बारिश व भूस्खलन से चारधाम यात्रा मार्ग एक बार फिर बंद हो गए। इसके बावजूद यमुनोत्री, बदरीनाथ व केदारनाथ के लिए पैदल यात्रा जारी है, जबकि मार्ग बंद होने से गंगोत्री में पैदल यात्रा भी ठप है। पिथौरागढ़ में कैलास मानसरोवर मार्ग अभी तक बंद है और यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग से मानसरोवर भेजा जा रहा है। आगामी 24 घंटे में उत्तराखंड में हल्की से मध्यम व गरज के साथ बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में भी बरसात हुई पर दिल्ली में उमस से बुरा हाल रहा। उत्तर प्रदेश में नदियों का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। खतरे के निशान के नजदीक पहुंच रहे जल स्तर ने लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। ओड़िशा में भी बारिश की वजह से ट्रेनों के परिचालन पर आंशिक असर पड़ा।
बारिश के कारण यात्रा मार्गो पर हो रहे भूस्खलन से चारधाम यात्रियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। खराब मौसम के बावजूद सोमवार को हेमकुंड साहिब में 132, यमुनोत्री में पांच, बदरीनाथ में 60 व केदारनाथ में12 यात्री पहुंचे। रविवार रात भारी बारिश से बंद यमुनोत्री मार्ग सोमवार देर शाम तक भी नहीं खोला जा सका।
गंगोत्री मार्ग पर गंगनानी में लगातार भूस्खलन से मार्ग सोमवार को पांचवे दिन भी बंद रहा। इस मार्ग पर नेताला, लालढांग, मल्ला, चडे़थी, हेलगू, भुक्की व गंगनानी में भारी भूस्खलन हुआ है। बदरीनाथ मार्ग लामबगड़ व विष्णुप्रयाग में बंद है। केदारनाथ हाईवे गौरीकुंड, काकड़ागाड व सेमी के पास अवरुद्ध है। मार्ग बंद होने से कुंड, ऊखीमठ, गुप्तकाशी, फाटा व सोनप्रयाग के लिए आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई भी बंद रही। दूसरी ओर, रुद्रप्रयाग के लासी गांव में भूस्खलन के खतरे के चलते 17 परिवारों ने अपना घर छोड़कर दूसरे गांव में शरण ले ली है।