक्षा हमारा दायित्व ही नहीं अपितु हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वनों के विकास के लिए समाज के हर वर्ग को वानिकी से जोडने में हमें प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होने यह भी कहा कि वन संपदा को सुरक्षित रखने तथा वृक्षों के प्रति आम समाज में प्रेम जागृत करने के उद्देश्य से शुरू किए गए वन महोत्सव के अंर्तगत प्रतिवर्ष देश के विभिन्न क्षेत्रों में भारी मात्रा में बहुउपयोगी वृक्ष लगाए जाते हैं। राष्ट्रीय हरितिमा पर्व के रूप में मनाए जाने वाले इस महोत्सव ने जनमानस में वृक्षारोपण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने में भरपूर योगदान दिया है, परन्तु अभी इस दिशा में हमें बहुत लम्बा रास्ता तय करना हैं। डा0 भोजवैद ने भारत के पूर्व वन मंत्री श्री कन्हैयालाल मुंशी जी का जिक्र करते हुए कहा कि वृक्षारोपण को विशेष रूप से  प्रोत्साहन देने के उद्देश्य मुशी जी ने वर्ष 1950 में सारे देश में हर वर्ष वन महोत्सव पर्व मनाने का आयोजन किया और वनों का संरक्षध व परिपालन कर उन्हे सत्त उपयोगी बनाए रखने के आदर्श का  भारत की राष्ट्रीय वन नीति में समावेशित किया। हमें इस हरितिमा पर्व व वन रोपण जैसे कार्यक्रमों को और अधिक सुगठित एवं संगठित प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि वृक्षारोपण की इस मुहिम में समाज के हर वर्ग को प्रेरित करने व जागरूक करने की आवश्यकता है, साथ ही रोपित किए गए वृक्षों के संरक्षण करने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए ताकि आने वाली पीढी को हम एक स्वच्छ व स्वस्थ पर्यावरण दे सकें।वन आनुवांिशकी एवं वृक्ष प्रजनन संस्थान, कोयम्बटूर के निदेशक, डा एन0 कृष्ण कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी कार्य की सफलता विशेषकर वहां के नागरिकों के समर्पण और सहयोगभाव पर निर्भर करती है। वनों के विस्तार व वनों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने में हमें जनमानस को जोडने के अधिक से अधिक प्रयास करने होंगे तभी हम देश में हरीतिमा लाने का सपना साकार कर सकते हैं। विशिष्ठ अतिथि के रूप में डा एन0 कृष्ण कुमार ने लसोडा वृक्ष ;ब्वतकपं उलगंद्ध का रोपण किया।  भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् के उपमहानिदेशक (प्रशासन) डा0 एस0पी0 सिंह ने हरड व उपमहानिदेशक (अनुसंधान) डा0 जी0 एस0 गोराया ने आंवले का पौधा रोपित किया। इस अवसर पर भारी मात्रा में वन अनुसंधान संस्थान व भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् के वरिष्ठ वन अधिकारी, वैज्ञानिक व कर्मचारियों ने विभिन्न वृक्ष प्रजातियों के पौधे रोपित किये। संस्थान परिसर में आयोजित इस हरीतिमा पर्व ’’वनमहोत्सव’’ में विभिन्न वृक्ष प्रजातियों जिनमें चिनार, केसिया जवैनिका, कृष्णा बरगद, रूद्राक्ष, तेजपत्ता, रक्त चन्दन, बहेडा, हरड, अर्जुन, करंज, रीठा, जामुन, आंवला, कुसुम, गूलर, सैलिक्स, सागौन, बरगद, जामुन, लसोडा आदि के लगभग सौ से अधिक पौधे रोपित किए गए। 



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